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दकारादि श्री दुर्गा सहस्रनामावली (Dakaradi Shri Durga Sahasranamavali)

दकारादि श्री दुर्गा सहस्रनामावली (Dakaradi Shri Durga Sahasranamavali)

ॐ दुं दुंर्गायै नम:  

ॐ दुर्गति-हरायै नम:  

ॐ दुर्गा-चल-निवासिन्यै नम:  

ॐ दुर्ग-मार्गानुसंचारायै नम:  

ॐ दुर्ग-मार्ग-निवासिन्यै नम:  

ॐ दुर्ग-मार्ग-प्रविष्टायै नम:  

ॐ दुर्ग-मार्ग-प्रवेशिन्यै नम:  

ॐ दुर्ग-मार्ग-कृतावासायै नम:  

ॐ दुर्ग-मार्ग-जय-प्रियायै नम:  

ॐ दुर्ग-मार्ग-गृहीतार्च्चायै नम:  

ॐ दुर्ग-मार्ग-स्थितात्मिकायै नम:  

ॐ दुर्ग-मार्ग-स्तुतिपरायै नम:  

ॐ दुर्ग-मार्ग-स्मृतिपरायै नम:  

ॐ दुर्ग-मार्ग-सदा-स्थाल्यै नम:  

ॐ दुर्ग-मार्ग-रति-प्रियायै नम:  

ॐ दुर्ग-मार्ग-स्थल-स्थानायै नम:  

ॐ दुर्ग-मार्ग-विलासिन्यै नम:  

ॐ दुर्ग-मार्ग-व्यक्त-वस्त्रायै नम:  

ॐ दुर्ग-मार्ग-प्रवर्तिन्यै नम:  

ॐ दुर्गासुर-निहन्त्र्यै नम:  

ॐ दुर्गासुर-निषूदिन्यै नम:  

ॐ दुर्गासुर-हरायै नम:  

ॐ दूत्यै नम:  

ॐ दुर्गासुर-विनाशिन्यै नम:  

ॐ दुर्गासुर-वधोन्मत्तायै नम:  

ॐ दुर्गासुर-वधोत्सुकायै नम:  

ॐ दुर्गासुर-वधोत्साहायै नम:  

ॐ दुर्गासुर-वधोद्यतायै नम:  

ॐ दुर्गासुर-वध-प्रेष्णवे नम:  

ॐ दुर्गासुर-मखान्त-कृते नम:  

ॐ दुर्गासुर-ध्वंस-तोषायै नम:  

ॐ दुर्ग-दानव-दारिण्यै नम:  

ॐ दुर्ग-विद्रावण-कर्यै नम:  

ॐ दुर्ग-विद्रावण्यै नम:  

ॐ दुर्ग-विक्षोभण-कर्यै नम:  

ॐ दुर्ग-शीर्ष-निकृन्तिन्यै नम:  

ॐ दुर्ग-विध्वंसन-कर्यै नम:  

ॐ दुर्ग-दैत्य-निकृन्तिन्यै नम:  

ॐ दुर्ग-दैत्य-प्राण-हरायै नम:  

ॐ दुर्ग-दैत्यान्त-कारिण्यै नम:  

ॐ दुर्ग-दैत्य-हर-त्राते नम:  

ॐ दुर्ग-दैत्यासृगुन्मदायै नम:  

ॐ दुर्ग-दैत्याशन-कर्यै नम:  

ॐ दुर्ग-चर्माम्बरावृत्तायै नम:  

ॐ दुर्ग-युद्धोत्सव-कर्यै नम:  

ॐ दुर्ग-युद्ध-विशारदायै नम:  

ॐ दुर्ग-युद्धासव-रतायै नम:  

ॐ दुर्ग-युद्ध-विमर्दिन्यै नम:  

ॐ दुर्ग-युद्ध-हास्यरतायै नम:  

ॐ दुर्ग-युद्धाट्ट-हासिन्यै नम:  

ॐ दुर्ग-युद्ध-महा-मत्तायै नम:  

ॐ दुर्ग-युद्धानुसारिण्यै नम:  

ॐ दुर्ग-युद्धोत्सवोत्साहायै नम:  

ॐ दुर्ग-देश-निषेविण्यै नम:  

ॐ दुर्ग-देश-वासरतायै नम:  

ॐ दुर्ग-देश-विलासिन्यै नम:  

ॐ दुर्ग-देशार्चन-रतायै नम:  

ॐ दुर्ग-देश-जन-प्रियायै नम:  

ॐ दुर्गम-स्थान-संस्थानायै नम:  

ॐ दुर्गम-ध्यानुसाधनायै नम:  

ॐ दुर्गमायै नम:  

ॐ दुर्गम-ध्यानायै नम:  

ॐ दुर्गमात्म-स्वरूपिण्यै नम:  

ॐ दुर्गमागम-संधानायै नम:  

ॐ दुर्गमागम-संस्तुतायै नम:  

ॐ दुर्गमागम-दुर्ज्ञेयायै नम:  

ॐ दुर्गम-श्रुति-सम्मतायै नम:  

ॐ दुर्गम-श्रुति-मान्यायै नम:  

ॐ दुर्गम-श्रुति-पूजितायै नम:  

ॐ दुर्गम-श्रुति-सुप्रीतायै नम:  

ॐ दुर्गम-श्रुति-हर्षदायै नम:  

ॐ दुर्गम-श्रुति-संस्थानायै नम:  

ॐ दुर्गम-श्रुति-मानितायै नम:  

ॐ दुर्गमाचार-संतुष्टायै नम:  

ॐ दुर्गमाचार-तोषितायै नम:  

ॐ दुर्गमाचार-निर्वृत्तायै नम:  

ॐ दुर्गमाचार-पूजितायै नम:  

ॐ दुर्गमाचार-वशितायै नम:  

ॐ दुर्गम-स्थान-दायिन्यै नम:  

ॐ दुर्गम-प्रेम-निरतायै नम:  

ॐ दुर्गम-द्रविण-प्रदायै नम:  

ॐ दुर्गमाम्बुज-मध्यस्थायै नम:  

ॐ दुर्गमाम्बुज-वासिन्यै नम:  

ॐ दुर्ग-नाडी-मार्ग-गत्यै नम:  

ॐ दुर्ग-नाडी-प्रचारिण्यै नम:  

ॐ दुर्ग-नाडी-पद्म-रतायै नम:  

ॐ दुर्ग-नाड्यम्बुज-स्थितायै नम:  

ॐ दुर्ग-नाडी-गताऽऽयातायै नम:  

ॐ दुर्ग-नाडी-कृतास्पदायै नम:  

ॐ दुर्ग-नाडी-रति-रतायै नम:  

ॐ दुर्ग-नाडीश-संस्तुतायै नम:  

ॐ दुर्ग-नाडीश्वर-रतायै नम:  

ॐ दुर्ग-नाडीश-चुम्बितायै नम:  

ॐ दुर्ग-नाडीश-क्रोडस्थायै नम:  

ॐ दुर्ग-नाड्युत्थितोत्सुकायै नम:  

ॐ दुर्ग-नाड्यारोहणायै नम:  

ॐ दुर्ग-नाडी-निषेवितायै नम:  

ॐ दरी-स्थानायै नम:  

ॐ दरी-स्थान-वासिन्यै नम:  

ॐ दनुजान्त-कृते नम:  

ॐ दरी-कृत-तपस्यायै नम:  

ॐ दरी-कृत-हरार्च्चनायै नम:  

ॐ दरी-जापित-दिष्टायै नम:  

ॐ दरी-कृत-रति-क्रियायै नम:  

ॐ दरी-कृत-हरार्हायै नम:  

ॐ दरी-क्रीडित-पुत्रिकायै नम:  

ॐ दरी-संदर्शन-रतायै नम:  

ॐ दरी-रोपित-वृश्चिकायै नम:  

ॐ दरी-गुप्ति-कौतुकाढ्यायै नम:  

ॐ दरी-भ्रमण-तत्परायै नम:  

ॐ दनुजान्त-कर्यै नम:  

ॐ दीनायै नम:  

ॐ दनु-संतान-दारिण्यै नम:  

ॐ दनुज-ध्वंसिन्यै नम:  

ॐ दूतायै नम:  

ॐ दनुजेन्द्र-विनाशिन्यै नम:  

ॐ दानव-ध्वंसिन्यै नम:  

ॐ देव्यै नम:  

