श्रीकैलाशनाथ मंदिर, एलोरा, महाराष्ट्र
श्रीकैलाशनाथ मंदिर का महत्व:
यह मंदिर महाराष्ट्र के औरंगाबाद जिले में स्थित एलोरा की गुफाओं में है, इन गुफाओं को सह्याद्री पहाड़ियों की खड़ी बसाल्ट चट्टानों से उकेरा गया था। गुफा संख्या 16 जिसे एलोरा के कैलाश मंदिर के नाम से जाना जाता है।
२७६ फीट लम्बा , १५४ फीट चौड़ा इस मंदिर की खासियत ये है कि इसे केवल एक ही चट्टान को काटकर बनाया गया है। ऊंचाई की अगर बात करें तो यह मंदिर किसी दो या तीन मंजिला इमारत के बराबर है।
यह मंदिर परिसर नीचे से ऊपर की बजाय ऊपर से नीचे तक बनाया गया था। यह काम एक छेनी और हथौड़े से किया गया था। इस भव्य मंदिर को देखने के लिए सिर्फ भारत ही नहीं बल्कि दुनियाभर से लोग आते हैं।
कहा जाता है कि इस मंदिर के निर्माण में करीब 40 हजार टन वजनी पत्थरों को काटा गया था। यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है। इसकी सबसे बड़ी खासियत ये है कि इसका रूप हिमालय के कैलाश की तरह देने का प्रयास किया गया है। कहते हैं कि इसे बनवाने वाले राजा का मानना था कि अगर कोई इंसान हिमालय तक नहीं पहुंच पाए तो वो यहां आकर अपने अराध्य भगवान शिव का दर्शन कर ले।
माना जाता है कि इसे बनाने में 100 साल से भी ज्यादा का समय लगा था और करीब 7000 मजदूरों ने दिन-रात एक करके इस मंदिर के निर्माण में अपना योगदान दिया था।
श्रीकैलाशनाथ मंदिर की कथा:
इसका निर्माण राष्ट्रकुल के राजा कृष्ण प्रथम ने कराया था। कहा जाता है कि एक बार राजा गंभीर रूप से बीमार हो गए। जिसके बाद उनका काफी इलाज कराया गया लेकिन उनकी हालत में कोई सुधार नहीं आया। तब रानी ने भोलेनाथ से प्रार्थना की कि वह राजा को स्वस्थ कर दें। उनके स्वस्थ होते ही वह मंदिर का निर्माण करवाएंगी और मंदिर का शिखर देखने तक व्रत रखेंगी।
इसके बाद भगवान भोलेनाथ की कृपा से राजा बिलकुल स्वस्थ्य हो गए और रानी ने जब राजा को पूरी बात की जानकारी दी तो राजा ने कहा कि मंदिर के शिखर को बनने में तो कई साल लग जाएंगे तब तक तुम व्रत कैसे रखोगी। इतने वर्षों तक व्रत रख पाना संभव नहीं होगा। तब रानी ने भोलेनाथ से मदद मांगी।
मान्यता है कि तब उन्हें भगवान शिव से भूमिअस्त्र मिला। जो कि पत्थर को भी भाप बना सकता था। इस अस्त्र का जिक्र ग्रंथों में भी मिलता है। मान्यता है कि उसी अस्त्र से इस मंदिर का निर्माण हुआ और मंदिर बनने के बाद उस अस्त्र को मंदिर के नीचे गुफा में रख दिया गया। दुनियाभर के विज्ञानी भी यही मानते हैं कि इतने कम समय में पारलौकिक शक्तियों द्वारा ही ऐसे मंदिर का निर्माण संभव है। अन्यथा आज के समय में भी ऐसा मंदिर इतने कम समय में और एक पत्थर को ऊपर से नीचे तराश कर बनाना संभव नहीं है।
वैज्ञानिकों और शोधकर्ताओं के अनुमान के अनुसार इस पहाड़ी से लगभग 400,000 टन पत्थरों को काटा गया होगा। और इस कार्य में 7,000 लोग लगे होंगे, जिन्होंने करीब 150 साल तक काम किया होगा। लेकिन स्त्रोतों की मानें तो महज यह मन्दिर मात्र 17 वर्षों में बन कर तैयार हो गया था। कैलाश मंदिर देखने में जितना अद्धभुत दिखता है, उतना ही रहस्यमय है। इस मंदिर से कई रहस्य जुड़े हुए है।
श्रीकैलाशनाथ मंदिर में पूजा की विधि :
श्रीकैलाशनाथ मंदिर एक प्रसिद्ध हिन्दू मंदिर है जो एलोरा, महाराष्ट्र में स्थित है। यह मंदिर हिन्दू धर्म के शिव मंदिर के रूप में जाना जाता है और इसे एक प्रमुख धार्मिक और पर्यटन स्थल के रूप में माना जाता है। इस मंदिर में पूजा की विधि हिन्दू धर्म के अनुसार होती है।
पूजा की विधि में आमतौर पर निम्नलिखित चरणों को शामिल किया जाता है:
अभिवादन (प्रणाम): पूजा का आरंभ अभिवादन (नमस्कार) के साथ होता है, जिसमें शिव और उनकी परिवार के विभिन्न रूपों को नमस्कार किया जाता है।
स्नान (स्नान): शिवलिंग को गंगाजल और दूसरे स्नान सामग्रियों से स्नान कराया जाता है।
