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विश्वकर्मा पूजा 2025 तिथि

विश्वकर्मा पूजा 2025 तिथि

Vishwakarma Puja 2025: कब है विश्वकर्मा पूजा? जानिए सही तिथि, शुभ मुहूर्त और धार्मिक महत्व

Vishwakarma Puja 2025: हिंदू धर्म में भगवान विश्वकर्मा का विशेष स्थान है। इन्हें दुनिया का पहला शिल्पकार और वास्तुकार माना जाता है। हर साल भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि को विश्वकर्मा जयंती बड़े उत्साह और श्रद्धा के साथ मनाई जाती है। इसी दिन सूर्य कन्या राशि में प्रवेश करते हैं, जिसे कन्या संक्रांति कहा जाता है। खासतौर पर कारीगर, इंजीनियर, मशीनरी और औजारों से जुड़े लोग इस दिन भगवान विश्वकर्मा की पूजा कर आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। ऐसे में आइए जानते हैं इस वर्ष विश्वकर्मा पूजा कब है, इसका शुभ मुहूर्त क्या है, पूजन विधि और धार्मिक महत्व के बारे में...

विश्वकर्मा पूजा 2025 की तिथि

हिंदू पंचांग के अनुसार, इस साल भगवान विश्वकर्मा की पूजा 17 सितंबर 2025, बुधवार को की जाएगी। ज्योतिषीय गणना के अनुसार इसी दिन देर रात 01 बजकर 55 मिनट पर सूर्य देव कन्या राशि में प्रवेश करेंगे। इसे ही कन्या संक्रांति भी कहा जाता है।

विश्वकर्मा पूजा 2025 शुभ मुहूर्त

  • ब्रह्म मुहूर्त – सुबह 04:33 मिनट से सुबह 05:20 मिनट तक
  • विजय मुहूर्त – दोपहर 12:18 मिनट से दोपहर 03:07 मिनट तक
  • गोधूलि मुहूर्त – शाम 06:24 मिनट से शाम 06:47 मिनट तक

विश्वकर्मा पूजा 2025 राहुकाल

हिंदू धर्म में राहुकाल को अशुभ माना गया है और इस दौरान पूजा नहीं करनी चाहिए। इस साल विश्वकर्मा पूजा के दिन दोपहर 12:15 से 01:47 बजे तक राहुकाल रहेगा। इसलिए पूजा या अन्य शुभ कार्य राहुकाल से पहले या बाद में ही करना चाहिए।

विश्वकर्मा पूजा 2025 पूजन विधि

  • विश्वकर्मा पूजा के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और घर व कार्यस्थल की साफ-सफाई करें।
  • उसके बाद अपने औजारों, मशीनों और कार्यस्थल को अच्छे से धो-पोंछकर शुद्ध करें।
  • भगवान विश्वकर्मा की मूर्ति या चित्र को चौकी पर स्थापित करें।
  • उन्हें फूल, धूप, दीप, चंदन, फल और प्रसाद अर्पित करें।
  • पूजा के दौरान भगवान विश्वकर्मा के मंत्र 'ॐ विश्वकर्मणे नमः' का जाप करना शुभ माना जाता है।
  • पूजा के बाद प्रसाद सभी के बीच बांटकर ग्रहण करें।

विश्वकर्मा पूजा का धार्मिक महत्व

भगवान विश्वकर्मा को सृष्टि का महान शिल्पकार माना जाता है। धार्मिक मान्यता है कि उनकी पूजा करने से कामकाज में आने वाली रुकावटें दूर होती हैं। साथ ही, कार्यस्थल पर सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और कारोबार में तरक्की मिलती है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन भगवान विश्वकर्मा की पूजा करने से घर-परिवार में सुख-शांति और समृद्धि आती है। साथ ही व्यक्ति को मेहनत का सही फल मिलता है और जीवन में सफलता प्राप्त होती है। 

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