ॐ दानवानां-भयंकर्यै नम:  

ॐ दानव्यै नम:  

ॐ दानवाराध्यायै नम:  

ॐ दानवेन्द्र-वर-प्रदायै नम:  

ॐ दानवेन्द्र-निहन्त्र्यै नम:  

ॐ दानव-द्वेषिणी-सत्यै नम:  

ॐ दानवारि-प्रेम-रतायै नम:  

ॐ दानवारि-प्रपूजितायै नम:  

ॐ दानवारि-कृतार्च्चायै नम:  

ॐ दानवारि-विभूतिदायै नम:  

ॐ दानवारि-महाऽऽनन्दायै नम:  

ॐ दानवारि-रति-प्रियायै नम:  

ॐ दानवारि-दान-रतायै नम:  

ॐ दानवारि-कृतास्पदायै नम:  

ॐ दानवारि-स्तुति-रतायै नम:  

ॐ दानवारि-स्मृति-प्रियायै नम:  

ॐ दानवार्याहार-रतायै नम:  

ॐ दानवारि-प्रबोधिन्यै नम:  

ॐ दानवारि-धृत-प्रेमायै नम:  

ॐ दु:ख-शोक-विमोचिन्यै नम:  

ॐ दु:ख-हन्त्र्यै नम:  

ॐ दु:ख-दात्र्यै नम:  

ॐ दु:ख-निर्मूल-कारिण्यै नम:  

ॐ दु:ख-निर्मूलन-कर्यै नम:  

ॐ दु:ख-दार्य्यरि-नाशिन्यै नम:  

ॐ दु:ख-हरायै नम:  

ॐ दु:ख-नाशायै नम:  

ॐ दु:ख-ग्रामायै नम:  

ॐ दुरासदायै नम:  

ॐ दु:ख-हीनायै नम:  

ॐ दु:ख-धारायै नम:  

ॐ द्रविणाचार-दायिन्यै नम:  

ॐ द्रवणोत्सर्ग-संतुष्टायै नम:  

ॐ द्रविण-त्याग-तोषिकायै नम:  

ॐ द्रविण-स्पर्श-संतुष्टायै नम:  

ॐ द्रविण-स्पर्श-मानदायै नम:  

ॐ द्रविण-स्पर्श-हर्षाढ्यायै नम:  

ॐ द्रविण-स्पर्श-तुष्टिदायै नम:  

ॐ द्रविण-स्पंर्शन-कर्यै नम:  

ॐ द्रविण-स्पर्शनातुरायै नम:  

ॐ द्रविण-स्पर्शनोत्साहायै नम:  

ॐ द्रविण-स्पर्श-साधिकायै नम:  

ॐ द्रविण-स्पर्श-मतायै नम:  

ॐ द्रविण-स्पर्श-पुत्रिकायै नम:  

ॐ द्रविण-स्पर्श-रक्षिण्यै नम:  

ॐ द्रविण-स्तोम-दायिन्यै नम:  

ॐ द्रविण-कर्षण-कर्यै नम:  

ॐ द्रविणौघ-विसर्जिन्यै नम:  

ॐ द्रविणाचल-दानाढ्यायै नम:  

ॐ द्रविणाचल-वासिन्यै नम:  

ॐ दीन-मात्रे नम:  

ॐ दीन-बन्धवे नम:  

ॐ दीन-विघ्न-विनाशिन्यै नम:  

ॐ दीन-सेव्यायै नम:  

ॐ दीन-सिद्धायै नम:  

ॐ दीन-साध्यायै नम:  

ॐ दिगम्बर्यै नम:  

ॐ दीन-गेह-कृतानन्दायै नम:  

ॐ दीन-गेह-विलासिन्यै नम:  

ॐ दीन-भाव-प्रेम-रतायै नम:  

ॐ दीन-भाव-विनोदिन्यै नम:  

ॐ दीन-मानव-चेत:स्थायै नम:  

ॐ दीन-मानव-हर्षदायै नम:  

ॐ दीन-दैन्य-विघातेच्छायै नम:  

ॐ दीन-द्रविण-दायिन्यै नम:  

ॐ दीन-साधन-संतुष्टायै नम:  

ॐ दीन-दर्शन-दायिन्यै नम:  

ॐ दीन-पुत्रादि-दात्र्यै नम:  

ॐ दीन-सम्पद्विधायिन्यै नम:  

ॐ दत्तात्रेय-ध्यान-रतायै नम:  

ॐ दत्तात्रेय-प्रपूजितायै नम:  

ॐ दत्तात्रेयर्षि-संसिद्धायै नम:  

ॐ दत्तात्रेय-विभावितायै नम:  

ॐ दत्तात्रेय-कृतार्हायै नम:  

ॐ दत्तात्रेय-प्रसाधितायै नम:  

ॐ दत्तात्रेय-हर्ष-दात्र्यै नम:  

ॐ दत्तात्रेय-सुख-प्रदायै नम:  

ॐ दत्तात्रेय-स्तुतायै नम:  

ॐ दत्तात्रेय-नुतायै नम:  

ॐ दत्तात्रेय-प्रेम-रतायै नम:  

ॐ दत्तात्रेयानुमानितायै नम:  

ॐ दत्तात्रेय-समुद्गीतायै नम:  

ॐ दत्तात्रेय-कुटुम्बिन्यै नम:  

ॐ दत्तात्रेय-प्राण-तुल्यायै नम:  

ॐ दत्तात्रेय-शरीरिण्यै नम:  

ॐ दत्तात्रेय-कृताऽऽनन्दायै नम:  

ॐ दत्तात्रेयांश-सम्भवायै नम:  

ॐ दत्तात्रेय-विभूतिस्थायै नम:  

ॐ दत्तात्रेयानुसारिण्यै नम:  

ॐ दत्तात्रेय-गीति-रतायै नम:  

ॐ दत्तात्रेय-धन-प्रदायै नम:  

ॐ दत्तात्रेय-दु:ख-हरायै नम:  

ॐ दत्तात्रेय-वर-प्रदायै नम:  

ॐ दत्तात्रेय-ज्ञान-दात्र्यै नम:  

ॐ दत्तात्रेय-भयापहायै नम:  

ॐ देव-कन्यायै नम:  

ॐ देव-मान्यायै नम:  

ॐ देव-दु:ख-विनाशिन्यै नम:  

ॐ देव-सिद्धायै नम:  

ॐ देव-पूज्यायै नम:  

ॐ देवेज्यायै नम:  

ॐ देव-वन्दितायै नम:  

ॐ देव-मान्यायै नम:  

ॐ देव-धन्यायै नम:  

ॐ देव-विघ्न-विनाशिन्यै नम:  

ॐ देव-रम्यायै नम:  

ॐ देव-रतायै नम:  

ॐ देव-कौतुक-तत्परायै नम:  

ॐ देव-क्रीडायै नम:  

ॐ देव-व्रीडायै नम:  

ॐ देव-वैरि-विनाशिन्यै नम:  

ॐ देव-कामायै नम:  

ॐ देव-रामायै नम:  

ॐ देव-द्विष्ट-विनाशिन्यै नम:  

ॐ देव-देव-प्रियायै नम:  

ॐ देव्यै नम:  

ॐ देव-दानव-वन्दितायै नम:  

ॐ देव-देव-रतानन्दायै नम:  

ॐ देव-देव-वरोत्सुकायै नम:  

ॐ देव-देव-प्रेम-रतायै नम:  

ॐ देव-देव-प्रियंवदायै नम:  

ॐ देव-देव-प्राण-तुल्यायै नम:  

ॐ देव-देव-नितम्बिन्यै नम:  

ॐ देव-देव-ह्रत-मनसे नम:  

ॐ देव-देव-सुखावहायै नम:  

ॐ देव-देव-क्रोड-रतायै नम:  

ॐ देव-देव-सुख-प्रदायै नम:  

ॐ देव-देव-महाऽऽनन्दायै नम:  

ॐ देव-देव-प्रचुम्बितायै नम:  

ॐ देव-देवोपभुक्तायै नम:  

ॐ देव-देवानुसेवितायै नम:  

ॐ देव-देव-गत-प्राणायै नम:  

ॐ देव-देव-गतात्मिकायै नम:  

ॐ देव-देव-हर्षदात्र्यै नम:  

ॐ देव-देव-सुख-प्रदायै नम:  

ॐ देव-देव-महाऽऽनन्दायै नम:  

