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Kewat Ne Kaha Raghurai Se Lyrics (केवट ने कहा रघुराई से)

Kewat Ne Kaha Raghurai Se Lyrics (केवट ने कहा रघुराई से)

केवट ने कहा रघुराई से,

उतराई ना लूंगा हे भगवन,

उतराई ना लूंगा हे भगवन,

केवट ने कहा रघुराईं से,

उतराई ना लूंगा हे भगवन ॥


मैं नदी नाल का सेवक हूँ,

तुम भवसागर के स्वामी हो,

मैं यहाँ पे पार लगाता हूँ,

तुम वहाँ पे पार लगा देना,

केवट ने कहा रघुराईं से,

उतराई ना लूंगा हे भगवन ॥


तूने अहिल्या को पार लगाया है,

मुझको भी पार लगा देना,

मैं यहाँ पे पार लगाता हूँ,

तुम वहाँ पे पार लगा देना,

केवट ने कहा रघुराईं से,

उतराई ना लूंगा हे भगवन ॥


केवट ने कहा रघुराई से,

उतराई ना लूंगा हे भगवन,

उतराई ना लूंगा हे भगवन,

केवट ने कहा रघुराईं से,

उतराई ना लूंगा हे भगवन ॥

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मोक्षदा एकादशी के दिन क्या करें और क्या नहीं

हिंदू धर्म में मोक्षदा एकादशी को अत्यंत शुभ और पुण्यकारी माना गया है। यह पर्व हर साल मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी को मनाया जाता है। इस वर्ष मोक्षदा एकादशी 11 दिसंबर 2024 को मनाई जाएगी।

गीता जयंती और मोक्षदा एकादशी का संबंध

मोक्षदा एकादशी और गीता जयंती का विशेष संबंध सनातन धर्म में अत्यधिक महत्व रखता है। मोक्षदा एकादशी, मार्गशीर्ष शुक्ल पक्ष की ग्यारहवीं तिथि को मनाई जाती है।

कितने साल तक रखना चाहिए एकादशी और प्रदोष व्रत

हिन्दू धर्म में एकादशी और प्रदोष व्रत का विशेष महत्व है। ये व्रत धार्मिक श्रद्धा, मानसिक शांति और आध्यात्मिक लाभ के लिए किए जाते हैं।

दिसंबर माह के प्रदोष व्रत

सनातन धर्म में प्रदोष व्रत को अत्यंत शुभ और फलदायी माना जाता है। यह व्रत हर माह के कृष्ण और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को रखा जाता है। भगवान शिव की साधना करने वाले साधक को पृथ्वी लोक के सभी सुख प्राप्त होते हैं और मृत्यु उपरांत उच्च लोक में स्थान मिलता है।

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