Aaj Ka Panchang: आज 16 सितंबर 2025 का शुभ मुहूर्त, राहुकाल का समय, आज की तिथि और ग्रह
Aaj Ka Panchang 16 September 2025: आज 16 सितंबर 2025 आश्विन मास का 10वां दिन है। साथ ही आज पंचांग के अनुसार, आश्विन मास के कृष्ण पक्ष तिथि दशमी तिथि है, जो कि 01:31 ए एम, सितम्बर 16 तक जारी रहेगी। इसके बाद दशमी तिथि लग जाएगी। बता दें कि आज मंगलवार का दिन है। इस दिन सूर्य देव 01:55 ए एम, सितम्बर 17 तक सिंह राशि में रहेंगे। इसके बाद कन्या राशि में गोचर करेंगे। वहीं चंद्रमा 12:28 ए एम, सितम्बर 17 तक मिथुन राशि में रहेंगे। इसके बाद कर्क राशि में गोचर करेंगे। आपको बता दें, आज मंगलवार के दिन अभिजीत मुहूर्त 11:51 ए एम से 12:40 पी एम तक रहेगा। इस दिन राहुकाल 03:20 पी एम से 04:53 पी एम तक रहेगा। आज दशमी श्राद्ध किया जाएगा। साथ ही वार के हिसाब से आप मंगलवार का व्रत रख सकते हैं, जो हनुमान जी को समर्पित होता है। आइए भक्त वत्सल के इस लेख में हम विस्तार से आपको आज के पंचांग के बारे में बताएंगे कि आज आपके लिए शुभ मुहूर्त क्या है। किस समय कार्य करने से शुभ परिणाम की प्राप्ति हो सकती है। साथ ही आज किन उपायों को करने से लाभ हो सकता है।
आज का पंचांग 16 सितंबर 2025 (Aaj Ka Panchang 16 September 2025)
- तिथि - 12:21 ए एम, सितम्बर 17 तक कृष्ण पक्ष की दशमी तिथि। इसके बाद एकादशी तिथि लग जाएगी।
- नक्षत्र - आर्द्रा (06:46 ए एम तक) पुनर्वसु
- दिन/वार - मंगलवार
- योग - वरीयान् (12:34 ए एम, सितम्बर 17 तक) परिघ
- करण - वणिज (12:53 पी एम तक) विष्टि ( 12:21 ए एम, सितम्बर 17 तक) बव
आश्विन कृष्ण पक्ष दशमी तिथि प्रारंभ - 01:31 ए एम, सितम्बर 16
आश्विन कृष्ण पक्ष दशमी तिथि समाप्त - 12:21 ए एम, सितम्बर 17
सूर्य-चंद्र गोचर (Surya-Chandra Gochar)
- सूर्य - सूर्य देव 01:55 ए एम, सितम्बर 17 तक सिंह राशि में रहेंगे। इसके बाद कन्या राशि में गोचर करेंगे।
- चंद्र - चंद्रमा 12:28 ए एम, सितम्बर 17 तक मिथुन राशि में रहेंगे। इसके बाद कर्क राशि में गोचर करेंगे।
सूर्य और चंद्रमा का मुहूर्त (Surya aur Chandrama ka Muhurat)
- सूर्योदय - 06:06 ए एम
- सूर्यास्त - 06:25 पी एम
- चन्द्रोदय - 01:27 ए एम, सितम्बर 17
- चन्द्रास्त - 03:07 पी एम
आज का शुभ मुहूर्त और योग 16 सितंबर 2025 (Aaj ka Shubh Muhurat aur Yog 16 September 2025)
- ब्रह्म मुहूर्त - 04:33 ए एम से 05:20 ए एम
- अभिजीत मुहूर्त - 11:51 ए एम से 12:40 पी एम
- विजय मुहूर्त - 02:19 पी एम से 03:08 पी एम
- गोधूलि मुहूर्त - 06:25 पी एम से 06:48 पी एम
- संध्या मुहूर्त - 06:25 पी एम से 07:35 पी एम