ॐ देव-देव-विलसिन्यै नम:  

ॐ देव-देव-धर्म-पत्‍न्यै नम:  

ॐ देव-देव-मनो-गतायै नम:  

ॐ देव-देव-वध्वे नम:  

ॐ देव्यै नम:  

ॐ देव-देवार्चन-प्रियायै नम:  

ॐ देव-देवाङ्क-निलयायै नम:  

ॐ देव-देवाङ्ग-शायिन्यै नम:  

ॐ देव-देवाङ्ग-सुखिन्यै नम:  

ॐ देव-देवाङ्ग-वासिन्यै नम:  

ॐ देव-देवाङ्ग-भूषायै नम:  

ॐ देव-देवाङ्ग-भूषणायै नम:  

ॐ देव-देव-प्रिय-कर्यै नम:  

ॐ देव-देवाप्रियान्त-कृते नम:  

ॐ देव-देव-प्रिय-प्राणायै नम:  

ॐ देव-देव-प्रियात्मकायै नम:  

ॐ देव-देवार्चक-प्राणायै नम:  

ॐ देव-देवार्चक-प्रियायै नम:  

ॐ देव-देवार्चकोत्साहायै नम:  

ॐ देव-देवार्चकाश्रयायै नम:  

ॐ देव-देवार्चकाविघ्नायै नम:  

ॐ देव-देव-प्रस्वै नम:  

ॐ देव-देवस्य-जनन्यै नम:  

ॐ देव-देव-विधायिन्यै नम:  

ॐ देव-देवस्य-रमण्यै नम:  

ॐ देव-देव-ह्रदाश्रयायै नम:  

ॐ देव-देवेष्ट-देव्यै नम:  

ॐ देव-तापस-पालिन्यै नम:  

ॐ देवता-भाव-संतुष्टायै नम:  

ॐ देवता-भाव-तोषितायै नम:  

ॐ देवता-भाव-वरदायै नम:  

ॐ देवता-भाव-सिद्धिदायै नम:  

ॐ देवता-भाव-संसिद्धायै नम:  

ॐ देवता-भाव-सम्भवायै नम:  

ॐ देवता-भाव-सुखिन्यै नम:  

ॐ देवता-भाव-वन्दितायै नम:  

ॐ देवता-भाव-सुप्रीतायै नम:  

ॐ देवता-भाव-हर्ष-दायै नम:  

ॐ देवता-विघ्न-हन्त्र्यै नम:  

ॐ देवता-द्विष्ट-नाशिन्यै नम:  

ॐ देवता-पूजित-पदायै नम:  

ॐ देवता-प्रेम-तोषितायै नम:  

ॐ देवतागार-निलयायै नम:  

ॐ देवता-सौख्य-दायिन्यै नम:  

ॐ देवता-निज-भावायै नम:  

ॐ देवता-ह्रत-मानसायै नम:  

ॐ देवता-कृत-पादार्चायै नम:  

ॐ देवता-ह्रत-भक्तिकायै नम:  

ॐ देवता-गर्व-मध्य-स्थायै नम:  

ॐ देवतायै नम:  

ॐ देवता-तनवे नम:  

ॐ दुं दुर्गायै नमो-नाम्न्यै नम:  

ॐ दूं फट् मन्त्र-स्वरूपिण्यै नम:  

ॐ दूं नमो मन्त्र-रूपायै नम:  

ॐ दूं नमो-मूर्तिकात्मिकायै नम:  

ॐ दूर-दर्शि-प्रियायै नम:  

ॐ दुष्ट-भूत-निषेवितायै नम:  

ॐ दूर-दर्शि-प्रेम-रतायै नम:  

ॐ दूर-दर्शि-प्रियंवदायै नम:  

ॐ दूर-दर्शि-सिद्धि-दात्र्यै नम:  

ॐ दूर-दर्शि-प्रतोषितायै नम:  

ॐ दूर-दर्शि-कण्ठ-संस्थायै नम:  

ॐ दूर-दर्शि-प्रहर्षितायै नम:  

ॐ दूर-दर्शि-गृहीतार्चायै नम:  

ॐ दूर-दर्शि-प्रतर्पितायै नम:  

ॐ दूर-दर्शि-प्राण-तुल्यायै नम:  

ॐ दूर-दर्शि-सुख-प्रदायै नम:  

ॐ दूर-दर्शि-भ्रान्ति-हरायै नम:  

ॐ दूर-दर्शि-ह्रदास्पदायै नम:  

ॐ दूर-दर्श्यरि-विद्भावायै नम:  

ॐ दीर्घ-दर्शि-प्रमोदिन्यै नम:  

ॐ दीर्घ-दर्शि-प्राण-तुल्यायै नम:  

ॐ दीर्घ-दर्शि-वर-प्रदायै नम:  

ॐ दीर्घ-दर्शि-हर्ष-दात्र्यै नम:  

ॐ दीर्घ-दर्शि-प्रहर्षितायै नम:  

ॐ दीर्घ-दर्शि-महाऽऽनन्दायै नम:  

ॐ दीर्घ-दर्शि-गृहालयायै नम:  

ॐ दीर्घ-दर्शि-गृहीतार्चायै नम:  

ॐ दीर्घ-दर्शि-ह्रतार्हणायै नम:  

ॐ दयायै नम:  

ॐ दान-वत्यै नम:  

ॐ दात्र्यै नम:  

ॐ दयालवे नम:  

ॐ दीन-वत्सलायै नम:  

ॐ दयार्द्रायै नम:  

ॐ दया-शीलायै नम:  

ॐ दयाढ्यायै नम:  

ॐ दयात्मिकायै नम:  

ॐ दयाऽम्बुधये नम:  

ॐ दया-सारायै नम:  

ॐ दया-सागर-पारगायै नम:  

ॐ दया-सिन्धवे नम:  

ॐ दया-भारायै नम:  

ॐ दया-वत्करुणा-कर्यै नम:  

ॐ दया-वद्वत्सलायै नम:  

ॐ देव्यै नम:  

ॐ दयायै नम:  

ॐ दान-रतायै नम:  

ॐ दया-वद्भक्ति-सुखिन्यै नम:  

ॐ दया-वत्परितोषितायै नम:  

ॐ दया-वत्स्नेह-निरतायै नम:  

ॐ दया-वत्प्रतिपादिकायै नम:  

ॐ दया-वत्त्राण-कर्त्र्यै नम:  

ॐ दया-वन्मुक्तिदायिन्यै नम:  

ॐ दया-वद्भाव-संतुष्टायै नम:  

ॐ दया-वत्परितोषितायै नम:  

ॐ दया-वत्तारण-परायै नम:  

ॐ दया-वत्सिद्धि-दायिन्यै नम:  

ॐ दया-वत्पुत्र-वद्भावायै नम:  

ॐ दया-वत्पुत्र-रूपिण्यै नम:  

ॐ दया-वद्देह-निलयायै नम:  

ॐ दया-बन्धवे नम:  

ॐ दयाऽऽश्रयायै नम:  

ॐ दयालु-वात्सल्य-कर्यै नम:  

ॐ दयालु-सिद्धि-दायिन्यै नम:  

ॐ दयालु-शरणासक्तायै नम:  

ॐ दयालु-देह-मन्दिरायै नम:  

ॐ दयालु-भक्ति-भाव-स्थायै नम:  

ॐ दयालु-प्राण-रूपिण्यै नम:  

ॐ दयालु-सुखदायै नम:  

ॐ दम्भायै नम:  

ॐ दयालु-प्रेम-वर्षिण्यै नम:  

ॐ दयालु-वशगायै नम:  

ॐ दीर्घायै नम:  

ॐ दीर्घाङ्ग्यै नम:  

ॐ दीर्घ-लोचनायै नम:  

ॐ दीर्घ-नेत्रायै नम:  

ॐ दीर्घ-चक्षुषे नम:  

ॐ दीर्घ-बाहु-लतात्मिकायै नम:  

ॐ दीर्घ-केश्यै नम:  

ॐ दीर्घ-मुख्यै नम:  

ॐ दीर्घ-घोणायै नम:  

ॐ दारुणायै नम:  

ॐ दारुणासुर-हन्त्र्यै नम:  

ॐ दारुणासुर-दारिण्यै नम:  

ॐ दारुणाहव-कर्त्र्यै नम:  

ॐ दारुणाहव-हर्षितायै नम:  

ॐ दारुणाहव-होमाढ्यायै नम:  

