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नवरात्रि में खान-पान के नियम

नवरात्रि में खान-पान के नियम

Chaitra Navratri Vrat Niyam: नवरात्रि व्रत के दौरान क्या खाएं और क्या नहीं, जानिए उपवास की संपूर्ण आहार विधि 


नवरात्रि भारत में बहुत श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाया जाता है। यह पर्व मां दुर्गा की आराधना के लिए समर्पित है, और इस दौरान लोग व्रत रखते हैं। व्रत का उद्देश्य केवल भूखा रहना नहीं, बल्कि शरीर और मन की शुद्धि भी होता है। इसलिए, उपवास के दौरान सही खान-पान करना बेहद जरूरी है। अगर आप पहली बार व्रत रख रहे हैं या इस दौरान किन चीजों को खाना चाहिए और किनसे बचना चाहिए, इसे लेकर दुविधा में हैं, तो यह गाइड आपके लिए मददगार साबित होगी।


व्रत में क्या खाएं?


1. फल और सूखे मेवे: व्रत में फल खाना सेहत के लिए बहुत फायदेमंद होता है। सेब, केला, संतरा, अनार और पपीता जैसे फल खाने से शरीर को जरूरी पोषण मिलता है और दिनभर ऊर्जा बनी रहती है। इसके अलावा, काजू, बादाम, अखरोट और पिस्ता जैसे सूखे मेवे भी फायदेमंद होते हैं।

2. साबूदाना और समा के चावल: अगर आप व्रत में कुछ भारी और पौष्टिक खाना चाहते हैं, तो साबूदाना एक बेहतरीन विकल्प है। इससे बनी खिचड़ी या खीर खाने से तुरंत ऊर्जा मिलती है।

3. डेयरी उत्पाद: दूध और दही व्रत में सबसे अच्छे आहार माने जाते हैं। ये शरीर को ठंडक देते हैं और पाचन में मदद करते हैं। पनीर भी प्रोटीन का अच्छा स्रोत है और इससे बने व्यंजन व्रत के दौरान खाए जा सकते हैं।

4. कुट्टू और सिंघाड़े का आटा: व्रत में गेहूं और मैदे की जगह कुट्टू और सिंघाड़े के आटे का उपयोग किया जाता है। इनसे बनी पूड़ी, पराठे या पकौड़े न केवल स्वादिष्ट होते हैं, बल्कि शरीर को ऊर्जा भी प्रदान करते हैं।

5. हाइड्रेशन के लिए पेय पदार्थ: व्रत के दौरान हाइड्रेट रहना बहुत जरूरी होता है। नारियल पानी, छाछ, नींबू पानी और फलों का जूस शरीर को डिहाइड्रेट होने से बचाते हैं और ताजगी बनाए रखते हैं।


व्रत में क्या न खाएं?


1. मांसाहारी भोजन और शराब: व्रत के दौरान सात्विक भोजन करने की परंपरा है, इसलिए मांस, मछली, अंडे और शराब का सेवन पूरी तरह से वर्जित होता है।

2. प्याज और लहसुन: प्याज और लहसुन को तामसिक भोजन की श्रेणी में रखा जाता है, इसलिए व्रत के दौरान इनका सेवन नहीं किया जाता।

3. अनाज और दालें: नवरात्रि व्रत में गेहूं, चावल, दालें, बेसन, सूजी और मैदा जैसी चीजें खाने की मनाही होती है। इनकी जगह फल, साबूदाना और कुट्टू के आटे का सेवन किया जाता है।

4. सामान्य नमक और तीखे मसाले: व्रत में सेंधा नमक का ही इस्तेमाल किया जाता है, जबकि हल्दी, गरम मसाला, सरसों, हींग और धनिया पाउडर जैसे मसालों से परहेज करना चाहिए।

5. प्रोसेस्ड और जंक फूड: बाजार में मिलने वाले पैकेट वाले खाद्य पदार्थ, चिप्स और फास्ट फूड से दूर रहना चाहिए। ये न सिर्फ स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होते हैं, बल्कि व्रत की शुद्धता को भी प्रभावित करते हैं।


व्रत के दौरान ध्यान रखने योग्य बातें: 


व्रत के दौरान खुद को हाइड्रेट रखना सबसे जरूरी है, इसलिए दिनभर में कम से कम 3-4 लीटर पानी जरूर पिएं। उपवास के दौरान ज्यादा तली-भुनी चीजों का सेवन करने से बचें, क्योंकि इससे पेट में भारीपन और अपच की समस्या हो सकती है। सुबह के समय एक गिलास दूध और कुछ सूखे मेवे खाना अच्छा होता है, इससे शरीर को पर्याप्त ऊर्जा मिलती है। इसके अलावा, व्रत के दौरान ध्यान और मां दुर्गा की स्तुति करने से मानसिक शांति मिलती है और भक्ति का अनुभव और गहरा होता है।


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चैत्र नवरात्रि कलश स्थापना मुहूर्त

नवरात्रि के पहले दिन कलश स्थापना की परंपरा सदियों से चली आ रही है। कहा जाता है कि जहां शुभ मुहूर्त में घटस्थापना की जाती है, वहां मां दुर्गा की कृपा हमेशा बनी रहती है और संकटों के बादल कभी नहीं मंडराते, ऐसी मान्यता है।

चैत्र नवरात्रि घटस्थापना विशेष मुहूर्त

चैत्र नवरात्रि 30 मार्च से शुरू हो रही है और 6 अप्रैल को समाप्त होगी। यानी नवरात्रि में घटस्थापना 30 मार्च और रामनवमी 6 अप्रैल को होगी। नवरात्रि इस बार रविवार से शुरू होगी, इसलिए इस बार मां दुर्गा हाथी पर सवार होकर आएंगी।

मां दुर्गा की सवारी कैसे तय होती है

साल 2025 में चैत्र नवरात्रि 30 मार्च, रविवार से शुरू हो रही है। हिंदू धर्म में चैत्र नवरात्रि का बहुत महत्व है। चैत्र मास हिंदू नववर्ष का पहला महीना होता है। चैत्र नवरात्रि में देवी दुर्गा की पूजा करने से पुण्य की प्राप्ति होती है और नौ दुर्गाओं का आशीर्वाद बना रहता है।

देवी दुर्गा के देशभर में प्रमुख मंदिर

चैत्र नवरात्रि 30 मार्च 2025 रविवार से शुरू होकर 7 अप्रैल 2025 सोमवार को समाप्त होगी। इस पावन अवसर पर आप देश के विभिन्न प्रसिद्ध दुर्गा मंदिरों के दर्शन कर सकते हैं।

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