Aaj Ka Ank Jyotish, 8 June 2025: अंक ज्योतिष के अनुसार, हमारे जीवन पर अंकों का गहरा असर होता है। हर तारीख और हर अंक का एक विशेष महत्व होता है, जो व्यक्ति के व्यवहार, सोच और भाग्य को प्रभावित करता है। आज हम बात करेंगे 8 जून 2025 का दिन किन अंकों के लिए शुभ रहेगा और किसे थोड़ी सावधानी बरतने की जरूरत है। तो चलिए जानते हैं आज के मूलांक के आधार पर विभिन्न अंकों के जातकों के लिए दिन कैसा रहेगा।
आज का दिन नए विचारों और आत्मविश्वास से भरा रहेगा। कामकाज में नए अवसर मिल सकते हैं। सरकारी कामों में सफलता मिलेगी। हालांकि अहंकार से बचें, नहीं तो रिश्तों में खटास आ सकती है।
भावनात्मक रूप से आज आप थोड़ा अस्थिर महसूस कर सकते हैं। पारिवारिक मामलों में संतुलन बनाए रखें। किसी करीबी से भावनात्मक सहयोग मिलेगा। वित्तीय मामलों में थोड़ा संभलकर कदम उठाएं।
आज आपको कार्यक्षेत्र में तरक्की के संकेत मिल सकते हैं। उच्च अधिकारी आपसे प्रभावित होंगे। शिक्षा, बैंकिंग और मैनेजमेंट क्षेत्र के लोग लाभ में रहेंगे। शाम तक कोई खुशखबरी मिल सकती है।
आज का दिन थोड़ा उतार-चढ़ाव भरा रह सकता है। मन में बेचैनी रह सकती है। कार्यक्षेत्र में किसी नए व्यक्ति पर जल्दी भरोसा न करें। संयम और धैर्य से काम लें तो स्थिति सुधरेगी।
आज का दिन यात्रा और संचार के लिए अनुकूल है। व्यापार से जुड़े लोग नए संपर्क बनाएंगे जो आगे चलकर लाभ देंगे। विद्यार्थियों को परीक्षा में सफलता के योग हैं। सेहत सामान्य रहेगी।
पारिवारिक जीवन में सुख-शांति बनी रहेगी। प्रेम जीवन में मधुरता आएगी। नौकरीपेशा लोगों को सहकर्मियों का सहयोग मिलेगा। आज किसी खरीदारी में पैसा खर्च हो सकता है लेकिन लाभदायक रहेगा।
कोई पुराना अनुभव आज काम आएगा। रुके हुए कामों में प्रगति हो सकती है। धार्मिक या आध्यात्मिक रुचि बढ़ेगी। सेहत का ख्याल रखें।
कड़ी मेहनत आज रंग ला सकती है। नौकरी या व्यापार में कोई बड़ा निर्णय लेना पड़ सकता है। जल्दबाजी में कोई फैसला न लें। संयम और अनुभव से लिए गए फैसले आपको आगे ले जाएंगे।
आज आपके अंदर ऊर्जा और जुनून भरा रहेगा। प्रतियोगिताओं में भाग्य साथ देगा। गुस्से पर नियंत्रण रखें नहीं तो किसी से विवाद हो सकता है। मित्रों से सहयोग मिलेगा।
डिस्क्लेमर (अस्वीकरण): यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है।
ॐ अस्य श्रीऋणविमोचनमहागणपति-स्तोत्रमन्त्रस्य
शुक्राचार्य ऋषिः ऋणविमोचनमहागणपतिर्देवता
प्रणम्य शिरसा देवंगौरीपुत्रं विनायकम्।
भक्तावासं स्मेरनित्यमाय्ःकामार्थसिद्धये॥
जेतुं यस्त्रिपुरं हरेणहरिणा व्याजाद्बलिं बध्नता
स्रष्टुं वारिभवोद्भवेनभुवनं शेषेण धर्तुं धराम्।
ॐ भद्रं कर्णेभिः शृणुयामदेवाः भद्रं पश्येमाक्षभिर्यजत्राः।
स्थिरैरङ्गैस्तुष्टुवाꣳ सस्तनूभिःव्यशेम देवहितं यदायुः॥