ॐ दारुणाचल-नाशिन्यै नम:  

ॐ दारुणाचार-निरतायै नम:  

ॐ दारुणोत्सव-हर्षितायै नम:  

ॐ दारुणोद्यत-रूपायै नम:  

ॐ दारुणारि-निवारिण्यै नम:  

ॐ दारुणेक्षण-संयुक्तायै नम:  

ॐ दोश्चतुष्क-विराजितायै नम:  

ॐ दश-दोष्कायै नम:  

ॐ दश-भुजायै नम:  

ॐ दश-बाहु-विराजितायै नम:  

ॐ दशास्त्र-धारिण्यै नम:  

ॐ देव्यै नम:  

ॐ दश-दिक्ख्यात-विक्रमायै नम:  

ॐ दश-रथार्च्चित-पदायै नम:  

ॐ दाशरथि-प्रिय-प्रियायै नम:  

ॐ दाशरथि-प्रेम-तुष्टायै नम:  

ॐ दाशरथि-रति-प्रियायै नम:  

ॐ दाशरथि-प्रिय-कर्यै नम:  

ॐ दाशरथि-प्रियंवदायै नम:  

ॐ दाशरथीष्ट-संदात्र्यै नम:  

ॐ दाशरथीष्ट-देवतायै नम:  

ॐ दाशरथि-द्वेषि-नाशायै नम:  

ॐ दाशरथ्यानुकूल्यदायै नम:  

ॐ दाशरथि-प्रियतमायै नम:  

ॐ दाशरथि-प्रपूजितायै नम:  

ॐ दशाननारिसम्पूज्यायै नम:  

ॐ दशाननारि-देवतायै नम:  

ॐ दशाननारि-प्रमदायै नम:  

ॐ दशाननारि-जन्म-भुवे नम:  

ॐ दशाननारि-रति-दायै नम:  

ॐ दशाननारि-सेवितायै नम:  

ॐ दशाननारि-सुखदायै नम:  

ॐ दशाननरि-वैरि-ह्रते नम:  

ॐ दशाननारीष्ट-देव्यै नम:  

ॐ दश-ग्रीवारि-वन्दितायै नम:  

ॐ दश-ग्रीवारि-जनन्यै नम:  

ॐ दश-ग्रीवारि-भाविन्यै नम:  

ॐ दश-ग्रीवारि-सहितायै नम:  

ॐ दश-ग्रीव-सभाजितायै नम:  

ॐ दश-ग्रीवारि-रमण्यै नम:  

ॐ दश-ग्रीव-वध्वै नम:  

ॐ दश-ग्रीव-नाश-कर्त्र्यै नम:  

ॐ दश-ग्रीव-वर-प्रदायै नम:  

ॐ दश-ग्रीव-पुरस्थायै नम:  

ॐ दश-ग्रीव-वधोत्सुकायै नम:  

ॐ दश-ग्रीव-प्रीति-दात्र्यै नम:  

ॐ दश-ग्रीव-विनाशिन्यै नम:  

ॐ दश-ग्रीवाहव-कर्यै नम:  

ॐ दश-ग्रीवानपायिन्यै नम:  

ॐ दश-ग्रीव-प्रिया-वन्द्यायै नम:  

ॐ दश-ग्रीव-ह्रतायै नम:  

ॐ दश-ग्रीवाहित-कर्यै नम:  

ॐ दश-ग्रीवेश्वर-प्रियायै नम:  

ॐ दश-ग्रीवेश्वर-प्राणायै नम:  

ॐ दश-ग्रीव-वर-प्रदायै नम:  

ॐ दश-ग्रीवेश्वर-रतायै नम:  

ॐ दश-वर्षीय-कन्यकायै नम:  

ॐ दश-वर्षीय-बालायै नम:  

ॐ दश-वर्षीय-वासिन्यै नम:  

ॐ दश-पाप-हरायै नम:  

ॐ दम्यायै नम:  

ॐ दश-हस्त-विभूषितायै नम:  

ॐ दश-शस्त्र-लसद्दोष्कायै नम:  

ॐ दश-दिक्पाल-वन्दितायै नम:  

ॐ दशावतार-रूपायै नम:  

ॐ दशावतार-रूपिण्यै नम:  

ॐ दश-विद्या-भिन्न-देव्यै नम:  

ॐ दश-प्राण-स्वरूपिण्यै नम:  

ॐ दश-विद्या-स्वरूपायै नम:  

ॐ दश-विद्या-मय्यै नम:  

ॐ दृक-स्वरूपायै नम:  

ॐ दृक्प्रदात्र्यै नम:  

ॐ दृग-रुपायै नम:  

ॐ दृक्प्रकाशिन्यै नम:  

ॐ दिगम्बरायै नम:  

ॐ दिगन्त:स्थायै नम:  

ॐ दिगम्बर-विलासिन्यै नम:  

ॐ दिगम्बर-समाजस्थायै नम:  

ॐ दिगम्बर-प्रपूजितायै नम:  

ॐ दिगम्बर-सहचर्यै नम:  

ॐ दिगम्बर-कृतास्पदायै नम:  

ॐ दिगम्बर-ह्रताचित्तायै नम:  

ॐ दिगम्बर-कथा-प्रियायै नम:  

ॐ दिगम्बर-गुण-रतायै नम:  

ॐ दिगम्बर-स्वरूपिण्यै नम:  

ॐ दिगम्बर-शिरोधार्यायै नम:  

ॐ दिगम्बर-ह्रताश्रयायै नम:  

ॐ दिगम्बर-प्रेम-रतायै नम:  

ॐ दिगम्बर-रतातुरायै नम:  

ॐ दिगम्बर-स्वरूपायै नम:  

ॐ दिगम्बरी-गणार्चितायै नम:  

ॐ दिगम्बरी-गण-प्राणायै नम:  

ॐ दिगम्बरी-गण-प्रियायै नम:  

ॐ दिगम्बरी-गणाराध्यायै नम:  

ॐ दिगम्बर-गणेश्वरायै नम:  

ॐ दिगम्बर-गण-स्पर्श-मदिरा-पान-विह्वलायै नम:  

ॐ दिगम्बरी-कोटि-वृतायै नम:  

ॐ दिगम्बरी-गणावृतायै नम:  

ॐ दुरन्तायै नम:  

ॐ दुष्कृति-हरायै नम:  

ॐ दुर्ध्येयायै नम:  

ॐ दुरति-क्रमायै नम:  

ॐ दुरन्त-दानव-द्वेष्ट्यै नम:  

ॐ दुरन्त-दनुजान्त-कृते नम:  

ॐ दुरन्त-पाप-हन्त्र्यै नम:  

ॐ दस्त्र-निस्तार-कारिण्यै नम:  

ॐ दस्त्र-मानस-संस्थानायै नम:  

ॐ दस्त्र-ज्ञान-विवर्धिन्यै नम:  

ॐ दस्त्र-सम्भोग-जनन्यै नम:  

ॐ दस्त्र-सम्भोग-दायिन्यै नम:  

ॐ दस्त्र-सम्भोग-भवनायै नम:  

ॐ दस्त्र-विद्या-विधायिन्यै नम:  

ॐ दस्त्रोद्वेग-हरायै नम:  

ॐ दस्त्र-जनन्यै नम:  

ॐ दस्त्र-सुन्दर्यै नम:  

ॐ दस्त्र-भक्ति-विधाज्ञानायै नम:  

ॐ दस्त्र-द्विष्ट-विनाशिन्यै नम:  

ॐ दस्त्रापकार-दमन्यै नम:  

ॐ दस्त्र-सिद्धि-विधायिन्यै नम:  

ॐ दस्त्र-ताराऽऽराधिकायै नम:  

ॐ दस्त्र-मातृ-प्रपूजितायै नम:  

ॐ दस्त्र-दैन्य-हरायै नम:  

ॐ दस्त्र-तात-निषेवितायै नम:  

ॐ दस्त्र-पितृ-शत-ज्योतिषे नम:  

ॐ दस्त्र-कौशल-दायिन्यै नम:  

ॐ दश-शीर्षारि-सहितायै नम:  

ॐ दश-शीर्षारि-कामिन्यै नम:  

ॐ दश-शीर्ष-पुर्यै नम:  

ॐ देव्यै नम:  

ॐ दश-शीर्ष-सभाजितायै नम:  

ॐ दश-शीर्षारि-सुप्रीतायै नम:  

