बजरंगबली आओ, हनुमान चले आओ (Bajrangbali Aao Hanuman Chale Aao)

बजरंगबली आओ,

हनुमान चले आओ,

माँ अंजनी के प्यारे,

बालाजी आ जाओ ॥


महावीर तुम्हारे हम,

दर्शन अभिलाषी है,

तुम आकर भक्तो को,

प्रभु दरश दिखा जाओ ॥


श्री राम दुलारे हो,

करते हो दया सब पर,

मेरी नाव भवर में है,

मुझे पार लगा जाओ ॥


हमें संकट ने घेरा,

तुम बिन ना कोई मेरा,

बाबा संकट दूर करो,

किरपा बरसा जाओ ॥


श्री राम काज किये,

सबके दुःख हरते हो,

बालाजी मेरे भी,

कष्टों को मिटा जाओ ॥


हम तुम्हे मनाते है,

श्रद्धा से बुलाते है,

भक्तो की विनती पर,

दो ध्यान चले आओ ॥


तुम पर ही भरोसा है,

विश्वास तुम्हारा है,

हम दीनो के बाबा,

तुम भाग्य जगा जाओ ॥


बजरंगबली आओ,

हनुमान चले आओ,

माँ अंजनी के प्यारे,

बालाजी आ जाओ ॥

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करूँ वंदन हे शिव नंदन (Karu Vandan Hey Shiv Nandan )

करूँ वंदन हे शिव नंदन,
तेरे चरणों की धूल है चन्दन,

भगवान तुम्हारे चरणों में, मैं तुम्हे रिझाने आया हूँ (Bhagwan Tumhare Charno Mein Main Tumhe Rijhane Aaya Hun)

भगवान तुम्हारे चरणों में,
> मैं तुम्हे रिझाने आया हूँ,

बुध प्रदोष व्रत, नवंबर 2024

सनातन धर्म में प्रत्येक तिथि का अपना विशेष महत्व है, जैसे एकादशी तिथि भगवान विष्णु को समर्पित है, वैसे ही त्रयोदशी तिथि महादेव भगवान शिव की प्रिय तिथि मानी जाती है।

ऐसा दरबार कहाँ, ऐसा दातार कहाँ (Aisa Darbar Kahan Aisa Datar Kaha)

ऐसा दरबार कहाँ,
ऐसा दातार कहाँ,

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