Aaj Ka Panchang 27 May 2025: आज 27 मई 2025 को ज्येष्ठ माह का 14वां दिन है। साथ ही आज पंचांग के अनुसार, ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष तिथि अमावस्या है। आज मंगलवार का दिन है। इस तिथि पर द्विपुष्कर योग रहेगा। सूर्य और चंद्र देव वृषभ राशि में रहेंगे। आपको बता दें, आज मंगलवार के दिन अभिजीत मुहूर्त 11:51 ए एम से 12:46 पी एम तक रहेगा। इस दिन राहुकाल 03:45 पी एम से 05:29 पी एम तक रहेगा। आज वार के हिसाब से आप मंगलवार का व्रत रख सकते हैं, जो भगवान हनुमान जी को समर्पित होता है। आज शनि जयंती के साथ ज्येष्ठ अमावस्या और इष्टि पर्व भी है। आइए भक्त वत्सल के इस लेख में हम विस्तार से आपको आज के पंचांग के बारे में बताएंगे कि आज आपके लिए शुभ मुहूर्त क्या है। किस समय कार्य करने से शुभ परिणाम की प्राप्ति हो सकती है। साथ ही आज किन उपायों को करने से लाभ हो सकता है।
ज्येष्ठ कृष्ण पक्ष अमावस्या तिथि प्रारंभ - 26 मई, 12:11 पी एम से
ज्येष्ठ कृष्ण पक्ष षष्ठी तिथि समाप्त - 27 मई … 08:31 ए एम तक तक
आज मंगलवार के दिन शनि जयंती, ज्येष्ठ अमावस्या के साथ इष्टि का पर्व भी है। शनि जयंती, ज्येष्ठ अमावस्या, इष्टि और मंगलवार एक ही दिन पड़ते हैं, तब यह एक अत्यंत दुर्लभ और प्रभावशाली संयोग बनता है। शनि जयंती पर भगवान शनि देव की पूजा से जीवन के कष्ट, ग्रहदोष, साढ़ेसाती व ढैय्या के प्रभाव शांति पाते हैं। मंगलवार को हनुमान जी की पूजा का विशेष प्रभाव होता है, जो शनि से संबंधित बाधाओं को दूर करने में सहायक माने जाते हैं।
इस दिन ज्येष्ठ अमावस्या के कारण पितरों के निमित्त तर्पण, दान और श्राद्ध का भी विशेष फल मिलता है। इष्टि (वैदिक यज्ञ/हवन) करने से ग्रहशांति और आध्यात्मिक लाभ प्राप्त होता है। यह संयोग शनि और मंगल जैसे प्रभावशाली ग्रहों की कृपा प्राप्त करने और पितृ शांति हेतु अत्यंत शुभ माना गया है।
गोवर्धन पूजा के दिन भक्त गोवर्धन महाराज की नाभि पर दीपक जलाते हैं। इस प्रथा के पीछे भगवान कृष्ण से जुड़ी एक रोचक कथा है।
भाई दूज का पर्व पांच दिवसीय दीपोत्सव का अंतिम दिन है। जिसे कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को मनाया जाता है। इस दिन बहन अपने भाई का तिलक करती हैं, यमराज की पूजा करती हैं और उनकी दीर्घायु की कामना करती हैं।
माना जाता है कि भगवान चित्रगुप्त का जन्म ब्रह्मा जी के चित्त से हुआ है। इन्हें देवताओं के मुख्य लेखपाल और यम के सहायक के रूप में पूजा जाता है।
माना जाता है कि भगवान चित्रगुप्त का जन्म ब्रह्मा जी के चित्त से हुआ है। इन्हें देवताओं के मुख्य लेखपाल और यम के सहायक के रूप में पूजा जाता है।