ॐ दश-शीर्ष-वधू-प्रियायै नम:  

ॐ दश-शीर्ष-शिरश्छेत्र्यै नम:  

ॐ दश-शीर्ष-नितम्बिन्यै नम:  

ॐ दश-शीर्ष-हर-प्राणायै नम:  

ॐ दश-शीर्ष-हरात्मिकायै नम:  

ॐ दश-शीर्ष-हराराध्यायै नम:  

ॐ दश-शीर्षारि-वन्दितायै नम:  

ॐ दश-शीर्षरि-सुखदायै नम:  

ॐ दश-शीर्ष-कपालिन्यै नम:  

ॐ दश-शीर्ष-ज्ञान-दात्र्यै नम:  

ॐ दश-शीर्षारि-देहिन्यै नम:  

ॐ दश-शीर्ष-वधोपात्त-श्रीरामचन्द्र-रूपतायै नम:  

ॐ दश-शीर्ष-राष्ट्र-देव्यै नम:  

ॐ दश-शीर्षारि-सारिण्यै नम:  

ॐ दश-शीर्ष-भ्रातृ-तुष्टायै नम:  

ॐ दश-शीर्ष-वधू-प्रियायै नम:  

ॐ दश-शीर्ष-वधू-प्राणायै नम:  

ॐ दश-शीर्ष-वधू-रतायै नम:  

ॐ दैत्य-गुरु-रतायै-साध्व्यै नम:  

ॐ दैत्य-गुरु-प्रपूजितायै नम:  

ॐ दैत्य-गुरुपदेष्ट्रेयै नम:  

ॐ दैत्य-गुरु-निषेवितायै नम:  

ॐ दैत्य-गुरु-गत-प्राणायै नम:  

ॐ दैत्य-गुरु-तापनाशिन्यै नम:  

ॐ दुरन्त-दु:ख-शमन्यै नम:  

ॐ दुरन्त-दमन्यै-तम्यै नम:  

ॐ दुरन्त-शोक-शमन्यै नम:  

ॐ दुरन्त-रोग-नाशिन्यै नम:  

ॐ दुरन्त-वैरि-दमन्यै नम:  

ॐ दुरन्त-दैत्य-नाशिन्यै नम:  

ॐ दुरन्त-कलुषघ्न्यै नम:  

ॐ दुष्कृति-स्तोम-नाशिन्यै नम:  

ॐ दुराशयायै नम:  

ॐ दुराधारायै नम:  

ॐ दुर्जयायै नम:  

ॐ दुष्ट-कामिन्यै नम:  

ॐ दर्शनीयायै नम:  

ॐ दृश्यायै नम:  

ॐ द्रष्टायै नम:  

ॐ दृष्टि-गोचरायै नम:  

ॐ दूती-याग-प्रियायै नम:  

ॐ दूत्यै नम:  

ॐ दूती-याग-कर-प्रियायै नम:  

ॐ दूती-याग-करानन्दायै नम:  

ॐ दूती-याग-सुख-प्रदायै नम:  

ॐ दुती-याग-करायातायै नम:  

ॐ दूती-याग-प्रमोदिन्यै नम:  

ॐ दुर्वासः-पूजितायै नम:  

ॐ दुर्वासो-मुनि-भावितायै नम:  

ॐ दुरासोऽर्चित-पादायै नम:  

ॐ दुर्वासो-मुनि-पूजितायै नम:  

ॐ दुर्वासो-मुनि-वन्द्यायै नम:  

ॐ दुर्वासो-मुनि-देवतायै नम:  

ॐ दुर्वासो-मुनि-मात्रे नम:  

ॐ दुर्वासो-मुनि-सिद्धिदायै नम:  

ॐ दुर्वासो-मुनि-भावस्थायै नम:  

ॐ दुर्वासो-मुनि-सेवितायै नम:  

ॐ दुर्वासो-मुनि-चित्तस्थायै नम:  

ॐ दुर्वासो-मुनि-मण्डितायै नम:  

ॐ दुर्वासो-मुनि-संचारायै नम:  

ॐ दुर्वासो-ह्रदयङ्गमायै नम:  

ॐ दुर्वासो-ह्रदयाराध्यायै नम:  

ॐ दुर्वासो-ह्रत्सरोजगायै नम:  

ॐ दुर्वासस्तापसाराध्यायै नम:  

ॐ दुर्वासस्तापसाश्रयायै नम:  

ॐ द्रुवासस्तापस-रतायै नम:  

ॐ दुर्वासस्तापसेश्वर्ये नम:  

ॐ दुर्वासो-मुनि-कन्यायै नम:  

ॐ दुर्वासोऽद्भुत-सिद्धिदायै नम:  

ॐ दर-रात्र्यै नम:  

ॐ दर-हरायै नम:  

ॐ दर-युक्तायै नम:  

ॐ दरापहायै नम:  

ॐ दरघ्न्यै नम:  

ॐ दर-हन्त्र्यै नम:  

ॐ दर-युक्तायै नम:  

ॐ दराश्रयायै नम:  

ॐ दर-स्मेरायै नम:  

ॐ दरापाङ्ग्यै नम:  

ॐ दया-दात्र्यै नम:  

ॐ दराऽऽश्रयायै नम:  

ॐ दस्त्र-पूज्यायै नम:  

ॐ द्स्त्र-मात्रे नम:  

ॐ दस्त्र-देव्यै नम:  

ॐ दरोन्मदायै नम:  

ॐ दस्त्र-सिद्धायै नम:  

ॐ दस्त्र-संस्थायै नम:  

ॐ दस्त्र-ताप-विमोचिन्यै नम:  

ॐ दस्त्र-क्षोभ-हरा-नित्यायै नम:  

ॐ दस्त्र-लोक-गतात्मिकायै नम:  

ॐ दैत्य-गुर्वङ्गना-वन्द्यायै नम:  

ॐ दैत्य-गुर्वङ्गना-प्रियायै नम:  

ॐ दैत्य-गुर्वङ्गना-सिद्धायै नम:  

ॐ दैत्य-गुर्वङ्गनोत्सुकायै नम:  

ॐ दैत्य-गुरु-प्रियतमायै नम:  

ॐ देव-गुरु-निषेवितायै नम:  

ॐ देव-गुरु-प्रसूरूपायै नम:  

ॐ देव-गुरु-कृतार्हणायै नम:  

ॐ देव-गुरु-प्रेम-युतायै नम:  

ॐ देव-गुर्वनुमानितायै नम:  

ॐ देव-गुरु-प्रभावज्ञायै नम:  

ॐ देव-गुरु-सुख-प्रदायै नम:  

ॐ देव-गुरु-ज्ञान-दात्र्यै नम:  

ॐ देव-गुरु-प्रमोदिन्यै नम:  

ॐ दैत्य-स्त्री-गण-सम्पूज्यायै नम:  

ॐ दैत्य-स्त्री-गण-पूजितायै नम:  

ॐ दैत्य-स्त्री-गण-रूपायै नम:  

ॐ दैत्य-स्त्री-चित्त-हारिण्यै नम:  

ॐ देव-स्त्री-गण-पूज्यायै नम:  

ॐ देव-स्त्री-गण-वन्दितायै नम:  

ॐ देव-स्त्री-गण-चित्तस्थायै नम:  

ॐ देव-स्त्री-गण-भूषितायै नम:  

ॐ देव-स्त्री-गण-संसिद्धायै नम:  

ॐ देव-स्त्री-गण-तोषितायै नम:  

ॐ देव-स्त्री-गण-हस्तस्थ-चारु-चामर-वीजितायै नम:  

ॐ देव-स्त्री-गण-हस्तस्थ-चारु-गन्ध-विलेपितायै नम:  

ॐ देवाङ्गना-धृतादर्श-दृष्ट्यर्थ-मुख-चन्द्रमसे नम:  

ॐ देवाङ्गनोत्सृष्ट-नाग-वल्ली-दल-कृतोत्सुकायै नम:  

ॐ देव-स्त्री-गण-हस्तस्थ-दीप-माला-विलोकनायै नम:  

ॐ देव-स्त्री-गण-हस्तस्थ-धूप-घ्राण-विनोदिन्यै नम:  

ॐ देव-नारी-कर-गत-वास-कासव-पायिन्यै नम:  

ॐ देव-नारि-कङ्कतिका-कृत-केश-निमार्जनायै नम:  

ॐ देव-नारी-सेव्य-गात्रायै नम:  

