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देश के टॉप 10 कृष्ण मंदिर

देश के टॉप 10 कृष्ण मंदिर

Krishna Mandir in India: ये हैं देश के 10 सबसे बड़े कृष्ण मंदिर, ब्रज में मिलेगा बाल रूप तो द्वारका में राजा और पुरी में जगन्नाथ स्वरूप के दर्शन

भारतवर्ष की धार्मिक संस्कृति में श्रीकृष्ण का स्थान अत्यंत विशिष्ट है। वे न केवल भक्तों के आराध्य हैं, बल्कि प्रेम, करुणा, नटखटपन और धर्म की गूढ़ व्याख्या के प्रतीक भी हैं। श्रीकृष्ण से जुड़ी भूमि जैसे मथुरा, वृंदावन, द्वारका, और पुरी न केवल तीर्थस्थल हैं, बल्कि भारत की सांस्कृतिक धरोहर भी हैं। इन स्थलों पर स्थित मंदिरों में श्रीकृष्ण की लीलाएं आज भी जीवंत प्रतीत होती हैं। यहां हर दिन लाखों श्रद्धालु दर्शन के लिए उमड़ते हैं, विशेष रूप से जन्माष्टमी, रथयात्रा और झूलन उत्सव जैसे पर्वों पर। आइए जानते हैं भारत के उन प्रमुख मंदिरों के बारे में जहां श्रीकृष्ण की भक्ति अपने चरम पर पहुंचती है।

1. श्रीकृष्ण जन्मभूमि मंदिर, मथुरा (उत्तर प्रदेश)

यह मंदिर भगवान श्रीकृष्ण के जन्मस्थान पर बना हुआ है और मथुरा की प्रमुख धार्मिक पहचान है। यह मंदिर मथुरा के केंद्र में मथुरा जंक्शन रेलवे स्टेशन से लगभग 1.5 किमी दूर स्थित है। मंदिर परिसर में श्रीकृष्ण जन्मस्थान के साथ-साथ भागवत भवन और केशवदेव मंदिर स्थित हैं। यहां जन्माष्टमी का उत्सव अत्यंत भव्यता से मनाया जाता है। दर्शन सुबह 5:00 से रात 9:30 बजे तक किए जा सकते हैं। सुरक्षा कारणों से यहाँ फोटो खींचना और मोबाइल ले जाना प्रतिबंधित है।

2. प्रेम मंदिर, वृंदावन (उत्तर प्रदेश)

सफेद संगमरमर से बना यह भव्य मंदिर 2012 में श्रद्धेय कृपालु महाराज द्वारा बनवाया गया। मंदिर सुबह 5:30 से दोपहर 12:00 और शाम 4:30 से रात 8:30 तक खुलता है। यहाँ राधा-कृष्ण और सीता-राम की सुंदर झांकियाँ, रोशनी व संगीत के शो और प्रेमा भक्ति की झलक देखने को मिलती है।

3. बांके बिहारी मंदिर, वृंदावन (उत्तर प्रदेश)

वृंदावन के सबसे लोकप्रिय मंदिरों में से एक, यह 1864 में स्वामी हरिदास द्वारा स्थापित किया गया था। ठाकुर जी की एक झलक पाने को हजारों भक्त उमड़ते हैं। यह मंदिर सुबह 6 से रात 8 बजे तक दर्शन के लिए खुला रहता है। झूलन उत्सव और होली यहाँ विशेष आकर्षण होते हैं।

4. द्वारकाधीश मंदिर, द्वारका (गुजरात)

चारधामों में से एक, यह मंदिर भगवान श्रीकृष्ण के द्वारका नरेश स्वरूप को समर्पित है। गोमती नदी के किनारे स्थित यह मंदिर सुबह 6:00 से दोपहर 1:00 और शाम 5:00 से रात 9:30 तक खुलता है। इसकी पंचरत्न स्थापत्य शैली दर्शनीय है।

5. श्रीनाथजी मंदिर, नाथद्वारा (राजस्थान)

राजसमंद जिले में स्थित इस मंदिर में श्रीकृष्ण को गोवर्धन पर्वत उठाए हुए रूप में पूजा जाता है। 1672 में स्थापित यह मंदिर वैष्णव संप्रदाय के पुस्टिमार्ग की परंपरा का केंद्र है। यहां दर्शन की 8 झांकियों (अष्टयाम सेवा) की परंपरा है।

6. श्री राधा–दमोदर मंदिर, वृंदावन (उत्तर प्रदेश)

