दीपावली पर धन की देवी के आशीर्वाद से जीवन में सुख-समृद्धि, यश और वैभव आता है। ऐसे में हर व्यक्ति चाहता है कि वह माता लक्ष्मी को प्रसन्न कर उनकी कृपा प्राप्त करे। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार देवी-देवताओं को फूल अत्यंत प्रिय होते हैं और पूजा में उनके पसंदीदा फूल चढ़ाने से वे शीघ्र प्रसन्न भी होते हैं। माता लक्ष्मी भी कुछ विशेष फूलों से शीघ्र प्रसन्न होती हैं। दीपावली या नियमित पूजा में इन फूलों का उपयोग अति शुभ माना जाता है। आइए विस्तार से जानते हैं मां लक्ष्मी के प्रिय फूलों के बारे में…
अपराजिता (Clitoria Ternatea): अपराजिता का नीला फूल माता लक्ष्मी को अत्यंत प्रिय है। इसका पौधा बेल की तरह होता है। अपराजिता के फूल सुंदर, छोटे और नीले रंग के होते हैं। जिन्हें पूजा में उपयोग के लिए शुभ माना जाता है। इस पौधे की खासियत है कि एक बार लगाने के बाद यह नियमित रूप से फूल देता है, जिससे पूजा के लिए हमेशा ताजे फूल उपलब्ध रहते हैं। अपराजिता का नीला रंग शांति और सौम्यता का प्रतीक भी है। इसे नियमित पूजा में चढ़ाने से घर में सकारात्मक ऊर्जा भी बनी रहती है।
कमल (Lotus): माता लक्ष्मी अपने हाथों में कमल का फूल धारण करती हैं। इसलिए, कमल का गुलाबी फूल उनका सबसे प्रिय पुष्प माना जाता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार पूजा में कमल अर्पित करने से मां लक्ष्मी अत्यंत प्रसन्न होती हैं और घर में धन-धान्य की वृद्धि होती है। कमल शुद्धता और आत्मज्ञान का प्रतीक है। इसे चढ़ाने से जीवन में शांति, वैभव और समृद्धि आती है।
पारिजात (Night-Flowering Jasmine): पारिजात का पौधा सफेद रंग के छोटे-छोटे फूलों से भरा होता है। इसकी सुगंध मन को मोह लेती है। इन फूलों को माता लक्ष्मी को अर्पित करने से देवी प्रसन्न होती हैं। पारिजात का पौधा सालभर फूल देता है। पारिजात के फूल चढ़ाने से मनोबल बढ़ता है और सौभाग्य की प्राप्ति होती है। इस फूल की सुगंध घर के वातावरण को पवित्र बनाती है।
लाल गुड़हल (Hibiscus): लाल गुड़हल का फूल भी माता लक्ष्मी को अत्यंत प्रिय है। यह फूल गहरे लाल रंग का होता है। लाल रंग ऊर्जा और समर्पण का प्रतीक है। इसे मां लक्ष्मी को चढ़ाने से घर में खुशहाली और सकारात्मकता का संचार होता है। दीपावली पर मां लक्ष्मी की पूजा में इन फूलों का विशेष महत्व है।
दीपावली पर मां लक्ष्मी का स्वागत करने के लिए घर की सफाई के साथ-साथ विशेष पूजा की जाती है। इस पूजा में देवी के प्रिय फूलों को अर्पित करना शुभ माना जाता है। इन फूलों का चयन करते समय यह ध्यान रखना चाहिए कि वे ताजे हों।
घर में ताजगी: यदि आप इन पौधों को घर में लगाते हैं, तो रोजाना पूजा के लिए आपको ताजे फूल मिलते रहेंगे। इसके साथ ही फूलों के आसपास एक सुगंधित वातावरण भी बना रहेगा।
सकारात्मक ऊर्जा का संचार: इन फूलों के पौधों से ना केवल वातावरण पवित्र होता है बल्कि घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार भी होता है।
सौंदर्य और शांति: ये पौधे घर, बालकनी अथवा बगीचे में लगे होने से आपके घर की शोभा को तो बढ़ाते ही हैं। साथ ही घर के सभी सदस्यों को मानसिक शांति भी प्रदान करते हैं।
होली भारत के प्रमुख त्योहारों में से एक है, जिसे रंगों और उत्साह के साथ मनाया जाता है। होली से एक दिन पहले मनाई जाने वाली छोटी होली को होलिका दहन कहा जाता है।
होली से एक दिन पहले मनाई जाने वाली छोटी होली को होलिका दहन के रूप में जाना जाता है। यह पर्व हिंदू धर्म में विशेष महत्व रखता है और भक्त प्रह्लाद तथा होलिका की कथा से जुड़ा हुआ है।
होलिका दहन से पहले 8 दिन होलाष्टक तिथि लगती है जिसमें कोई मांगलिक कार्य नहीं होता है। पुराणिक कथाओं के अनुसार माना जाता है कि यह समय भक्त प्रह्लाद पर किए गए अत्याचारों को दर्शाता है।
बरसाने में हर साल लट्ठमार होली फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि पर मनाई जाती है। इस साल 2025 में यह त्योहार 8 मार्च को मनाया जाएगा। पौराणिक कथाओं के अनुसार, एक बार भगवान श्रीकृष्ण अपने मित्रों के साथ राधारानी से भेंट करने के लिए बरसाना गए, और वहां जाकर राधारानी और उनकी सखियों को छेड़ने लगे।