Aaj Ka Panchang 26 April 2025: आज 26 अप्रैल 2025 वैशाख माह का चौदहवां दिन है। साथ ही आज पंचांग के अनुसार वैशाख माह के कृष्ण पक्ष तिथि त्रयोदशी है। आज शनिवार का दिन है। इस तिथि पर वैधृति योग रहेगा। वहीं चंद्रमा मीन राशि में रहेंगे। आपको बता दें, आज शनिवार के दिन अभिजीत मुहूर्त सुबह 11 बजकर 53 मिनट से दोपहर 12 बजकर 45 मिनट तक रहेगा। इस दिन राहुकाल सुबह 09 बजकर 02 मिनट से सुबह 10 बजकर 40 मिनट तक रहेगा। आज वार के हिसाब से आप शनिवार का व्रत रख सकते हैं, जो न्याय के देवता शनि देव को समर्पित होता है। आज मासिक शिवरात्रि है और साथ ही पंचक भी चल रहे हैं। आज कुछ समय के लिए भद्रा का साया भी रहेगा। आइए भक्त वत्सल के इस लेख में हम विस्तार से आपको आज के पंचांग के बारे में बताएंगे कि आज आपके लिए शुभ मुहूर्त क्या है। किस समय कार्य करने से शुभ परिणाम की प्राप्ति हो सकती है। साथ ही आज किन उपायों को करने से लाभ हो सकता है।
वैशाख कृष्ण पक्ष त्रयोदशी तिथि प्रारंभ - 25 अप्रैल सुबह 11:44 बजे
वैशाख कृष्ण पक्ष त्रयोदशी तिथि समाप्त - 26 अप्रैल सुबह 08:27 बजे
नोट - 26 अप्रैल को सुबह 08 बजकर 27 मिनट तक त्रयोदशी तिथि रहेगी और उसके बाद चतुर्दशी तिथि का आरंभ होगा जो 27 अप्रैल प्रात:काल 4 बजकर 49 मिनट तक जारी रहेगी। इसलिए यहां चतुर्दशी तिथि का क्षय हो रहा है।
26 अप्रैल को वैधृति और विष्कम्भ योग बन रहा है। वैधृति की सम्पूर्ण अवधि को सभी अच्छे कार्यों के लिये अशुभ माना जाता है। इसीलिये यह अच्छे मुहूर्त में वर्जित है। तो वहीं विष्कम्भ की पहली 3 घटी को सभी अच्छे कार्यों के लिये अशुभ माना जाता है। इसीलिये प्रारम्भ की 3 घटी अच्छे मुहूर्त में वर्जित हैं। इस दिन कुछ विशेष उपाय करने से आपको अपने जीवन में सफलता, समृद्धि, और सुख की प्राप्ति हो सकती है। आज के दिन दान-पुण्य करने से आपको पुण्य मिलेगा और आपके जीवन में सकारात्मक परिवर्तन आएंगे।
आज उत्तर भाद्रपद और रेवती नक्षत्र है। उत्तर भाद्रपद को अधिकांश शुभ कार्यों के लिये श्रेष्ठ माना जाता है। इसीलिये यह शुभ मुहूर्त में स्वीकृत है। तो वहीं रेवती को अधिकांश शुभ कार्यों के लिये श्रेष्ठ माना जाता है। इसीलिये यह शुभ मुहूर्त में स्वीकृत है। साथ ही वैशाख माह चल रहा है। वैशाख का महीना भगवान विष्णु को समर्पित होता है, इसलिए इस माह श्री हरि की पूजा विधिवत करे। साथ ही आज वार कि हिसाब से आप न्याय के देवता शनि देव की पूजा कर सकते हैं। आज मासिक शिवरात्रि है और साथ ही पंचक भी चल रहे हैं। आज कुछ समय के लिए भद्रा का साया भी रहेगा।
आषाढ़ गुप्त नवरात्रि 2025 के छठे दिन मां दुर्गा के छठे स्वरूप मां कात्यायनी की आराधना की जाती है। यह दिन साधकों और भक्तों के लिए विशेष फलदायी माना जाता है, खासकर उन कन्याओं के लिए जो उत्तम वर की प्राप्ति की कामना करती हैं।
हिंदू पंचांग के अनुसार, आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को स्कंद षष्ठी का व्रत मनाया जाता है। यह व्रत भगवान कार्तिकेय को समर्पित होता है, जिन्हें स्कंद, मुरुगन या कुमारस्वामी के नाम से भी जाना जाता है।
आषाढ़ गुप्त नवरात्रि के सातवें दिन मां दुर्गा के सातवें स्वरूप मां कालरात्रि की आराधना की जाती है। मां कालरात्रि को दुर्गा जी का उग्र एवं प्रचंड रूप माना गया है, जो अपने भक्तों के भय, कष्ट, शत्रु और सभी प्रकार की बाधाओं का नाश करती हैं।
आषाढ़ गुप्त नवरात्रि का आठवां दिन, जो कि वर्ष 2025 में 2 जुलाई को पड़ रहा है, मां महागौरी की आराधना के लिए समर्पित है। मां महागौरी नवदुर्गा के आठवें स्वरूप मानी जाती हैं और उन्हें सौंदर्य, शांति, और करुणा की प्रतीक देवी कहा जाता है।