Aaj Ka Panchang: आज 17 सितंबर 2025 का शुभ मुहूर्त, राहुकाल का समय, आज की तिथि और ग्रह
Aaj Ka Panchang 17 September 2025: आज 17 सितंबर 2025 आश्विन मास का 11वां दिन है। साथ ही आज पंचांग के अनुसार, आश्विन मास के कृष्ण पक्ष तिथि एकादशी तिथि है, जो कि 11:39 पी एम तक जारी रहेगी। इसके बाद द्वादशी तिथि लग जाएगी। बता दें कि आज बुधवार का दिन है। इस दिन सूर्य देव कन्या राशि में रहेंगे। वहीं चंद्रमा कर्क राशि में रहेंगे। आपको बता दें, आज बुधवार के दिन अभिजीत मुहूर्त नहीं है। इस दिन राहुकाल 12:15 पी एम से 01:47 पी एम तक रहेगा। आज एकादशी श्राद्ध किया जाएगा और इन्दिरा एकादशी के साथ विश्वकर्मा पूजन भी किया जाएगा। साथ ही वार के हिसाब से आप बुधवार का व्रत रख सकते हैं, जो भगवान गणेश को समर्पित होता है। आइए भक्त वत्सल के इस लेख में हम विस्तार से आपको आज के पंचांग के बारे में बताएंगे कि आज आपके लिए शुभ मुहूर्त क्या है। किस समय कार्य करने से शुभ परिणाम की प्राप्ति हो सकती है। साथ ही आज किन उपायों को करने से लाभ हो सकता है।
आज का पंचांग 17 सितंबर 2025 (Aaj Ka Panchang 17 September 2025)
- तिथि - 11:39 पी एम तक कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि। इसके बाद द्वादशी तिथि लग जाएगी।
- नक्षत्र - पुनर्वसु (06:26 ए एम तक) पुष्य
- दिन/वार - बुधवार
- योग - परिघ (10:55 पी एम तक) शिव
- करण - बव (11:57 ए एम तक) बालव ( 11:39 पी एम तक) कौलव
आश्विन कृष्ण पक्ष एकादशी तिथि प्रारंभ - 12:21 ए एम, सितम्बर 17
आश्विन कृष्ण पक्ष एकादशी तिथि समाप्त - 11:39 पी एम, सितम्बर 17
सूर्य-चंद्र गोचर (Surya-Chandra Gochar)
- सूर्य - सूर्य देव कन्या राशि में रहेंगे।
- चंद्र - चंद्रमा कर्क राशि में रहेंगे।
सूर्य और चंद्रमा का मुहूर्त (Surya aur Chandrama ka Muhurat)
- सूर्योदय - 06:07 ए एम
- सूर्यास्त - 06:24 पी एम
- चन्द्रोदय - 02:32 ए एम, सितम्बर 18
- चन्द्रास्त - 03:53 पी एम
आज का शुभ मुहूर्त और योग 17 सितंबर 2025 (Aaj ka Shubh Muhurat aur Yog 17 September 2025)
- ब्रह्म मुहूर्त - 04:33 ए एम से 05:20 ए एम
- अभिजीत मुहूर्त - कोई नहीं
- विजय मुहूर्त - 02:18 पी एम से 03:07 पी एम
- गोधूलि मुहूर्त - 06:24 पी एम से 06:47 पी एम
- संध्या मुहूर्त - 06:24 पी एम से 07:34 पी एम
- अमृत काल - 12:06 ए एम, सितम्बर 18 से 01:43 ए एम, सितम्बर 18
आज का अशुभ मुहूर्त 17 सितंबर 2025 (Aaj ka Ashubh Muhurat 17 September 2025)
- राहु काल - 12:15 पी एम से 01:47 पी एम
- गुलिक काल - 10:43 ए एम से 12:15 पी एम
- यमगंड - 07:39 ए एम से 09:11 ए एम
- विडाल योग - 06:07 ए एम से 06:26 ए एम
- वर्ज्य - 02:28 पी एम से 04:04 पी एम
- दिशाशूल - उत्तर , इस दिशा में यात्रा करने से बचना चाहिए।
17 सितंबर 2025 पर्व/त्योहार/व्रत (17 September 2025 ke Parv / Tyohar / Vrat)
- बुधवार का व्रत- आज आप बुधवार का व्रत रख सकते हैं, जो भगवान गणेश को समर्पित है।
- एकादशी श्राद्ध - एकादशी श्राद्ध उन मृतक सदस्यों के लिए किया जाता है जिनकी मृत्यु एकादशी तिथि पर हुई हो और इसे ग्यारस श्राद्ध भी कहा जाता है। शुक्ल पक्ष या कृष्ण पक्ष दोनों की एकादशी तिथि पर श्राद्ध किया जा सकता है। पितृ पक्ष में पार्वण श्राद्ध के लिए कुतुप और रौहिण मुहूर्त शुभ माने जाते हैं। श्राद्ध के अनुष्ठान अपराह्न काल तक पूरे कर लेने चाहिए और अंत में तर्पण किया जाता है, जिससे पितरों को शांति और तृप्ति मिलती है।
