बजरंगबली आओ,
हनुमान चले आओ,
माँ अंजनी के प्यारे,
बालाजी आ जाओ ॥
महावीर तुम्हारे हम,
दर्शन अभिलाषी है,
तुम आकर भक्तो को,
प्रभु दरश दिखा जाओ ॥
श्री राम दुलारे हो,
करते हो दया सब पर,
मेरी नाव भवर में है,
मुझे पार लगा जाओ ॥
हमें संकट ने घेरा,
तुम बिन ना कोई मेरा,
बाबा संकट दूर करो,
किरपा बरसा जाओ ॥
श्री राम काज किये,
सबके दुःख हरते हो,
बालाजी मेरे भी,
कष्टों को मिटा जाओ ॥
हम तुम्हे मनाते है,
श्रद्धा से बुलाते है,
भक्तो की विनती पर,
दो ध्यान चले आओ ॥
तुम पर ही भरोसा है,
विश्वास तुम्हारा है,
हम दीनो के बाबा,
तुम भाग्य जगा जाओ ॥
बजरंगबली आओ,
हनुमान चले आओ,
माँ अंजनी के प्यारे,
बालाजी आ जाओ ॥
महर्षि वेदव्यास, महर्षि पराशर और धीवर कन्या सत्यवती के पुत्र थे। रंग काला होने की वजह से महर्षि वेदव्यास को कृष्ण तो वहीं यमुना नदी के बीच द्वीप पर जन्म होने की वजह से उनको द्वैपायन नाम से भी जाना जाता है।
रुद्र के ग्यारहवें अवतार और वानर राज केसरी तथा अंजनी के पुत्र हनुमान का जन्म भगवान श्री राम की सेवा के लिए हुआ था।
विभीषण ऋषि विश्रवा और राक्षसी कैकसी के पुत्र थे। वे एक धर्मपरायण व्यक्ति थे जो हमेशा सत्य के मार्ग पर चलते थे।
कुरुवंश के कुलगुरु के रूप विख्यात कृपाचार्य महर्षि यानी संत होने के साथ-साथ अद्वितीय योद्धा भी थे