गणराज विनायक आओ,
म्हारी सभा में रंग बरसाओ,
महाराज विनायक आओ,
म्हारी सभा में रंग बरसाओ ॥
रणत भवन से आवो नी गजानन,
संग में रिद्धि सिद्धि ल्यावो,
महाराज विनायक आओ,
म्हारी सभा में रंग बरसाओ ॥
गणराज विनायक आवो,
म्हारी सभा में रंग बरसाओ,
महाराज विनायक आओ,
म्हारी सभा में रंग बरसाओ ॥
ब्रम्हा जी आवो देवा विष्णु पधारो,
संग में सरस्वती ले आवो,
महाराज विनायक आओ,
म्हारी सभा में रंग बरसाओ ॥
गणराज विनायक आवो,
म्हारी सभा में रंग बरसाओ,
महाराज विनायक आओ,
म्हारी सभा में रंग बरसाओ ॥
नांदिये सवारी शिव भोला पधारो,
संग में पार्वती ने ल्यावो,
महाराज विनायक आओ,
म्हारी सभा में रंग बरसाओ ॥
गणराज विनायक आओ,
म्हारी सभा में रंग बरसाओ,
महाराज विनायक आओ,
म्हारी सभा में रंग बरसाओ ॥
सिंघ सवारी नवदुर्गे पधारो,
संग में काळा गौरा ल्यावो,
महाराज विनायक आओ,
म्हारी सभा में रंग बरसाओ ॥
गणराज विनायक आओ,
म्हारी सभा में रंग बरसाओ,
महाराज विनायक आओ,
म्हारी सभा में रंग बरसाओ ॥
लीले सवारी बाबा रामदेव आवो,
संग में मेतल राणी ल्यावो,
महाराज विनायक आओ,
म्हारी सभा में रंग बरसाओ ॥
गणराज विनायक आवो,
म्हारी सभा में रंग बरसाओ,
महाराज विनायक आओ,
म्हारी सभा में रंग बरसाओ ॥
तानसेन देवा थारो यश गावे,
भूल्या ने राह बतावो,
महाराज विनायक आओ,
म्हारी सभा में रंग बरसाओ ॥
गणराज विनायक आओ,
म्हारी सभा में रंग बरसाओ,
महाराज विनायक आओ,
म्हारी सभा में रंग बरसाओ ॥
गणेश जयंती भगवान गणेश जी के प्राकट्य दिवस के रूप में मनाई जाती है। पंचांग के अनुसार यह पर्व हर साल माघ माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि पर मनाया जाता है।
सनातन हिंदू धर्म के पौराणिक ग्रंथों के अनुसार, भगवान गणेश जी का जन्म माघ महीने के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को हुआ था। इसे श्रीगणेश के अवतरण-दिवस के रूप में मनाया जाता है।
प्रत्येक वर्ष माघ मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को गणेश जयंती मनाई जाती है। इसे विनायक चतुर्थी अथवा वरद चतुर्थी के नाम से भी जाना जाता है।
सनातन हिंदू धर्म में नवरात्रि के पर्व को नारी शक्ति और देवी दुर्गा का प्रतीक माना जाता है। यह त्योहार देवी दुर्गा के नौ रूपों की पूजा को समर्पित है।