Aaj Ka Ank Jyotish, 13 June 2025: आज का दिन यानि 13 जून 2025, अंक ज्योतिष के अनुसार बेहद खास माना जा रहा है। आज की तारीख 1+3+6+2+0+2+5 = 19 यानी 1+9 = 10 और 1+0 = 1। यानी आज का मूलांक 1 है। यह अंक सूर्य का प्रतीक होता है और आत्मविश्वास, नेतृत्व और महत्वाकांक्षा को दर्शाता है। ऐसे में आइए जानते हैं मूलांक 1 से लेकर 9 तक के जातकों के लिए कैसा रहेगा दिन...
आज का दिन आपके लिए ऊर्जा से भरपूर है। आत्मविश्वास ऊंचाई पर रहेगा। कार्यक्षेत्र में नए अवसर मिल सकते हैं। परंतु अहंकार से बचें, नहीं तो रिश्तों में दूरियां आ सकती हैं।
आपकी भावनाएं आज हावी रह सकती हैं। पारिवारिक मामलों में संवेदनशीलता जरूरी है। नौकरी या व्यापार में निर्णय सोच-समझकर लें। कोई महिला आपकी मदद कर सकती है।
आज का दिन आपके लिए रचनात्मक ऊर्जा लेकर आया है। जो लोग शिक्षा, कला या लेखन से जुड़े हैं, उन्हें लाभ होगा। जीवनसाथी से सहयोग मिलेगा। धार्मिक कामों में रुचि बढ़ेगी।
आज आपको थोड़ा सतर्क रहने की जरूरत है। कोई पुरानी योजना अचानक रुक सकती है। तकनीकी या प्रशासनिक क्षेत्र के लोग संभलकर कदम बढ़ाएं। सेहत का ख्याल रखें।
आज का दिन आपके लिए परिवर्तन और यात्रा से जुड़ा हो सकता है। नई जगह से संपर्क या सूचना मिलेगी। युवाओं के लिए करियर में अच्छा मौका बन सकता है। मोबाइल या मीडिया से जुड़े लोगों को लाभ।
आज प्रेम और सौंदर्य से जुड़ी ऊर्जा बनी रहेगी। रिश्तों में मिठास रहेगी। फैशन, कला, फिल्म या होम डेकोर से जुड़े लोग सफल रहेंगे। खर्चों पर नियंत्रण रखें।
आज का दिन आत्मचिंतन के लिए अच्छा है। अंदर से जोश कम हो सकता है, लेकिन मानसिक रूप से आप मजबूत रहेंगे। पुराने दोस्त से मुलाकात हो सकती है। आध्यात्मिक गतिविधियों में मन लगेगा।
धैर्य और संयम आज आपका सबसे बड़ा हथियार होगा। कार्यस्थल पर अधिक मेहनत करनी पड़ सकती है, लेकिन परिणाम सकारात्मक मिलेंगे। कोर्ट-कचहरी से जुड़े मामलों में सतर्क रहें।
आज का दिन ऊर्जा से भरपूर रहेगा। साहसिक फैसले लेने में आप आगे रहेंगे। युवाओं को प्रतियोगिता में सफलता मिल सकती है। हालांकि गुस्से पर नियंत्रण रखें, वरना कोई करीबी नाराज हो सकता है।
डिस्क्लेमर (अस्वीकरण): यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है।
तुम करलो प्रभु से प्यार,
अमृत बरसेगा,
तुम करुणा के सागर हो प्रभु
मेरी गागर भर दो थके पाँव है
तुम राम के पुजारी,
हो बाल ब्रम्हचारी,
तुम रूठे रहो मोहन,
हम तुम्हे मना लेंगे,