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15 April 2025 Panchang (15 अप्रैल 2025 का पंचांग)

15 April 2025 Panchang (15 अप्रैल 2025 का पंचांग)

Aaj Ka Panchang: आज 15 अप्रैल 2025 का शुभ मुहूर्त, राहुकाल का समय, आज की तिथि और ग्रह

Aaj Ka Panchang 15 April 2025: आज 15 अप्रैल 2025 वैशाख माह का तीसरा दिन है। साथ ही आज पंचांग के अनुसार वैशाख माह के कृष्ण पक्ष तिथि द्वितीया है। आज मंगलवार का दिन है। इस तिथि पर सिद्धि योग रहेगा। वहीं चंद्रमा रात्रि 8 बजकर 27 मिनट पर तुला राशि से वृश्चिक राशि में गोचर करेंगे। आपको बता दें, आज मंगलवार के दिन अभिजीत मुहूर्त सुबह 11 बजकर 56 मिनट से दोपहर 12 बजकर 47 मिनट तक रहेगा। इस दिन राहुकाल दोपहर 03 बजकर 34 मिनट से शाम 05 बजकर 11 मिनट तक रहेगा। आज वार के हिसाब से आप मंगलवार का व्रत रख सकते हैं, जो हनुमान जी को समर्पित होता है। साथ ही आज पहेला वैशाख है, इसे बंगाली नव वर्ष के रूप में भी जाना जाता है। आइए भक्त वत्सल के इस लेख में हम विस्तार से आपको आज के पंचांग के बारे में बताएंगे कि आज आपके लिए शुभ मुहूर्त क्या है। किस समय कार्य करने से शुभ परिणाम की प्राप्ति हो सकती है। साथ ही आज किन उपायों को करने से लाभ हो सकता है। 

आज का पंचांग 15 अप्रैल 2025

  • तिथि - वैशाख कृष्ण पक्ष द्वितीया तिथि 
  • नक्षत्र - विशाखा 
  • दिन/वार - मंगलवार
  • योग - सिद्धि 
  • करण - गर और वणिज

वैशाख कृष्ण पक्ष द्वितीया तिथि प्रारंभ - 14 अप्रैल सुबह 08:25 बजे 

वैशाख कृष्ण पक्ष द्वितीया तिथि समाप्त - 15 अप्रैल सुबह 10:55 बजे 

सूर्य-चंद्र गोचर

  • सूर्य - मेष राशि में रहेंगे। 
  • चंद्र - चंद्रमा तुला राशि में रहेंगे। 

सूर्य और चंद्रमा का मुहूर्त

  • सूर्योदय- सुबह 5 बजकर 56 मिनट पर 
  • सूर्यास्त -  शाम 6 बजकर 47 मिनट पर 
  • चन्द्रोदय - 15 अप्रैल रात्रि 09 बजकर 03 मिनट पर 
  • चन्द्रास्त - 16 अप्रैल सुबह 06 बजकर 54 मिनट पर 

आज का शुभ मुहूर्त और योग 15 अप्रैल 2025

  • सर्वार्थ सिद्धि योग - नहीं है।
  • त्रिपुष्कर योग - प्रात:काल 05:56 बजे से सुबह 10:55 बजे तक।
  • ब्रह्म मुहूर्त - प्रात:काल 04:26 बजे से सुबह 05:11 बजे तक।
  • अभिजीत मुहूर्त - सुबह 11:56 बजे से दोपहर 12:47 बजे तक। 
  • अमृत काल -  शाम 05:17 बजे से शाम 07:05 बजे तक 
  • विजय मुहूर्त  -  दोपहर 02:30 बजे से दोपहर 03:21 बजे तक।
  • गोधूलि मुहूर्त  - शाम 06:46 बजे से शाम 07:08 बजे तक।
  • संध्या मुहूर्त - शाम 06:47 बजे से शाम 07:54 बजे तक।