ॐ देव-नारी-कृतोत्सुकायै नम:  

ॐ देव-नारी-विरचित-पुष्प-माला-विराजितायै नम:  

ॐ देव-नारी-विचित्राङ्ग्यै नम:  

ॐ देव-स्त्री-दत्त-भोजनायै नम:  

ॐ देव-स्त्री-गण-गीतायै नम:  

ॐ देव-स्त्री-गीत-सोत्सुकायै नम:  

ॐ देव-स्त्री-नृत्य-सुखिन्यै नम:  

ॐ देव-स्त्री-नृत्य-दर्शिन्यै नम:  

ॐ देव-स्त्री-योजित-लसद्रत्‍न-पादु-पादम्बुजायै नम:  

ॐ देव-स्त्री-गण-विस्तीर्ण-चारुतल्प-निषेदुष्यै नम:  

ॐ देव-नारी-चरु-कराकलितांघ्र्यादि-देहिकायै नम:  

ॐ देव-नारी-कर-व्यग्र-ताल-वृन्द-मरुत्सखायै नम:  

ॐ देव-नारी-वेणु-वीणा-नाद-सोत्कण्ठ-मानसायै नम:  

ॐ देव-कोटि-स्तुति-नुतायै नम:  

ॐ देव-कोटि-कृतार्हणायै नम:  

ॐ देव-कोटि-गीत-गुणायै नम:  

ॐ देव-कोटि-कृत-स्तुत्यै नम:  

ॐ दन्त-दष्ट्योद्वेग-फलायै नम:  

ॐ देव-कोलाहल-कुलायै नम:  

ॐ द्वेष-राग-परित्यक्तायै नम:  

ॐ द्वेष-राग-विवर्जितायै नम:  

ॐ दाम-पूज्यायै नम:  

ॐ दाम-भूषायै नम:  

ॐ दामोदर-विलासिन्यै नम:  

ॐ दामोदर-प्रेम-रतायै नम:  

ॐ दामोदर-भगिन्यै नम:  

ॐ दामोदर-प्रस्वै नम:  

ॐ दामोदर-पत्‍न्यै नम:  

ॐ दामोदर-पति-व्रतायै नम:  

ॐ दामोदराऽभिन्न-देहायै नम:  

ॐ दामोदर-रति-प्रियायै नम:  

ॐ दामोदराऽभिन्न-तन्वे नम:  

ॐ दामोदर-कृतास्पदायै नम:  

ॐ दामोदर-कृत-प्राणायै नम:  

ॐ दामोदर-गतात्मिकायै नम:  

ॐ दामोदर-कौतुकाढ्यायै नम:  

ॐ दमोदर-कलाऽकलायै नम:  

ॐ दामोदर-लिङ्गिताङ्ग्यै नम:  

ॐ दामोदर-कुतूहलायै नम:  

ॐ दामोदर-कृताह्लादायै नम:  

ॐ दामोदर-सु-चुम्बितायै नम:  

ॐ दामोदर-सुताकृष्टायै नम:  

ॐ दामोदर-सुख-प्रदायै नम:  

ॐ दामोदर-सहाढ्यायै नम:  

ॐ दामोदर-सहायिन्यै नम:  

ॐ दामोदर-गुणज्ञायै नम:  

ॐ दामोदर-वर-प्रदायै नम:  

ॐ दामोदरानुकूलायै नम:  

ॐ दामोदर-नितम्बिन्यै नम:  

ॐ दामोदर-जल-क्रीडा-कौशल-दर्शन-प्रियायै नम:  

ॐ दर्शनप्रियायै नम:  

ॐ दामोदर-बल-क्रीडा-त्यक्त-स्वजन-सौहृदायै नम:  

ॐ दामोदर-लसद्रास-केलि-कौतुकिन्यै नम:  

ॐ दामोदर-भ्रातृकायै नम:  

ॐ दामोदर-परायणायै नम:  

ॐ दामोदर-धरायै नम:  

ॐ दामोदर-वैर-विनाशिन्यै नम:  

ॐ दामोदरोपजायायै नम:  

ॐ दामोदर-निमन्त्रितायै नम:  

ॐ दामोदर-पराभूतायै नम:  

ॐ दामोदर-पराजितायै नम:  

ॐ दामोदर-समाक्रान्तायै नम:  

ॐ दामोदर-हताशुभायै नम:  

ॐ दामोदरोत्सव-रतायै नम:  

ॐ दामोदरोत्सव-वहायै नम:  

ॐ दामोदर-स्तन्य-दात्र्यै नम:  

ॐ दामोदर-गवेषितायै नम:  

ॐ दमयन्ती-सिद्धि-दात्र्यै नम:  

ॐ दमयन्ती-प्रसाधितायै नम:  

ॐ दमयन्तीष्ट-देव्यै नम:  

ॐ दमयन्ती-स्वरूपिण्यै नम:  

ॐ दमयन्ती-कृतार्चायै नम:  

ॐ दमनर्षि-विभावितायै नम:  

ॐ दमनर्षि-प्राण-तुल्यायै नम:  

ॐ दमनर्षि-स्वरूपिण्यै नम:  

ॐ दमनर्षि-स्वरूपायै नम:  

ॐ दम्भ-पूरित-विग्रहायै नम:  

ॐ दम्भ-हन्त्र्यै नम:  

ॐ दम्भ-दात्र्यै नम:  

ॐ दम्भ-लोक-विमोहिन्यै नम:  

ॐ दम्भ-शीलायै नम:  

ॐ दम्भ-हरायै नम:  

ॐ दम्भ-वत्परिमर्दिन्यै नम:  

ॐ दम्भ-रूपायै नम:  

ॐ दम्भ-कर्यै नम:  

ॐ दम्भ-संतान-दारिण्यै नम:  

ॐ दत्त-मोक्षायै नम:  

ॐ दत्त-धनायै नम:  

ॐ दत्तारोग्यायै नम:  

ॐ दत्त-दाम्भिकायै नम:  

ॐ दत्त-पुत्रायै नम:  

ॐ दत्त-दारायै नम:  

ॐ दत्त-हारायै नम:  

ॐ दत्त-दारिकायै नम:  

ॐ दत्त-भोगायै नम:  

ॐ दत्त-शोकायै नम:  

ॐ दत्त-हस्त्यादि-वाहनायै नम:  

ॐ दत्त-मत्यै नम:  

ॐ दत्त-भार्यायै नम:  

ॐ दत्त-शास्त्राव-बोधिकायै नम:  

ॐ दत्त-पानायै नम:  

ॐ दत्त-दानायै नम:  

ॐ दत्त-दारिद्रयनाशिन्यै नम:।

ॐ दत्त-सौधावणी-वासायै नम:  

ॐ दत्त-स्वर्गायै नम:  

ॐ दासदायै नम:  

ॐ दास्य-तुष्टायै नम:  

ॐ दास्य-हरायै नम:  

ॐ दास-दासी-शत-प्रदायै नम:  

ॐ दार-रूपायै नम:  

ॐ दार-वासायै नम:  

ॐ दार-वासि-ह्रदास्पदायै नम:  

ॐ दार-वासि-जनाराध्यायै नम:  

ॐ दार-वासि-जन-प्रियायै नम:  

ॐ दार-वासि-विनिर्मितायै नम:  

ॐ दार-वासि-समर्चितायै नम:  

ॐ दार-वास्याह्रत-प्राणायै नम:  

ॐ दार-वास्यरि-नाशिन्यै नम:  

ॐ दार-वासि-विघ्न-हरायै नम:  

ॐ दार-वासि-विमुक्तिदायै नम:  

ॐ दाराग्नि-रूपिण्यै नम:  

ॐ दारायै नम:  

ॐ दार-कार्यरि-नाशिन्यै नम:  

ॐ दम्पत्यै नम:  

ॐ दम्पतीष्टायै नम:  

ॐ दम्पति-प्राण-रूपिकायै नम:  

ॐ दम्पती-स्नेह-निरतायै नम:  

ॐ दाम्पत्य-साधन-प्रियायै नम:  

ॐ दाम्पत्य-सुख-सेनायै नम:  

ॐ दाम्पत्य-सुख-दायिन्यै नम:  

ॐ दम्पत्याचार-निरतायै नम:  

ॐ दम्पत्यामोद-मोदितायै नम:  

ॐ दम्पत्यामोद-सुखिन्यै नम:  