1542 में जिव गोस्वामी द्वारा स्थापित यह मंदिर श्रीकृष्ण की बाललीला और राधारानी के प्रेम को समर्पित है। मंदिर सुबह 4:30 से दोपहर 1:00 और शाम 4:30 से रात 9:00 तक खुला रहता है। गोवर्धन शिला यहाँ की विशेष पहचान है।

7. गोविंद देव जी मंदिर, जयपुर (राजस्थान)

सिटी पैलेस परिसर में स्थित यह मंदिर 18वीं सदी में राजा सवाई जय सिंह द्वितीय द्वारा बनवाया गया। यहाँ श्रीकृष्ण और राधा रानी की सुंदर प्रतिमाएं हैं। मंदिर में दर्शन और आरती के लिए विशेष समय निर्धारित है और श्रृंगार व भोग की सेवा विशेष आकर्षण हैं।

8. इस्कॉन मंदिर, वृंदावन (उत्तर प्रदेश)

इंटरनेशनल सोसाइटी फॉर कृष्णा कॉन्शसनेस द्वारा निर्मित यह मंदिर राधा-माधव और बलराम को समर्पित है। इसकी संकीर्तन, आरती और प्रसाद सेवा देश-विदेश के भक्तों को आकर्षित करती हैं। मंदिर सुबह 5 से दोपहर 1 बजे और शाम 4 से रात 9 बजे तक खुला रहता है।

9. उदुपी श्री कृष्ण मठ, कर्नाटक

13वीं सदी में माध्वाचार्य द्वारा स्थापित यह मंदिर द्रविड़ शैली में बना है। श्रीकृष्ण की बालरूप में प्रतिमा एक झरोखे से दिखाई जाती है। यहाँ दिनभर पूजा, भजन और अन्नदान चलता है। यह द्वैत वेदांत का एक प्रमुख केंद्र भी है।

10. गुरुवायूर श्रीकृष्ण मंदिर, केरल

‘दक्षिण का द्वारका’ कहे जाने वाला यह मंदिर चार भुजाओं वाले श्रीकृष्ण को समर्पित है। मंदिर सुबह 3:30 से दोपहर 12 बजे और शाम 4 से रात 8:30 तक खुला रहता है। यहाँ तुलसी माला, मक्खन-भोग और हाथियों की सेवा एक परंपरा है।

11. श्री जगन्नाथ मंदिर, पुरी (ओडिशा)

पुरी स्थित यह मंदिर भगवान जगन्नाथ (कृष्ण), बलभद्र और सुभद्रा को समर्पित है। यह चारधाम यात्रा का एक प्रमुख केंद्र है। रथयात्रा इसका प्रमुख उत्सव है जिसमें लाखों श्रद्धालु भाग लेते हैं। मंदिर सुबह 6 बजे से रात 9 बजे तक खुला रहता है।

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बैद्यनाथ धाम, देवघर झारखंड (Baidyanath Dham, Deoghar Jharkhand)

हिंदू धर्म में 12 ज्योतिर्लिंगो का बहुत महत्व है। कहा जाता है इन 12 ज्योतिर्लिंगों के दर्शन मात्र से मनुष्य को मोक्ष की प्राप्ति होती है। इन द्वादश ज्योतिर्लिंगों में नौवां ज्योतिर्लिंग बाबा बैद्यनाथ या बाबा वैद्यनाथ धाम झारखंड के देवघर में है।

नागेश्वर ज्योतिर्लिंग, गुजरात ( Nageshwar Jyotirlinga, Gujarat)

शिव पुराण में 12 ज्योतिर्लिंगों का बहुत महत्व बताया गया है। इन सभी पावन ज्योतिर्लिंगों का अपना धार्मिक महत्व और मान्यताएं है।

घृष्णेश्वर ज्योतिर्लिंग, महाराष्ट्र (Ghrishneshwar Jyotirlinga, Maharashtra)

विश्व प्रसिद्ध द्वादश ज्योतिर्लिंगों में से तीन पावन ज्योतिर्लिंग महाराष्ट्र में अलग-अलग स्थानों पर विराजित है। लेकिन यहां एक ज्योतिर्लिंग ऐसा है जिसके बारे में तीर्थयात्रियों का मानना है की यहां की यात्रा करने से सभी 12 ज्योतिर्लिंगों की पूजा करने का लाभ मिलता है।

रामेश्वरम ज्योतिर्लिंग, तमिलनाडु (Rameshwaram Jyotirlinga, Tamil Nadu)

विश्व प्रसिद्ध 12 ज्योतिर्लिंगों का शास्त्रों में बहुत अधिक महत्व बताया गया है।

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