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मुंडन शुभ मुहूर्त जून 2025

मुंडन शुभ मुहूर्त जून 2025

June 2025 Mundan Muhurat : जून 2025 में कर रहे हैं बच्चे के मुंडन का प्लान? यहां जानें शुभ मुहूर्त और नक्षत्र

जून 2025 में मुंडन संस्कार के लिए शुभ मुहूर्त

मुंडन संस्कार के संदर्भ में जून का महीना विशेष महत्व रखता है, खासकर 2025 में। जिस तरह जून की गर्मी जीवन में जोश और ऊर्जा लाती है, उसी तरह इस महीने में किए गए संस्कार से बच्चे को आशीर्वाद और सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त होती है। हिंदू कैलेंडर के अनुसार, जून 2025 में 6, 11, 16, 26 और 27 जून की तिथियां मुंडन संस्कार के लिए शुभ मानी जाती हैं।

  • 6 जून 2025, शुक्रवार, शुभ मुंडन मुहूर्त: सुबह 06:34 बजे से 07 जून 2025, सुबह 04:50 बजे तक, नक्षत्र: हस्त।
  • 11 जून 2025, बुधवार, शुभ मुंडन मुहूर्त: सुबह 05:22 बजे से दोपहर 01:15 बजे तक, नक्षत्र: ज्येष्ठा।
  • 16 जून 2025, सोमवार, शुभ मुंडन मुहूर्त: सुबह 05:22 बजे से दोपहर 03:34 बजे तक, नक्षत्र: धनिष्ठा।
  • 26 जून 2025, गुरुवार, शुभ मुंडन मुहूर्त: दोपहर 01:27 बजे से 27 जून 2025, सुबह 05:24 बजे तक, नक्षत्र: आर्द्रा।
  • 27 जून 2025, शुक्रवार, शुभ मुंडन मुहूर्त: सुबह 05:25 बजे से 28 जून 2025, सुबह 05:25 बजे तक, नक्षत्र: पुनर्वसु।

मुंडन संस्कार का महत्व

सनातन धर्म में मुंडन संस्कार एक अनिवार्य संस्कार माना जाता है जिसे शुभ मुहूर्त में संपन्न कराया जाता है। इसका धार्मिक और वैज्ञानिक दोनों दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण माना जाता है।

धार्मिक महत्व

  • पापों का नाश: मुंडन संस्कार के दौरान बच्चे के सिर के बालों को काटने से उसके पिछले जन्म के पापों का नाश होता है।
  • आत्मा की शुद्धि: मुंडन संस्कार बच्चे की आत्मा की शुद्धि का प्रतीक है।
  • नई शुरुआत: मुंडन संस्कार बच्चे के जीवन की नई शुरुआत का प्रतीक है।
  • बच्चे के जीवन में सकारात्मकता: मुंडन संस्कार कराने से बच्चे के जीवन में सकारात्मकता और सुख-समृद्धि की प्राप्ति हो सकती है।

वैज्ञानिक महत्व

  • बालों की स्वच्छता: मुंडन संस्कार के दौरान बच्चे के सिर के बालों को काटने से उसके सिर की स्वच्छता बनी रहती है।
  • सिर की सेहत: मुंडन संस्कार बच्चे के सिर की सेहत के लिए भी फायदेमंद है।
  • मानसिक शांति: मुंडन संस्कार बच्चे को मानसिक शांति प्रदान करता है।
  • बच्चे की बुद्धि: मुंडन संस्कार कराने से बच्चे की बुद्धि में वृद्धि हो सकती है, क्योंकि यह संस्कार बच्चे के मन और बुद्धि को शुद्ध करने में मदद करता है।
  • बच्चे की सेहत: मुंडन संस्कार कराने से बच्चे की सेहत में सुधार हो सकता है, क्योंकि यह संस्कार बच्चे के शरीर से नकारात्मक ऊर्जा को दूर करने में मदद करता है।

पारंपरिक महत्व

मुंडन संस्कार एक पारंपरिक और सांस्कृतिक महत्व रखता है, जो परिवार और समाज में सम्मान और प्रतिष्ठा को बढ़ाता है।

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क्यों मनाते हैं मकर संक्रांति

सनातन हिंदू धर्म में सूर्य देवता से जुड़े कई प्रमुख त्‍योहार मनाने की परंपरा है। इन्‍हीं में से एक है मकर संक्रांति। शास्‍त्रों में मकर संक्रांति पर स्‍नान-ध्‍यान और दान करने से विशेष फल प्राप्त होता है।

मकर संक्रांति पर विशेष उपाय

2025 में, मकर संक्रांति 14 जनवरी को है। इस त्योहार को देश के सभी लोग अलग-अलग तरीके से मनाते हैं। मकर संक्रांति के दिन सूर्यदेव धनु राशि को छोड़कर मकर राशि में प्रवेश करते हैं।

मकर संक्रांति पर तिल के लड्डू क्यों खाते हैं

मकर संक्रांति, हिंदू धर्म के प्रमुख त्योहारों में से एक माना जाता है। इस दिन भगवान सूर्य धनु से मकर राशि में प्रवेश करते हैं। यह दिन भगवान सूर्य को समर्पित होता है।

मकर संक्रांति पर खिचड़ी क्यों बनती है

मकर संक्रांति का त्योहार आगामी 14 जनवरी को है। देश के कई हिस्सों में इसे खिचड़ी के नाम से भी जाना जाता है। खिचड़ी के चावल से चंद्रमा और शुक्र की शांति संबंधित है।

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