ॐ दाम्पत्याह्लाद-कारिण्यै नम:  

ॐ दम्पतीष्ट-पाद-पद्मायै नम:  

ॐ दाम्पत्य-प्रेम-रूपिण्यै नम:  

ॐ दाम्पत्य-भोग-भवनायै नम:  

ॐ दाडिमी-फल-भोजिन्यै नम:  

ॐ दाडिमी-फल-संतुष्टायै नम:  

ॐ दाडिमी-फल-मानसायै नम:  

ॐ दाडिमी-वृक्ष-संस्थानायै नम:  

ॐ दाडिमी-वृक्ष-वासिन्यै नम:  

ॐ दाडिमी-वृक्ष-रूपायै नम:  

ॐ दाडिमी-वन-वासिन्यै नम:  

ॐ दाडिमी-फल-साम्योरु-पयोधर-समन्वितायै नम:  

ॐ दक्षिणायै नम:  

ॐ दक्षिणा-रूपायै नम:  

ॐ दक्षिणा-रुप-धारिण्यै नम:  

ॐ दक्ष-कन्यायै नम:  

ॐ दक्ष-पुत्र्यै नम:  

ॐ दक्ष-मात्रे नम:  

ॐ दक्ष-स्वै नम:  

ॐ दक्ष-गोत्रायै नम:  

ॐ दक्ष-यज्ञ-विनाशिन्यै नम:  

ॐ दक्ष-यज्ञ-विघातिन्यै नम:  

ॐ दक्ष-यज्ञ-हरायै नम:  

ॐ दक्ष-यज्ञ-निकृन्तिन्यै नम:  

ॐ दक्ष-यज्ञ-विमर्दिन्यै नम:  

ॐ दक्ष-यज्ञ-विनिर्मूलायै नम:  

ॐ दक्ष-यज्ञ-विनाशायै नम:  

ॐ दक्ष-यज्ञ-विरोधिन्यै नम:  

ॐ दक्ष-यज्ञ-प्रमथिन्यै नम:  

ॐ दक्ष-यज्ञ-प्रहारिण्यै नम:  

ॐ दक्ष-यज्ञ-निषूदिन्यै नम:  

ॐ दक्ष-यज्ञ-विभेदिन्यै नम:  

ॐ दक्ष-यज्ञ-विमोहिन्यै नम:  

ॐ दक्ष-यज्ञ-प्रबोधिन्यै नम:  

ॐ दक्ष-यज्ञ-प्रमादिन्यै नम:  

ॐ दक्ष-यज्ञ-प्रमूलायै नम:  

ॐ दक्ष-यज्ञ-प्रहारायै नम:  

ॐ दक्ष-यज्ञ-प्रकोपिन्यै नम:  

ॐ दक्ष-यज्ञ-प्रमोहिन्यै नम:  

ॐ दक्ष-यज्ञ-प्रनाशिन्यै नम:  

ॐ दक्ष-यज्ञ-प्रदाहिन्यै नम:  

ॐ दक्ष-यज्ञ-प्रभञ्जिन्यै नम:  

ॐ दक्ष-यज्ञ-प्रदायिन्यै नम:  

ॐ दक्ष-यज्ञ-प्रसिद्धायै नम:  

ॐ दक्ष-यज्ञ-प्रसाधिन्यै नम:  

ॐ दक्ष-यज्ञ-प्रसङ्गिन्यै नम:  

ॐ दक्ष-यज्ञ-प्रसक्तायै नम:  

ॐ दक्ष-यज्ञ-प्रतापिन्यै नम:  

ॐ दक्ष-यज्ञ-प्रमोदिन्यै नम:  

ॐ दक्ष-यज्ञ-प्रसन्नायै नम:  

ॐ दक्ष-यज्ञ-प्रसादिन्यै नम:  

ॐ दक्ष-यज्ञ-प्रसक्तायै नम:  

ॐ दक्ष-यज्ञ-प्रसारिण्यै नम:  

ॐ दक्ष-यज्ञ-प्रसिद्धिदायै नम:  

ॐ दक्ष-यज्ञ-प्रसङ्गायै नम:  

ॐ दक्ष-यज्ञ-प्रसक्तायै नम:  

ॐ दक्ष-यज्ञ-प्रसारायै नम:  

ॐ दक्ष-यज्ञ-प्रसन्नायै नम:  

ॐ दक्ष-यज्ञ-प्रसादायै नम:  

ॐ दक्ष-यज्ञ-प्रसक्तायै नम:  

ॐ दक्ष-यज्ञ-प्रसारिण्यै नम:  

ॐ दक्ष-यज्ञ-प्रसिद्धायै नम:  

ॐ दक्ष-यज्ञ-प्रसङ्गायै नम:  

ॐ दक्ष-यज्ञ-प्रसक्तायै नम:  

ॐ दक्ष-यज्ञ-प्रसारायै नम:  

ॐ दक्ष-यज्ञ-प्रसन्नायै नम:  

ॐ दक्ष-यज्ञ-प्रसादायै नम:  

ॐ दक्ष-यज्ञ-प्रसक्तायै नम:  

ॐ दक्ष-यज्ञ-प्रसारिण्यै नम:  

ॐ दक्ष-यज्ञ-प्रसिद्धायै नम:  

ॐ दक्ष-यज्ञ-प्रसङ्गायै नम:  

ॐ दक्ष-यज्ञ-प्रसक्तायै नम:  

ॐ दक्ष-यज्ञ-प्रसारायै नम:  

ॐ दक्ष-यज्ञ-प्रसन्नायै नम:  

ॐ दक्ष-यज्ञ-प्रसादायै नम:  

ॐ दक्ष-यज्ञ-प्रसक्तायै नम:  

ॐ दक्ष-यज्ञ-प्रसारिण्यै नम:  

ॐ दक्ष-यज्ञ-प्रसिद्धायै नम:  

ॐ दक्ष-यज्ञ-प्रसङ्गायै नम:  

ॐ दक्ष-यज्ञ-प्रसक्तायै नम:  

ॐ दक्ष-यज्ञ-प्रसारायै नम:  

ॐ दक्ष-यज्ञ-प्रसन्नायै नम:  

ॐ दक्ष-यज्ञ-प्रसादायै नम:  

ॐ दक्ष-यज्ञ-प्रसक्तायै नम:  

ॐ दक्ष-यज्ञ-प्रसारिण्यै नम:  

ॐ दक्ष-यज्ञ-प्रसिद्धायै नम:  

ॐ दक्ष-यज्ञ-प्रसङ्गायै नम:  

ॐ दक्ष-यज्ञ-प्रसक्तायै नम:  

ॐ दक्ष-यज्ञ-प्रसारायै नम:  

ॐ दक्ष-यज्ञ-प्रसन्नायै नम:  

ॐ दक्ष-यज्ञ-प्रसादायै नम:  

ॐ दक्ष-यज्ञ-प्रसक्तायै नम:  

ॐ दक्ष-यज्ञ-प्रसारिण्यै नम:  

ॐ दक्ष-यज्ञ-प्रसिद्धायै नम:  

ॐ दक्ष-यज्ञ-प्रसङ्गायै नम:  

ॐ दक्ष-यज्ञ-प्रसक्तायै नम:  

ॐ दक्ष-यज्ञ-प्रसारायै नम:  

ॐ दक्ष-यज्ञ-प्रसन्नायै नम:  

ॐ दक्ष-यज्ञ-प्रसादायै नम:  

ॐ दक्ष-यज्ञ-प्रसक्तायै नम:  

ॐ दक्ष-यज्ञ-प्रसारिण्यै नम:  

ॐ दक्ष-यज्ञ-प्रसिद्धायै नम:  

ॐ दक्ष-यज्ञ-प्रसङ्गायै नम:  

ॐ दक्ष-यज्ञ-प्रसक्तायै नम:  

ॐ दक्ष-यज्ञ-प्रसारायै नम:  

ॐ दक्ष-यज्ञ-प्रसन्नायै नम:  

ॐ दक्ष-यज्ञ-प्रसादायै नम:  

ॐ दक्ष-यज्ञ-प्रसक्तायै नम:  

ॐ दक्ष-यज्ञ-प्रसारिण्यै नम:  

ॐ दक्ष-यज्ञ-प्रसिद्धायै नम:  

ॐ दक्ष-यज्ञ-प्रसङ्गायै नम:  

ॐ दक्ष-यज्ञ-प्रसक्तायै नम:  

