Aaj Ka Ank Jyotish, 19 July 2025: अंक ज्योतिष में मूलांक को व्यक्ति के स्वभाव, भाग्य और जीवन के फैसलों का संकेतक माना गया है। आप अपने जन्म की तारीख से ही अपने मूलांक का पता लगा सकते हैं। जैसे कि अगर किसी व्यक्ति का जन्म किसी भी माह की 25 तारीख को हुआ है, तो 2+5 = 7। यानी उस व्यक्ति का मूलांक 7 माना जाएगा। हर मूलांक किसी खास ग्रह से जुड़ा होता है, जो उस व्यक्ति के जीवन पर विशेष प्रभाव डालता है। हर सप्ताह, ग्रहों की चाल और अंक प्रभाव के आधार पर कुछ मूलांक वाले जातकों के लिए समय विशेष रूप से लाभकारी और शुभ रहता है। ऐसे में आइए जानते हैं 19 जुलाई 2025 का अंक ज्योतिष राशिफल।
आज का दिन आत्मविश्वास से भरपूर रहेगा। जो काम लंबे समय से अधूरे थे, वे पूरे हो सकते हैं। नई शुरुआत के लिए दिन अच्छा है। पिता या उच्च अधिकारी से सहयोग मिल सकता है।
आज भावनाएं थोड़ी ज्यादा सक्रिय रहेंगी। घर-परिवार की जिम्मेदारियां बढ़ सकती हैं। किसी महिला मित्र या परिजन से लाभ मिल सकता है। आप अपनी समझदारी और सूझबूझ से हर जिम्मेदारी को पूरा कर लेंगे।
नया काम शुरू करने के लिए समय अनुकूल है। आप अपने तरीके से काम करेंगे और सफलता मिलेगी। तकनीकी या शोध से जुड़े लोगों को लाभ होगा। सतर्क रहकर निवेश करें।
बुद्धि और वाणी से आज लाभ मिलेगा। जो लोग मार्केटिंग, मीडिया या व्यापार से जुड़े हैं उन्हें खास अवसर मिल सकता है। छोटी यात्रा संभव है। फोन कॉल या मेल से खुशखबरी मिल सकती है।
पारिवारिक जीवन अच्छा रहेगा। प्रेम जीवन में रोमांस बढ़ सकता है। कला, सौंदर्य और फैशन से जुड़े लोगों को तरक्की मिल सकती है। आज खुद के लिए समय निकालें।
आज आत्मचिंतन का दिन है। अकेले रहकर सोचने से कई उलझनों के हल मिल सकते हैं। आध्यात्मिक रुझान बढ़ेगा। किसी बुजुर्ग या गुरु से मार्गदर्शन मिल सकता है।
परिश्रम से ही सफलता मिलेगी। अगर आप किसी कठिन कार्य में लगे हैं, तो आज उसमें हल्का सुधार दिखाई देगा। धैर्य रखें, जल्द ही बड़ी सफलता मिलेगी। सेहत का ख्याल रखें।
कार्यक्षेत्र में आपको कुछ नया और रचनात्मक करने का मौका अवसर भी प्राप्त हो सकता है। व्यापार के मामले में किसी पुराने निवेश या कानूनी मामले में समस्या का समाधान मिलने की संभावना है।
डिस्क्लेमर (अस्वीकरण): यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है।
आरती श्री वृषभानुसुता की, मंजुल मूर्ति मोहन ममता की।
त्रिविध तापयुत संसृति नाशिनि, विमल विवेक विराग विकासिनि।
आरति श्रीवृषभानुलली की, सत-चित-आनन्द कन्द-कली की॥
भयभन्जिनि भवसागर-तारिणी, पाप-ताप-कलि-कलुष-निवारिणी,
आरती श्री जनक दुलारी की, सीताजी श्रीरघुवर प्यारी की॥
आरती श्री जनक दुलारी की, सीताजी श्रीरघुवर प्यारी की॥
ॐ जय यमुना माता, हरि ॐ जय यमुना माता।
जो नहावे फल पावे, सुख सम्पत्ति की दाता॥