- अमृत काल - 04:04 ए एम, सितम्बर 17 से 05:38 ए एम, सितम्बर 17
आज का अशुभ मुहूर्त 16 सितंबर 2025 (Aaj ka Ashubh Muhurat 16 September 2025)
- राहु काल - 03:20 पी एम से 04:53 पी एम
- गुलिक काल - 12:16 पी एम से 01:48 पी एम
- यमगंड - 09:11 ए एम से 10:43 ए एम
- आडल योग - 06:06 ए एम से 06:46 ए एम
- विडाल योग - 06:46 ए एम से 06:07 ए एम, सितम्बर 17
- वर्ज्य - 06:36 पी एम से 08:10 पी एम
- भद्रा - 12:53 पी एम से 12:21 ए एम, सितम्बर 17
- दिशाशूल - उत्तर , इस दिशा में यात्रा करने से बचना चाहिए।
16 सितंबर 2025 पर्व/त्योहार/व्रत (16 September 2025 ke Parv / Tyohar / Vrat)
- मंगलवार का व्रत - आज आप मंगलवार का व्रत रख सकते हैं, जो हनुमान जी को समर्पित है।
- दशमी श्राद्ध - दशमी श्राद्ध उन मृतक सदस्यों के लिए किया जाता है जिनकी मृत्यु दशमी तिथि पर हुई हो। शुक्ल पक्ष या कृष्ण पक्ष दोनों की दशमी तिथि पर श्राद्ध किया जा सकता है। पितृ पक्ष में पार्वण श्राद्ध के लिए कुतुप और रौहिण मुहूर्त शुभ माने जाते हैं। श्राद्ध के अनुष्ठान अपराह्न काल तक पूरे कर लेने चाहिए और अंत में तर्पण किया जाता है, जिससे पितरों को शांति और तृप्ति मिलती है।
16 सितंबर 2025/आज के उपाय (16 September 2025 Aaj ke Upay)
- मंगलवार के उपाय - मंगलवार के दिन भगवान हनुमान और मंगल ग्रह की पूजा करने से जीवन में साहस, ऊर्जा और सफलता की प्राप्ति होती है। इस दिन भगवान हनुमान को सिंदूर, चमेली का तेल और लाल फूल अर्पित करना शुभ माना जाता है। मंगलवार के उपायों में हनुमान चालीसा का पाठ करना, मंगल मंत्रों का जाप करना और भगवान हनुमान की आराधना करना शामिल है। इन उपायों को करने से मंगल ग्रह की स्थिति में सुधार होता है और जीवन में सकारात्मक परिणाम प्राप्त होते हैं। मंगलवार के दिन विशेष रूप से लाल वस्त्र, मसूर की दाल और गुड़ का दान करना लाभदायक होता है।
- श्राद्ध उपाय - श्राद्ध तिथि पर सूर्योदय से दिन के 12 बजकर 24 मिनट तक श्राद्ध करना चाहिए। इसके लिए घर की सफाई करें, गंगाजल और गौमूत्र छिड़कें। साथ ही दक्षिण दिशा में मुंह रखकर तर्पण करें। घर के आंगन में रंगोली बनाएं, महिलाएं शुद्ध होकर पितरों के लिए भोजन बनाएं और श्रेष्ठ ब्राह्मण को निमंत्रित कर भोजन कराएं। पितरों के निमित्त अग्नि में गाय के दूध से बनी खीर अर्पण करें और पंचबलि निकालें। ब्राह्मण को भोजन कराने के बाद दक्षिणा और सामग्री दान करें, जिसमें गौ, भूमि, तिल, स्वर्ण आदि शामिल हैं। श्राद्ध में सफेद फूलों का उपयोग करें। दूध, गंगाजल, शहद, सफेद कपड़े, अभिजित मुहूर्त और तिल का विशेष महत्व है।