गोबिंद चले चरावन गैया ।
दिनो है रिषि आजु भलौ दिन,
कह्यौ है जसोदा मैया ॥
उबटि न्हवाइ बसन भुषन,
सजि बिप्रनि देत बधैया ।
करि सिर तिलकु आरती बारति,
फ़ुनि-फ़ुनि लेति बलैया ॥
’चतुर्भुजदास’ छाक छीके सजि,
सखिन सहित बलभैया ।
गिरिधर गवनत देखि अंक भर,
मुख चूम्यो व्रजरैया ॥
राम नाम का प्याला प्यारे,
पि ले सुबहो शाम,
राम नाम के दीवाने,
पूजे जिनको दुनिया माने,
राम नाम के साबुन से जो,
मन का मेल भगाएगा,
हिंदू धर्म में सफला एकादशी एक महत्वपूर्ण व्रत है। यह भगवान विष्णु को समर्पित है। यह पौष मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को पड़ती है।