माघ माह की शुरुआत मकर संक्रांति के दिन से होती है। इस महीने पड़ने वाली कालाष्टमी पर्व का हिंदू धर्म में बहुत अधिक महत्व है। इस दिन भगवान शिव के उग्र रूप, काल भैरव की पूजा होती है। इस दिन की गई पूजा और उपाय से लोगों को काल भैरव का आशीर्वाद प्राप्त होता है। इसके साथ ही व्यक्ति को कई तरह के लाभ मिलते हैं और परेशानियां भी दूर होती हैं।
तो आइए, इस आर्टिकल में विस्तार से जानते हैं कि कालाष्टमी के दिन किन उपायों को करने से काल भैरव की विशेष कृपा प्राप्त की जा सकती है।
वर्ष 2025 में माघ मास 14 जनवरी से शुरू होकर 12 फरवरी को समाप्त होगा। कालाष्टमी व्रत 21 जनवरी को भगवान काल भैरव की पूजा के साथ मनाया जाएगा। वहीं, पंचांग के अनुसार, इसकी तिथि 20 जनवरी 2025 को रात 10:32 बजे प्रारंभ होगी। वहीं, तिथि की समाप्ति 21 जनवरी 2025 को रात 12:45 बजे होगी। इस दिन भगवान काल भैरव और माता दुर्गा की पूजा-अर्चना की जाती है।
कालाष्टमी के दिन जो जातक ऊपर लिखे इन उपायों को अपनाने जा रहे हैं, तो उन्हें कुछ विशेष बातों का ध्यान रखना आवश्यक है। बता दें कि इस पूजा में छोटी सी गलती के कारण भी यह पूजा अधूरी रह सकती हैं। इसलिए, कालाष्टमी के दिन पूजा करने से पहले पूजा स्थल को साफ-सुथरा रखें और अपने मन को भी शांत और संयमित रखें। भगवान इससे जल्द प्रसन्न होते हैं। इस दिन जातक ध्यान और योग कर सकते हैं। इससे मन शांत होता है और नकारात्मक विचार दूर होते हैं।
फाल्गुन मास की पूर्णिमा के दिन होली मनाई जाती है। इस दिन पूरा देश अबीर-गुलाल और रंग में सराबोर रहता है। हर कोई एक-दूसरे पर प्यार के रंग बरसाते हैं। होली के रंगों को प्रेम का प्रतीक भी माना जाता है।
सनातन हिंदू धर्म में, अन्वाधान व इष्टि दो प्रमुख अनुष्ठान हैं। जिसमें भक्त अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए किया करते हैं। इसमें प्रार्थना व पूजा कुछ समय के लिए यानी छोटी अवधि के लिए ही की जाती है।
फरवरी माह में प्रकृति में भी बदलाव आता है, मौसम में ठंडक कम होने लगती है। पेड़ों पर कोमल पत्ते आने लगते हैं। इस साल फरवरी में गुरु मार्गी होंगे और सूर्य, बुध भी राशि परिवर्तन करेंगा। इसलिए यह महीना बहुत खास रहने वाला है।
इष्टि यज्ञ वैदिक काल के प्रमुख अनुष्ठानों में से एक है। संस्कृत में ‘इष्टि’ का अर्थ ‘प्राप्ति’ या ‘कामना’ होता है। यह यज्ञ विशेष रूप से मनोकामना पूर्ति और जीवन में समृद्धि लाने के उद्देश्य से किया जाता है।