धूप (आरती): धूप के धुंआदार प्रदर्शन के रूप में आरती दी जाती है, जिसमें दिए की दिशा में घूमावदार आरती उत्सव किया जाता है।
चंदन और कुमकुम (अर्चना): शिवलिंग पर चंदन और कुमकुम का लेप किया जाता है, जो उनके प्रतिष्ठान को और भक्ति का अर्चना के रूप में उपयोग किया जाता है।
नैवेद्य (प्रसाद): भोग और प्रसाद के रूप में आत्मीय आहार और मिठाई का आह्वान किया जाता है, जो शिव को समर्पित किया जाता है।
स्तोत्र और आरती: भजन, कीर्तन, और आरती के रूप में भगवान शिव की प्रशंसा किया जाता है।
प्रदक्षिणा (पथ पूजा): शिवलिंग के चारों ओर प्रदक्षिणा किया जाता है, जिससे श्रद्धालुओं को अपने धर्मिक आदर्शों का सम्मान किया जाता है।
श्रीकैलाशनाथ मंदिर, एलोरा, महाराष्ट्र पहुँचने के लिए परिवहन सुविधाएं।
श्रीकैलाशनाथ मंदिर, एलोरा, महाराष्ट्र भारतीय परंपरा और धार्मिक स्थलों के रूप में प्रसिद्ध है। यहाँ आने के लिए विभिन्न परिवहन सुविधाएं हैं।
हवाई यातायात: निकटतम हवाई अड्डे और हवाई यातायात सुविधाएं इंदौर, नासिक, और मुंबई जैसे नगरों में हैं। एलोरा से लगभग 200 किलोमीटर की दूरी पर औरंगाबाद हवाई अड्डा सबसे निकट विकल्प है।
रेलवे: रेलमार्ग से भी एलोरा पहुंचना संभव है। नासिक, औरंगाबाद, और मुंबई से रेल सेवाएं उपलब्ध हैं, जो आपको एलोरा तक पहुंचा सकती हैं।
सड़क परिवहन: एलोरा तक बस सेवा भी उपलब्ध है। महाराष्ट्र और सम्पदा विभाग की बसें नासिक, पुणे, मुंबई, और औरंगाबाद से यहाँ पहुंचती हैं। तथा अपने व्यक्तिगत वाहन का उपयोग भी किया जा सकता है।
टैक्सी और ऑटोरिक्शा: स्थानीय टैक्सी और ऑटोरिक्शा सेवाएं मंदिर तक पहुंचने के लिए उपलब्ध हैं। यह स्थानीय परिवहन के उपयोगी और सुरक्षित विकल्प हो सकते हैं।
इन सभी सुविधाओं का उपयोग करके भारत के विभिन्न भागों से श्रीकैलाशनाथ मंदिर, एलोरा, महाराष्ट्र तक आसानी से पहुंचा जा सकता है।
श्रीकैलाशनाथ मंदिर, एलोरा, महाराष्ट्र के आस-पास कुछ होटल और गेस्ट हाउस की सूची निम्नलिखित है:
एलोरा, महाराष्ट्र में श्रीकैलाशनाथ मंदिर के आसपास कुछ अच्छे होटल और गेस्ट हाउस हैं जहाँ आप रुक सकते हैं। यहाँ कुछ विकल्प हैं:
एलोरा गेटवे लक्जरी रिसोर्ट (Ellora Gateway Luxury Resort): यह लक्जरी रिसोर्ट श्रीकैलाशनाथ मंदिर से कुछ किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। इसमें आरामदायक कमरे, अच्छा खाना, और सुविधाएं शामिल हैं।
एलोरा कोटेज (Ellora Cottages): यह गेस्ट हाउस एलोरा के पास स्थित है और पर्यटकों को आरामदायक कमरे और अच्छी सेवाएं प्रदान करता है।
होटल अजंता एंड एलोरा (Hotel Ajanta and Ellora): यह होटल अजंता और एलोरा के दर्शन करने वाले पर्यटकों के लिए अच्छा विकल्प है। यहाँ विभिन्न प्रकार के कमरे और विशेष आरामदायक सुविधाएं हैं।
होटल कैथेड्रल रिट्रीट (Hotel Cathedral Retreat): यह होटल भी श्रीकैलाशनाथ मंदिर के निकट स्थित है और आरामदायक कमरों के साथ अच्छी सुविधाएं प्रदान करता है।
विवेकानंद परिवार रिसॉर्ट (Vivekanand Family Resort): यह रिसॉर्ट एलोरा मंदिर से थोड़ी दूरी पर स्थित है और अच्छे सुविधाओं के साथ आरामदायक कमरे प्रदान करता है।
माधव गेस्ट हाउस (Madhav Guest House): यह गेस्ट हाउस श्रीकैलाशनाथ मंदिर के निकट स्थित है और साफ-सफाई और आरामदायक कमरे और अच्छी सेवाएं प्रदान करता है।
एलोरा इंटरनेशनल (Ellora International): यह होटल भी मंदिर के पास स्थित है और आरामदायक कमरे और महिलाओं के लिए विशेष सुरक्षा सुविधाएं प्रदान करता है।
गणेश गेस्ट हाउस (Ganesh Guest House): यह आरामदायक गेस्ट हाउस भी श्रीकैलाशनाथ मंदिर के आसपास है और बजट में अच्छे आरामदायक कमरे प्रदान करता है।
जगन्नाथ प्रीमियम होटल (Jagannath Premium Hotel): यह होटल एलोरा मंदिर से कुछ किलोमीटर की दूरी पर स्थित है और आरामदायक कमरे और बजट में अच्छी सुविधाएं प्रदान करता है।