सुनो सुनो हनुमान जी, एक जरुरी काम जी: भजन (Suno Suno Hanuman Ji Ek Jaruri Kaam Ji)

सुनो सुनो हनुमान जी,

एक जरुरी काम जी,

राम प्रभु से करवा द्यो,

भगता की पहचान जी,

राम प्रभु से करवा द्यो,

भगता की पहचान जी ॥


राम प्रभु के दर पे थारो,

रोज ही आनो जानो है,

छोटो है काम म्हारो,

थाने ही पटवानो है,

थारा करा गुणगान जी,

अर्जी पे दो ध्यान जी,

राम प्रभु से करवा द्यो,

भगता की पहचान जी ॥


थे हो भगत श्री राम प्रभु का,

और भगत म्हे थारा जी,

राम प्रभु पे बने है बाबा,

थोड़ा हक़ तो म्हारा जी,

मानांगा अहसान जी,

पूरा करो अरमान जी,

राम प्रभु से करवा द्यो,

भगता की पहचान जी ॥


स्वारथ की है सारी दुनिया,

बात या म्हारे मतलब की,

कहे ‘पवन’ दरकार म्हाने,

इसीलिए थारी पड़गी,

जद निकले है प्राण जी,

मुक्ति देवे राम जी,

राम प्रभु से करवा द्यो,

भगता की पहचान जी ॥


सुनो सुनो हनुमान जी,

एक जरुरी काम जी,

राम प्रभु से करवा द्यो,

भगता की पहचान जी,

राम प्रभु से करवा द्यो,

भगता की पहचान जी ॥

........................................................................................................
परशुराम ने सहस्त्रबाहु का वध क्यों किया था

हिंदू धर्म में भगवान परशुराम महान योद्धा और ऋषियों में से एक माने जाते हैं। वे भगवान विष्णु के छठे अवतार हैं, जिन्हें धर्म की रक्षा और अधर्म के विनाश के लिए जाना जाता है।

शिवलिंग पर जल चढ़ाने की कथा

सनातन धर्म में भगवान शिव को सुख-सौभाग्य, सत्य और आस्था का प्रतीक माना जाता है। इनकी पूजा करने से व्यक्ति को सभी प्रकार के भय से मुक्ति मिल सकती है।

मां काली की पूजा विधि

मां काली को शक्ति, विनाश और परिवर्तन की प्रतीक हैं। उन्हें दुर्गा का एक रूप माना जाता है और वे दस महाविद्याओं में से एक हैं। मां काली का रूप उग्र और भयानक है, लेकिन वे अपने भक्तों के लिए सुरक्षा प्रदान करती हैं।

तृष्णा ना जाए मन से - भजन (Trishna Na Jaye Man Se)

तृष्णा ना जाये मन से ॥

डिसक्लेमर

'इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।