ॐ दक्ष-यज्ञ-प्रसारायै नम:  

ॐ दक्ष-यज्ञ-प्रसन्नायै नम:  

ॐ दक्ष-यज्ञ-प्रसादायै नम:  

ॐ दक्ष-यज्ञ-प्रसक्तायै नम:  

ॐ दक्ष-यज्ञ-प्रसारिण्यै नम:  

ॐ दक्ष-यज्ञ-प्रसिद्धायै नम:  

ॐ दक्ष-यज्ञ-प्रसङ्गायै नम:  

ॐ दक्ष-यज्ञ-प्रसक्तायै नम:  

ॐ दक्ष-यज्ञ-प्रसारायै नम:  

ॐ दक्ष-यज्ञ-प्रसन्नायै नम:  

ॐ दक्ष-यज्ञ-प्रसादायै नम:  

ॐ दक्ष-यज्ञ-प्रसक्तायै नम:  

ॐ दक्ष-यज्ञ-प्रसारिण्यै नम:  

ॐ दक्ष-यज्ञ-प्रसिद्धायै नम:  

ॐ दक्ष-यज्ञ-प्रसङ्गायै नम:  

ॐ दक्ष-यज्ञ-प्रसक्तायै नम:  

ॐ दक्ष-यज्ञ-प्रसारायै नम:  

ॐ दक्ष-यज्ञ-प्रसन्नायै नम:  

ॐ दक्ष-यज्ञ-प्रसादायै नम:  

ॐ दक्ष-यज्ञ-प्रसक्तायै नम:  

ॐ दक्ष-यज्ञ-प्रसारिण्यै नम:  

ॐ दक्ष-यज्ञ-प्रसिद्धायै नम:  

ॐ दक्ष-यज्ञ-प्रसङ्गायै नम:  

ॐ दक्ष-यज्ञ-प्रसक्तायै नम:  

ॐ दक्ष-यज्ञ-प्रसारायै नम:  

ॐ दक्ष-यज्ञ-प्रसन्नायै नम:  

ॐ दक्ष-यज्ञ-प्रसादायै नम:  

ॐ दक्ष-यज्ञ-प्रसक्तायै नम:  

ॐ दक्ष-यज्ञ-प्रसारिण्यै नम:  

ॐ दक्ष-यज्ञ-प्रसिद्धायै नम:  

ॐ दक्ष-यज्ञ-प्रसङ्गायै नम:  

ॐ दक्ष-यज्ञ-प्रसक्तायै नम:  

ॐ दक्ष-यज्ञ-प्रसारायै नम:  

ॐ दक्ष-यज्ञ-प्रसन्नायै नम:  

ॐ दक्ष-यज्ञ-प्रसादायै नम:  

ॐ दक्ष-यज्ञ-प्रसक्तायै नम:  

ॐ दक्ष-यज्ञ-प्रसारिण्यै नम:  

ॐ दक्ष-यज्ञ-प्रसिद्धायै नम:  

ॐ दक्ष-यज्ञ-प्रसङ्गायै नम:  

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ॐ दक्ष-यज्ञ-प्रसारायै नम:  

ॐ दक्ष-यज्ञ-प्रसन्नायै नम:  

ॐ दक्ष-यज्ञ-प्रसादायै नम:  

ॐ दक्ष-यज्ञ-प्रसक्तायै नम:  

ॐ दक्ष-यज्ञ-प्रसारिण्यै नम:  

ॐ दक्ष-यज्ञ-प्रसिद्धायै नम:  

ॐ दक्ष-यज्ञ-प्रसङ्गायै नम:  

ॐ दक्ष-यज्ञ-प्रसक्तायै नम:  

ॐ दक्ष-यज्ञ-प्रसारायै नम:  

ॐ दक्ष-यज्ञ-प्रसन्नायै नम:  

ॐ दक्ष-यज्ञ-प्रसादायै नम:  

ॐ दक्ष-यज्ञ-प्रसक्तायै नम:  

ॐ दक्ष-यज्ञ-प्रसारिण्यै नम:  

ॐ दक्ष-यज्ञ-प्रसिद्धायै नम:  

ॐ दक्ष-यज्ञ-प्रसङ्गायै नम:  

ॐ दक्ष-यज्ञ-प्रसक्तायै नम:  

ॐ दक्ष-यज्ञ-प्रसारायै नम:  

ॐ दक्ष-यज्ञ-प्रसन्नायै नम:  

ॐ दक्ष-यज्ञ-प्रसादायै नम:  

ॐ दक्ष-यज्ञ-प्रसक्तायै नम:  

ॐ दक्ष-यज्ञ-प्रसारिण्यै नम:  

ॐ दक्ष-यज्ञ-प्रसिद्धायै नम:  

ॐ दक्ष-यज्ञ-प्रसङ्गायै नम:  

ॐ दक्ष-यज्ञ-प्रसक्तायै नम:  

ॐ दक्ष-यज्ञ-प्रसारायै नम:  

ॐ दक्ष-यज्ञ-प्रसन्नायै नम:  

ॐ दक्ष-यज्ञ-प्रसादायै नम:  

ॐ दक्ष-यज्ञ-प्रसक्तायै नम:  

ॐ दक्ष-यज्ञ-प्रसारिण्यै नम:  

ॐ दक्ष-यज्ञ-प्रसिद्धायै नम:  

ॐ दक्ष-यज्ञ-प्रसङ्गायै नम:  

ॐ दक्ष-यज्ञ-प्रसक्तायै नम:  

ॐ दक्ष-यज्ञ-प्रसारायै नम:  

ॐ दक्ष-यज्ञ-प्रसन्नायै नम:  

ॐ दक्ष-यज्ञ-प्रसादायै नम:  

ॐ दक्ष-यज्ञ-प्रसक्तायै नम:  

ॐ दक्ष-यज्ञ-प्रसारिण्यै नम:  

ॐ दक्ष-यज्ञ-प्रसिद्धायै नम:  

ॐ दक्ष-यज्ञ-प्रसङ्गायै नम:  

ॐ दक्ष-यज्ञ-प्रसक्तायै नम:  

ॐ दक्ष-यज्ञ-प्रसारायै नम:  

ॐ दक्ष-यज्ञ-प्रसन्नायै नम:  

ॐ दक्ष-यज्ञ-प्रसादायै नम:  

ॐ दक्ष-यज्ञ-प्रसक्तायै नम:  

ॐ दक्ष-यज्ञ-प्रसारिण्यै नम:  

ॐ दक्ष-यज्ञ-प्रसिद्धायै नम:  

ॐ दक्ष-यज्ञ-प्रसङ्गायै नम:  

ॐ दक्ष-यज्ञ-प्रसक्तायै नम:  

ॐ दक्ष-यज्ञ-प्रसारायै नम:  

ॐ दक्ष-यज्ञ-प्रसन्नायै नम:  

ॐ दक्ष-यज्ञ-प्रसादायै नम:  

ॐ दक्ष-यज्ञ-प्रसक्तायै नम:  

ॐ दक्ष-यज्ञ-प्रसारिण्यै नम:  

ॐ दक्ष-यज्ञ-प्रसिद्धायै नम:  

ॐ दक्ष-यज्ञ-प्रसङ्गायै नम:  

ॐ दक्ष-यज्ञ-प्रसक्तायै नम:  

ॐ दक्ष-यज्ञ-प्रसारायै नम:  

ॐ दक्ष-यज्ञ-प्रसन्नायै नम:  

ॐ दक्ष-यज्ञ-प्रसादायै नम:  

ॐ दक्ष-यज्ञ-प्रसक्तायै नम:  

ॐ दक्ष-यज्ञ-प्रसारिण्यै नम:  

ॐ दक्ष-यज्ञ-प्रसिद्धायै नम:  

ॐ दक्ष-यज्ञ-प्रसङ्गायै नम:  

ॐ दक्ष-यज्ञ-प्रसक्तायै नम:  

ॐ दक्ष-यज्ञ-प्रसारायै नम:  

ॐ दक्ष-यज्ञ-प्रसन्नायै नम:  

ॐ दक्ष-यज्ञ-प्रसादायै नम:  

ॐ दक्ष-यज्ञ-प्रसक्तायै नम:  

ॐ दक्ष-यज्ञ-प्रसारिण्यै नम:

इति कुलार्णव तंत्रोक्त दकारादि श्री दुर्गा सहस्रनामावलि समाप्त।

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