- इंदिरा एकादशी - इंदिरा एकादशी पितृ पक्ष में आने वाली एक महत्वपूर्ण एकादशी है, जिसमें भगवान विष्णु की पूजा और व्रत करने से पितरों को मोक्ष प्राप्त होता है। इस दिन दान-पुण्य करने का विशेष महत्व है। ग्रंथों के अनुसार, इस एकादशी का व्रत करने से व्रती को बैकुंठ की प्राप्ति होती है और उसके सात पीढ़ियों तक के पितरों का उद्धार हो जाता है। पद्म पुराण में बताया गया है कि इंदिरा एकादशी का व्रत करने वाला स्वयं भी मोक्ष प्राप्त करता है, उसे कन्यादान और हजारों वर्षों की तपस्या से भी अधिक पुण्य मिलता है।
- विश्वकर्मा पूजा - भगवान विश्वक र्मा की जयंती कन्या संक्रांति के दिन मनाई जाती है, जब धार्मिक मान्यता के अनुसार उनका अवतरण हुआ था। भगवान विश्वकर्मा स्वर्ग लोक, पुष्पक विमान और द्वारका नगरी जैसी दिव्य रचनाओं के निर्माता माने जाते हैं। इस दिन उनकी विधिवत पूजा-अर्चना करने से कार्यक्षेत्र में आ रही बाधाएं दूर होती हैं और व्यवसाय में सफलता मिलती है। पूजा के दौरान मंत्रों का जप करना आवश्यक है, जिससे साधक को शुभ फलों की प्राप्ति होती है और जीवन में सुख-समृद्धि आती है।
17 सितंबर 2025 आज के उपाय (17 September 2025 Aaj ke Upay)
- बुधवार के उपाय - बुधवार के दिन भगवान गणेश और बुध ग्रह की पूजा करने से जीवन में बुद्धि, विवेक और सफलता की प्राप्ति होती है। इस दिन भगवान गणेश को दूर्वा, मोदक और हरे वस्त्र अर्पित करना शुभ माना जाता है। बुधवार के उपायों में गणेश मंत्रों का जाप करना, बुध स्तोत्र का पाठ करना और भगवान गणेश की आराधना करना शामिल है। इन उपायों को करने से बुध ग्रह की स्थिति में सुधार होता है और जीवन में सकारात्मक परिणाम प्राप्त होते हैं। बुधवार के दिन विशेष रूप से हरे वस्त्र, मूंग की दाल और फल का दान करना लाभदायक होता है।
- श्राद्ध उपाय - श्राद्ध तिथि पर सूर्योदय से दिन के 12 बजकर 24 मिनट तक श्राद्ध करना चाहिए। इसके लिए घर की सफाई करें, गंगाजल और गौमूत्र छिड़कें। साथ ही दक्षिण दिशा में मुंह रखकर तर्पण करें। घर के आंगन में रंगोली बनाएं, महिलाएं शुद्ध होकर पितरों के लिए भोजन बनाएं और श्रेष्ठ ब्राह्मण को निमंत्रित कर भोजन कराएं। पितरों के निमित्त अग्नि में गाय के दूध से बनी खीर अर्पण करें और पंचबलि निकालें। ब्राह्मण को भोजन कराने के बाद दक्षिणा और सामग्री दान करें, जिसमें गौ, भूमि, तिल, स्वर्ण आदि शामिल हैं। श्राद्ध में सफेद फूलों का उपयोग करें। दूध, गंगाजल, शहद, सफेद कपड़े, अभिजित मुहूर्त और तिल का विशेष महत्व है।
- इंदिरा एकादशी उपाय - इंदिरा एकादशी पर पितरों को प्रसन्न करने के लिए कई उपाय किए जा सकते हैं। दक्षिण दिशा में दीपक जलाना और एक काले कपड़े में दाल और काले तिल बांधकर गाय को खिलाना पितरों को तृप्त करता है। पीपल के पेड़ के नीचे दीपक जलाना और परिक्रमा करना भी शुभ माना जाता है। विष्णु सहस्रनाम स्तोत्र का पाठ और 'ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नमः' मंत्र का जाप पितरों की आत्मा को शांति प्रदान करता है। इसके अलावा, जरूरतमंदों को घी, दूध, दही और चावल दान करने से पितरों का आशीर्वाद मिलता है और जीवन में सुख-समृद्धि आती है।