कालाष्टमी व्रत के उपाय

Kalashtami 2025 Upay: कालाष्टमी के दिन कर लें ये 5 उपाय, कालभैरव की कृपा से दूर होंगे सारे कष्ट 


माघ माह की शुरुआत मकर संक्रांति के दिन से होती है। इस महीने पड़ने वाली कालाष्टमी पर्व का हिंदू धर्म में बहुत अधिक महत्व है। इस दिन भगवान शिव के उग्र रूप, काल भैरव की पूजा होती है। इस दिन की गई पूजा और उपाय से लोगों को काल भैरव का आशीर्वाद प्राप्त होता है। इसके साथ ही व्यक्ति को कई तरह के लाभ मिलते हैं और परेशानियां भी दूर होती हैं। 

तो आइए, इस आर्टिकल में विस्तार से जानते हैं कि कालाष्टमी के दिन किन उपायों को करने से काल भैरव की विशेष कृपा प्राप्त की जा सकती है। 



कब है कालाष्टमी जानिए तिथि और मुहूर्त 


वर्ष 2025 में माघ मास 14 जनवरी से शुरू होकर 12 फरवरी को समाप्त होगा। कालाष्टमी व्रत 21 जनवरी को भगवान काल भैरव की पूजा के साथ मनाया जाएगा। वहीं, पंचांग के अनुसार, इसकी तिथि 20 जनवरी 2025 को रात 10:32 बजे प्रारंभ होगी। वहीं, तिथि की समाप्ति 21 जनवरी 2025 को रात 12:45 बजे होगी। इस दिन भगवान काल भैरव और माता दुर्गा की पूजा-अर्चना की जाती है।



कालाष्टमी के दिन करें ये 5 उपाय


  1. काले तिल करें दान: कालाष्टमी के दिन विशेषकर काले तिल का दान काल भैरव को बहुत प्रिय है। धार्मिक मान्यता है कि काले तिल के दान से जातक के सभी पाप नष्ट हो जाते हैं, साथ ही उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है।
  2. काले कुत्ते को खिलाएं रोटी: काला कुत्ता काल भैरव का वाहन माना जाता है। इसलिए, कालाष्टमी के दिन काले कुत्ते को रोटी खिलाने से काल भैरव प्रसन्न होते हैं। यदि काला कुत्ता ना दिखे तो किसी अन्य कुत्ते को भी रोटी खिलाई जा सकती है।
  3. जलाएं सरसों के तेल का दीपक: कालाष्टमी के दिन सरसों के तेल का दीपक जलाकर काल भैरव की पूजा से जातक की इच्छाएं पूर्ण होती हैं। साथ ही घर में भी सुख-समृद्धि बनी रहती है।
  4. लोहे की वस्तु का करें दान: इस दिन काल भैरव को प्रसन्न करने हेतु लोहे की कील, लोहे की चम्मच आदि का दान करने से व्यक्ति को शत्रुओं से मुक्ति मिलती है। इसके अलावा कार्यों में भी सफलता मिलती है।
  5. काल भैरव के मंत्र का करें जाप: कालाष्टमी के दिन “ॐ क्लीं कालिकायै नमः” इस मंत्र का जाप करने से व्यक्ति को काल भैरव की विशेष कृपा प्राप्त होती है और सभी संकट दूर होते हैं।


इन बातों का रखें विशेष ख्याल


कालाष्टमी के दिन जो जातक ऊपर लिखे इन उपायों को अपनाने जा रहे हैं, तो उन्हें कुछ विशेष बातों का ध्यान रखना आवश्यक है। बता दें कि इस पूजा में छोटी सी गलती के कारण भी यह पूजा अधूरी रह सकती हैं। इसलिए, कालाष्टमी के दिन पूजा करने से पहले पूजा स्थल को साफ-सुथरा रखें और अपने मन को भी शांत और संयमित रखें। भगवान इससे जल्द प्रसन्न होते हैं। इस दिन जातक ध्यान और योग कर सकते हैं। इससे मन शांत होता है और नकारात्मक विचार दूर होते हैं।   


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गोविंद दामोदर स्त्रोत

हर महीने कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि पर मासिक कृष्ण जन्माष्टमी मनाई जाती है, जो भगवान श्रीकृष्ण की कृपा प्राप्ति का एक शुभ अवसर है।

कार्तिक पूर्णिमा पर गंगा स्नान कब करें

धार्मिक मान्यता के अनुसार कार्तिक पूर्णिमा पर गंगा स्नान करना अत्यंत शुभ माना जाता है। इस दिन गंगा स्नान करने और उचित दान-पुण्य करने से व्यक्ति को पापों से मुक्ति मिलती है और मोक्ष का मार्ग भी प्रशस्त होता है।

हरियाली तीज (Hariyali Teej)

हरियाली तीज, जिसे श्रावण तीज के नाम से भी जाना जाता है, एक पारंपरिक हिंदू त्योहार है जो भारत और नेपाल में मनाया जाता है। हरियाली तीज का अर्थ है "हरियाली की तीज" या "हरित तीज"। यह नाम इसलिए पड़ा है क्योंकि यह त्योहार मानसून के मौसम में मनाया जाता है, जब प्रकृति में हरियाली का प्रवेश होता है। यह पर्व श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाता है, जो आमतौर पर जुलाई या अगस्त में पड़ती है। इस दिन भगवान शिव और देवी पार्वती की पूजा का विधान है।

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