गजानंद बेगा आओ, साथ रिद्धि सिद्धि ने ल्याओ (Gajanand Bega Aao Saath Riddhi Siddhi Ne Lavo)

आओ गजानंद प्यारा,

बेगा पधारो गणपति जी,

दुन्दाला, सुंडाला,

गजानंद बेगा आओ,

साथ रिद्धि सिद्धि ने ल्याओ,

गजानन्द बेगा आओ,

साथ रिद्धि सिद्धि ने ल्याओ ॥


शुभ लाभ थे सबने बांटों,

भंडारा में थाके काहे को घाटों,

सबसे पहले थाने मनावा गणपति जी,

दुन्दाला, सुंडाला,

गजानन्द बेगा आओ,

साथ रिद्धि सिद्धि ने ल्याओ,

गजानन्द बेगा आओ,

साथ रिद्धि सिद्धि ने ल्याओ ॥


महिमा निराली देवा थाकि गजानंद,

रिद्धि सिद्धि पति पूर्ण ब्रम्हानंद,

मोदक को थे भोग लगाओ गणपति जी,

दुन्दाला, सुंडाला,

गजानन्द बेगा आओ,

साथ रिद्धि सिद्धि ने ल्याओ,

गजानन्द बेगा आओ,

साथ रिद्धि सिद्धि ने ल्याओ ॥


माता पिता छे थाका गौरी शंकर,

जा का गला में सोहे नाग भयंकर,

गंगा जा के सर पे विराजे गणपति जी,

दुन्दाला, सुंडाला,

गजानन्द बेगा आओ,

साथ रिद्धि सिद्धि ने ल्याओ,

गजानन्द बेगा आओ,

साथ रिद्धि सिद्धि ने ल्याओ ॥


आओ गजानंद प्यारा,

बेगा पधारो गणपति जी,

दुन्दाला, सुंडाला,

गजानंद बेगा आओ,

साथ रिद्धि सिद्धि ने ल्याओ,

गजानन्द बेगा आओ,

साथ रिद्धि सिद्धि ने ल्याओ ॥

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हमको अपनी भारत की माटी से अनुपम प्यार है (Hamako Apani Bharat Ki Mati Se Anupam Pyar Hai)

इस धरती पर जन्म लिया था दसरथ नंन्दन राम ने,
इस धरती पर गीता गायी यदुकुल-भूषण श्याम ने ।

काशी नगरी से, आए है शिव शम्भू - भजन (Kashi Nagri Se Aaye Hai Shiv Shambhu)

सुनके भक्तो की पुकार,
होके नंदी पे सवार,

मासिक शिवरात्रि राशिफल

साल की आखिरी मासिक शिवरात्रि के दिन का बहुत महत्व है। इस दिन भगवान शिव और मांं पार्वती की पूजा होती है। इस दिन व्रत भी रखा जाता है। ऐसी मान्यता है कि जो भक्त इस दिन भगवान शिव की उपासना और व्रत करता है उस पर भोलेनाथ जल्दी प्रसन्न हो जाते हैं। साथ ही उन्हें मनचाहा फल प्रदान करते हैं।

भूतनाथ अष्टकम्

शिव शिव शक्तिनाथं संहारं शं स्वरूपम्
नव नव नित्यनृत्यं ताण्डवं तं तन्नादम्

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