उत्पन्ना एकादशी पर मां तुलसी के 108 नामों का जाप करें, होगी ऐश्वर्य की प्राप्ति
उत्पन्ना एकादशी हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण तिथि है, जो भगवान विष्णु और एकादशी माता की पूजा के लिए समर्पित है। इस साल यह तिथि 26 नवंबर 2024 को पड़ रही है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा करने के साथ-साथ तुलसी माता की पूजा भी की जाती है, जिन्हें धन की देवी मां लक्ष्मी का रूप माना जाता है। इस दिन व्रत रखने का भी विधान है। उत्पन्ना एकादशी के दिन तुलसी माता की पूजा करते समय उनके 108 नामों के मंत्रों का जाप करने का भी बहुत महत्व है। इससे देवी लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है। इस दिन तुलसी माता के 108 नामों के मंत्रों का जाप करने से जीवन में सुख-समृद्धि और ऐश्वर्य का आशीर्वाद मिलता है।
कब है उत्पन्ना एकादशी 2024?
पंचांग के अनुसार, मार्गशीर्ष माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि 26 नवंबर को देर रात 01 बजकर 01 मिनट पर शुरू होगी जो 27 नवंबर को देर रात 03 बजकर 47 मिनट तक जारी रहेगी। सनातन धर्म में सूर्योदय से तिथि की गणना की जाती है। इसलिए 26 नवंबर को उत्पन्ना एकादशी मनाई जाएगी। साधक 26 नवंबर को उत्पन्ना एकादशी का व्रत रख सकते हैं। वहीं, उत्पन्ना एकादशी का पारण 27 नवंबर को दोपहर 01 बजकर 12 मिनट से लेकर 03 बजकर 18 मिनट के बीच कर सकते हैं।
उत्पन्ना एकादशी 2024 पूजा का शुभ मुहूर्त
ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 5 बजकर 5 मिनट से लगभग 6 बजे तक
अभिजीत मुहूर्त - सुबह 11 बजकर 46 मिनट से 12 बजकर 29 मिनट तक
मां तुलसी के 108 नामों के मंत्र
- ॐ समायै नमः।
- ॐ द्विरदायै नमः।
- ॐ आराद्यै नमः।
- ॐ यज्ञविद्यायै नमः।
- ॐ महाविद्यायै नमः।
- ॐ गुह्यविद्यायै नमः।
- ॐ कामाक्ष्यै नमः।
- ॐ कुलायै नमः।
- ॐ श्रीयै नमः।
- ॐ भूम्यै नमः।
- ॐ भवित्र्यै नमः।
- ॐ सावित्र्यै नमः।
- ॐ सर्वेदविदाम्वरायै नमः।
- ॐ शंखिन्यै नमः।
- ॐ चक्रिण्यै नमः।
- ॐ चारिण्यै नमः।
- ॐ श्री तुलस्यै नमः।
- ॐ नन्दिन्यै नमः।
- ॐ देव्यै नमः।
- ॐ शिखिन्यै नमः।
- ॐ धारिण्यै नमः।
- ॐ धात्र्यै नमः।
- ॐ सावित्र्यै नमः।
- ॐ सत्यसन्धायै नमः।
- ॐ कालहारिण्यै नमः।
- ॐ गौर्यै नमः।
- ॐ देवगीतायै नमः।
- ॐ द्रवीयस्यै नमः।
- ॐ पद्मिन्यै नमः।
- ॐ सीतायै नमः।
- ॐ रुक्मिण्यै नमः।
- ॐ प्रियभूषणायै नमः।
- ॐ श्रेयस्यै नमः।
- ॐ श्रीमत्यै नमः।
- ॐ मान्यायै नमः।
- ॐ गौर्यै नमः।
- ॐ गौतमार्चितायै नमः।
- ॐ त्रेतायै नमः।
- ॐ त्रिपथगायै नमः।
- ॐ त्रिपादायै नमः।
- ॐ त्रैमूर्त्यै नमः।
- ॐ जगत्रयायै नमः।
- ॐ त्रासिन्यै नमः।
- ॐ गात्रायै नमः।
- ॐ गात्रियायै नमः।
- ॐ गर्भवारिण्यै नमः।
- ॐ शोभनायै नमः।
- ॐ चपलेक्षणायै नमः।
- ॐ पीताम्बरायै नमः।
- ॐ प्रोत सोमायै नमः।
- ॐ सौरसायै नमः।
- ॐ सुगन्धिन्यै नमः।
- ॐ सुवासनायै नमः।
- ॐ वरदायै नमः।
- ॐ सुश्रोण्यै नमः।
- ॐ चन्द्रभागायै नमः।
- ॐ यमुनाप्रियायै नमः।
- ॐ कावेर्यै नमः।
- ॐ मणिकर्णिकायै नमः।
- ॐ अर्चिन्यै नमः।
- ॐ स्थायिन्यै नमः।
- ॐ दानप्रदायै नमः।
- ॐ धनवत्यै नमः।
- ॐ सोच्यमानसायै नमः।
- ॐ शुचिन्यै नमः।
- ॐ श्रेयस्यै नमः।
- ॐ प्रीतिचिन्तेक्षण्यै नमः।
- ॐ विभूत्यै नमः।
- ॐ आकृत्यै नमः।
- ॐ आविर्भूत्यै नमः।
- ॐ प्रभाविन्यै नमः।
- ॐ गन्धिन्यै नमः।
- ॐ स्वर्गिन्यै नमः।
- ॐ गदायै नमः।
- ॐ वेद्यायै नमः।
- ॐ प्रभायै नमः।
- ॐ सारस्यै नमः।
- ॐ सरसिवासायै नमः।
- ॐ सरस्वत्यै नमः।
- ॐ शरावत्यै नमः।
- ॐ रसिन्यै नमः।
- ॐ काळिन्यै नमः।
- ॐ श्रेयोवत्यै नमः।
- ॐ यामायै नमः।
- ॐ ब्रह्मप्रियायै नमः।
- ॐ श्यामसुन्दरायै नमः।
- ॐ रत्नरूपिण्यै नमः।
- ॐ शमनिधिन्यै नमः।
- ॐ शतानन्दायै नमः।
- ॐ शतद्युतये नमः।
- ॐ शितिकण्ठायै नमः।
- ॐ प्रयायै नमः।
- ॐ धात्र्यै नमः।
- ॐ श्री वृन्दावन्यै नमः।
- ॐ कृष्णायै नमः।
- ॐ भक्तवत्सलायै नमः।
- ॐ गोपिकाक्रीडायै नमः।
- ॐ हरायै नमः।
- ॐ अमृतरूपिण्यै नमः।
- ॐ भूम्यै नमः।
- ॐ श्री कृष्णकान्तायै नमः।
- ॐ श्री तुलस्यै नमः।
- ॐ अक्षिण्यै नमः।
- ॐ अम्बायै नमः।
- ॐ सरस्वत्यै नमः।
- ॐ सम्श्रयायै नमः।
- ॐ सर्व देवत्यै नमः।
- ॐ विश्वाश्रयायै नमः
........................................................................................................