Logo

कार्तिक मास के फायदे

कार्तिक मास के फायदे

कार्तिक में मास करने के फायदे, गंगा किनारे बस जाती है पूरी बस्ती 



कार्तिक मास के दौरान लोग दिल खोल कर दान पुण्य करते हैं। भारतीय उपमहाद्वीप के उत्तर पूर्वी क्षेत्र में बसे वैसे लोग जो गंगा किनारे नहीं हैं वे कार्तिक माह में गंगा किनारे आकर रहते हैं। माना जाता है कि इस एक महीने के दौरान लोगों को गंगा स्नान करने से असीम कृपा प्राप्त होती है। पूरे मास के दौरान लोग अत्यधिक दान पुण्य भी करते हैं। कई लोग गंगा किनारे ही झोपड़ी बनाकर अपनी बस्ती बसा लेते हैं। और प्रत्येक दिन गंगा स्नान करते हैं। साथ ही अपने खान पान के अलावा दान पुण्य भी करते हैं। 

गंगा किनारे बस जाता है गांव 


कार्तिक में गंगा के किनारों पर एक अलग ही नजारा देखने को मिलता है। यहां एक गांव बस जाता है। दरअसल, हिंदू सनातन धर्म में कार्तिक मास का विशेष महत्त्व है। यह मास दीपावली के समय शुरू होता है और पूरे एक महीने तक चलता है। इस दौरान दान-पुण्य का महत्व अत्यधिक माना गया है। कार्तिक मास को पवित्रता, संयम और सेवा का महीना कहा जाता है। इसमें लोग विशेष रूप से गंगा नदी में स्नान करते हैं और व्रत व पूजा-अर्चना में संलग्न रहते हैं। हजारों लाखों की संख्या में लोग यहां गंगा में हर रोज डुबकी लगाते हैं। वे अपनी झोपड़ी या टेंट बनाकर यहां रहते हैं जिसमें अपने खाने पीने और सोने की व्यवस्था रखते हैं। 

पुण्य कमाने हेतु करते हैं मास


इस मास के दौरान लोग संयम, ब्रह्मचर्य और धार्मिक साधना का पालन करते हैं। लोग मानते हैं कि कार्तिक मास के दौरान किया गया स्नान और ध्यान जीवन के सभी पापों को नष्ट कर देता है। इस एक महीने तक धार्मिक क्रियाकलापों के साथ संयम रखने से मानसिक और आत्मिक शुद्धि प्राप्त होती है। इस मास का ब्रह्मचर्य एक कठोर संकल्प माना जाता है जिसमें गंगा स्नान, जप, तप, और ध्यान विशेष रूप से शामिल हैं। इस धार्मिक समर्पण से लोग स्वयं को जीवन के नकारात्मक प्रभावों से दूर करने की कोशिश करते हैं और उन्हें जीवन में सकारात्मकता का अनुभव होता है।

दान पुण्य रहता है स्थाई 


कार्तिक पूर्णिमा के दिन, गंगा में स्नान कर पूजा-अर्चना करने के बाद सर्वप्रथम अन्न का दान करने की परंपरा है। इस दौरान अन्नदान को सर्वश्रेष्ठ माना गया है। आप गरीबों, साधु-संतों, और भूखे लोगों को भोजन करवाकर पुण्य प्राप्त कर सकते हैं। अन्न दान के अलावा, गौ वंश को भोजन देने का भी विशेष महत्व है। गौ माता को चारा खिलाना, भोजन देना और उनकी सेवा करना इस दिन के पुण्य में शामिल किया गया है। मान्यता है कि कार्तिक पूर्णिमा के दिन दान पुण्य करने से ये सदा मनुष्य के साथ रहता है। कहा जाता है कि संकट के क्षणों में यही दान पुण्य का लेखा-जोखा मनुष्यों के काम आता है। इसलिए कार्तिक मास के पूर्णिमा के दिन अधिक से अधिक दान करना चाहिए। कार्तिक पूर्णिमा के दिन सुबह गंगा नदी में स्नान करके पूजा अर्चना के उपरांत सर्वप्रथम अन्न का दान करना चाहिए। इस दौरान आप लोगों को आहार ग्रहण करवा सकते हैं। अन्यथा आप गौ वंश को भी भोजन दे सकते हैं। 

........................................................................................................
देवशयनी एकादशी (Devashayanee Ekaadashee)

देवशयनी एकादशी आज, चार मास तक बंद रहेंगे शुभ कार्य, जानिए क्या है व्रत और पारायण का विधान

क्या है श्री जगन्नाथ रथ यात्रा और कब होता है इसका आयोजन ? (Kya hai shree jagannaath rath yaatra aur kab hota hai isaka aayojan ?)

क्या है श्री जगन्नाथ रथ यात्रा और कब होता है इसका आयोजन ?

रोते हुए शिव के चुप करने ब्रह्मा ने दिए थे 108 नाम (Rote Hue Shiv ke Chup karane Brahma Ne Die The 108 Naam)

रोते हुए शिव के चुप करने ब्रह्मा ने दिए थे 108 नाम

यह भी जाने

संबंधित लेख

HomeAartiAartiTempleTempleKundliKundliPanchangPanchang