वाहन खरीदना एक महत्वपूर्ण कार्य होता है, जहां आपका एक सपना वास्तविकता में बदलने वाला होता है। हिंदू धर्म में जिस तरह लोग मांगलिक कार्य से पहले शुभ मुहूर्त देखते हैं, उसी तरह संपत्ति, वाहन, भूमि खरीदने से पहले भी शुभ मुहूर्त देखा जाता है। मान्यता है कि शुभ समय में वाहन खरीदने से गाड़ी के मालिक के जीवन में सफलता का मार्ग प्रशस्त होता है। यह न केवल आपके वाहन से जुड़ी समस्याओं को कम कर सकता है, बल्कि आपके जीवन में समृद्धि और सौभाग्य भी ला सकता है। अगर आप भी जून 2025 में नए वाहन खरीदने का प्लान कर रहे हैं, तो इस आर्टिकल में शुभ तिथियां, शुभ मुहूर्त और नक्षत्र बताए गए हैं। इन मुहूर्तों में आप कार, बाइक, ट्रक और अन्य सभी तरह के वाहनों की खरीदी कर सकते हैं।
अगर आप जून 2025 में वाहन खरीदने की योजना बना रहे हैं, तो यहां कुछ शुभ मुहूर्त हैं जो आपके लिए उपयुक्त हो सकते हैं:
5 जून 2025, गुरुवार
6 जून 2025, शुक्रवार
8 जून 2025, रविवार
15 जून 2025, रविवार
16 जून 2025, सोमवार
20 जून 2025, शुक्रवार
23 जून 2025, सोमवार
27 जून 2025, शुक्रवार
वाहन खरीदना एक महत्वपूर्ण निर्णय है और सही समय पर इसकी खरीदारी करना आपके लिए बेहतर अनुभव प्रदान कर सकता है। ज्योतिषीय दृष्टि से कुछ दिन और समय वाहन खरीदने के लिए अधिक अनुकूल होते हैं। सोमवार, बुधवार, गुरुवार, शुक्रवार और रविवार जैसे दिन वाहन खरीदने के लिए अच्छे विकल्प हो सकते हैं। शनिवार को शनि ग्रह से जुड़े होने के कारण इससे बचना चाहिए।
शुक्रवार का दिन विशेष रूप से अनुकूल है और एकादशी को भी एक शुभ दिन के रूप में देखा जाता है। नक्षत्रों के मामले में स्वाति, पुनर्वसु, शतभिषा, रोहिणी और धनिष्ठा जैसे नक्षत्र वाहन खरीद के लिए शुभ होते हैं।
अश्विनी और मघा जैसे नक्षत्र भी वाहन खरीदने के लिए शुभ माने जाते हैं। चंद्र राशि के पहले, तीसरे, पांचवें, छठे, दसवें, ग्यारहवें, तेरहवें दिन और पूर्णिमा जैसी तिथियां शुभ मानी जाती हैं।
राहु काल के दौरान वाहन खरीदना या बेचना नहीं चाहिए और अमावस्या के दिन भी खरीदारी करने से बचना चाहिए। अपनी जन्म कुंडली का विश्लेषण करने के लिए ज्योतिषी से परामर्श करने से ग्रहों की स्थिति के आधार पर उपयुक्त दिन निर्धारित करने में मदद मिलती है। सुनिश्चित करें कि चंद्रमा आपकी जन्म कुंडली के छठे, आठवें या बारहवें घर में न हो।
मां काली को शक्ति, विनाश और परिवर्तन की प्रतीक हैं। उन्हें दुर्गा का एक रूप माना जाता है और वे दस महाविद्याओं में से एक हैं। मां काली का रूप उग्र और भयानक है, लेकिन वे अपने भक्तों के लिए सुरक्षा प्रदान करती हैं।
मत्स्य अवतार भगवान विष्णु के दस अवतारों में से प्रथम है। मत्स्य का अर्थ है मछली। इस अवतार में भगवान विष्णु ने मछली के रूप में आकर पृथ्वी को प्रलय से बचाया था।
देवाधिदेव महादेव के लिए ही प्रदोष व्रत किया जाता है। धार्मिक मान्यता है कि प्रदोष व्रत के दिन महादेव का पूजन किया जाए तो प्रभु प्रसन्न होकर भक्तों पर अपनी कृपा बरसाते हैं। साथ ही उनके सभी कष्टों का भी निवारण कर देते हैं।
हिंदू धर्म में, प्रत्येक महीने के कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी को प्रदोष व्रत मनाया जाता है। ज्योतिषीय गणना के अनुसार, फरवरी माह का पहला प्रदोष व्रत 9 फरवरी को मनाया जाएगा। सप्ताह के सातों दिनों में से जिस दिन प्रदोष व्रत पड़ता है उसी के नाम पर उस प्रदोष का नाम रखा जाता है।