आज का अशुभ मुहूर्त 15 अप्रैल 2025

  • राहु काल  - दोपहर 03:34 बजे से शाम 05:11 बजे तक। 
  • गुलिक काल  - दोपहर 12:21 बजे से दोपहर 01:58 बजे तक।
  • यमगंड  - सुबह 09:08 बजे से सुबह 10:45 बजे तक।
  • दिशाशूल  - उत्तर, इस दिशा में यात्रा करने से बचना चाहिए।
  • दुर्मुहूर्त  -  सुबह 08:30 बजे से सुबह 09:21 बजे तक और रात्रि 11:14 बजे से रात्रि 11:59 बजे तक। 
  • आडल योग - प्रात:काल 05:56 बजे से 16 अप्रैल रात्रि 03:10 बजे तक। 

15 अप्रैल 2025 पर्व/त्योहार/व्रत

  • मंगलवार- आज आप मंगलवार का व्रत रख सकते हैं, जो हनुमान जी को समर्पित है। 
  • पहेला वैशाख - पश्चिम बंगाल में मेष संक्रान्ति को नबा बरशा या पोहेला बोइशाख के रूप में मनाया जाता है, जो बंगाली कैलेण्डर का प्रथम दिवस है। इसे बंगाली नव वर्ष के रूप में भी जाना जाता है और यह पश्चिम बंगाल, असम, त्रिपुरा और बांग्लादेश के बंगाली समुदायों में मनाया जाता है। असम में इसे बिहू के रूप में मनाया जाता है, जिसे असमिया नव वर्ष के रूप में भी जाना जाता है।

आज का उपाय 15 अप्रैल 2025

15 अप्रैल को सिद्धि योग बन रहा है। सिद्धि को अधिकांश शुभ कार्यों के लिये श्रेष्ठ माना जाता है। इसीलिये यह शुभ मुहूर्त में स्वीकृत है। इस दिन कुछ विशेष उपाय करने से आपको अपने जीवन में सफलता, समृद्धि, और सुख की प्राप्ति हो सकती है। आज के दिन दान-पुण्य करने से आपको पुण्य मिलेगा और आपके जीवन में सकारात्मक परिवर्तन आएंगे। 

मंगलवार के उपाय - मंगलवार के दिन भगवान हनुमान को प्रसन्न करने के लिए कई उपाय किए जा सकते हैं। सबसे पहले सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और फिर हनुमान मंदिर में जाकर भगवान हनुमान की पूजा करें। उन्हें लाल सिंदूर और चमेली के फूल चढ़ाएं। इसके अलावा, आप हनुमान चालीसा का पाठ भी कर सकते हैं। मंगलवार के दिन हनुमान जी की पूजा करने से शक्ति और साहस में वृद्धि होती है और जीवन में सुख-समृद्धि आती है।

15 अप्रैल 2025 आज के पंचांग का महत्व

आज विशाखा नक्षत्र है। विशाखा को अधिकांश शुभ कार्यों के लिये सामान्य माना जाता है। इसीलिये यह शुभ मुहूर्त में स्वीकृत है। साथ ही वैशाख माह चल रहा है। वैशाख का महीना भगवान विष्णु को समर्पित होता है, इसलिए इस माह श्री हरि की पूजा विधिवत करे। साथ ही आज वार कि हिसाब से आप हनुमान जी की पूजा कर सकते हैं। 


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श्री लड्डू गोपाल चालीसा (Shri Laddu Gopal Chalisa)

श्री राधापद कमल रज, सिर धरि यमुना कूल |
वरणो चालीसा सरस, सकल सुमंगल मूल ||

श्री सूर्य देव चालीसा (Shri Surya Dev Chalisa)

कनक बदन कुण्डल मकर, मुक्ता माला अङ्ग।
पद्मासन स्थित ध्याइए, शंख चक्र के सङ्ग॥

श्री ब्रह्मा चालीसा (Shri Brahma Chalisa)

जय ब्रह्मा जय स्वयम्भू, चतुरानन सुखमूल।
करहु कृपा निज दास पै, रहहु सदा अनुकूल।

करवा चौथ व्रत कथा (Karva Chauth Vrat Katha)

एक साहूकार था जिसके सात बेटे और एक बेटी थी। सातों भाई व बहन एक साथ बैठकर भोजन करते थे। एक दिन कार्तिक की चौथ का व्रत आया तो भाई बोला कि बहन आओ भोजन करें।

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