Aaj Ka Panchang 28 March 2025: आज 28 मार्च 2025 चैत्र माह का बारहवां दिन है और आज इस पंचांग के अनुसार चैत्र माह के कृष्ण पक्ष तिथि चतुर्दशी है। वहीं आज शुक्रवार का दिन है। इस तिथि पर शुक्ल योग और ब्रह्म योग है। वहीं चंद्रमा शाम 4 बजकर 48 मिनट पर कुंभ राशि से मीन राशि पर गोचर करेंगे। आपको बता दें, आज शुक्रवार के दिन अभिजीत मुहूर्त दोपहर 12 बजकर 02 मिनट से 12 बजकर 51 मिनट तक रहेगा। इस दिन राहुकाल सुबह 10 बजकर 54 मिनट से दोपहर 12 बजकर 26 मिनट तक रहेगा। आज तिथि के हिसाब से आप शुक्रवार का व्रत रख सकते हैं। शुक्रवार का व्रत मां लक्ष्मी और शुक्र ग्रह को समर्पित होता है। ध्यान रहे कि ये अवधि पंचक की चल रही है, इस दौरान सभी प्रकार के शुभ कार्य वर्जित रहते हैं। आज के दिन कुछ समय के लिए भद्रा का भी साया रहेगा। आइए भक्त वत्सल के इस लेख में हम विस्तार से आपको आज के पंचांग के बारे में बताएंगे कि आज आपके लिए शुभ मुहूर्त क्या है। किस समय कार्य करने से शुभ परिणाम की प्राप्ति हो सकती है। साथ ही आज किन उपायों को करने से लाभ हो सकता है और आज के दिन किन मंत्रों का जाप करने से लाभ हो सकता है।
कृष्ण पक्ष चतुर्दशी तिथि प्रारंभ - 27 मार्च रात्रि 11:03 बजे
कृष्ण पक्ष चतुर्दशी तिथि समाप्त - 28 मार्च शाम 07:55 बजे
मेष राशि: धन लाभ और आर्थिक स्थिति में सुधार होगा।
कर्क राशि: नए आय स्रोत बनेंगे और पैतृक संपत्ति से फायदा होगा।
धनु राशि: परिवार के साथ धार्मिक यात्रा पर जाने का प्लान बन सकता है और निवेश के लिए समय शुभ है।
28 मार्च को शुक्ल और ब्रह्म योग बन रहा है। इन दोनों ही योगों को अधिकांश शुभ कार्यों के लिये श्रेष्ठ माना जाता है। इसीलिये यह शुभ मुहूर्त में स्वीकृत है। इस दिन कुछ विशेष उपाय करने से आपको अपने जीवन में सफलता, समृद्धि, और सुख की प्राप्ति हो सकती है। आज के दिन दान-पुण्य करने से आपको पुण्य मिलेगा और आपके जीवन में सकारात्मक परिवर्तन आएंगे। वहीं आज शुक्रवार का दिन है। ऐसे में आप आज मां लक्ष्मी की पूजा विधवत रूप से करें। साथ ही इस दिन इस दिन दान में सफेद वस्त्र, चावल, चीनी, गुड़ आदि देना शुभ माना जाता है।
आज पूर्व भाद्रपद नक्षत्र है। पूर्व भाद्रपद को अधिकांश शुभ कार्यों के लिये सामान्य माना जाता है। इसीलिये यह शुभ मुहूर्त में स्वीकृत है। साथ ही चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि है। ऐसे में इस दिन मां लक्ष्मी की पूजा विधिवत रूप से पूजा करें।
नवरात्रि हिंदुओं का प्रमुख त्योहार है। नवरात्रि में माता की आराधना, विभिन्न धार्मिक आयोजन, गरबा, जगराते और व्रत उपवास रखने की परंपरा है।
हमारी चेतना के भीतर सतोगुण, रजोगुण और तमोगुण तीनों प्रकार के गुण व्याप्त है। प्रकृति के साथ इसी चेतना के उत्सव को नवरात्रि कहते हैं।
नवरात्रि के पर्व के दौरान मां दुर्गा की पूजा-अर्चना का विशेष महत्व है। मान्यता है कि इन दिनों देवी के दर्शन और विधिपूर्वक पूजा करने से सारी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं और जीवन के सभी कष्टों का निवारण भी हो जाता है।
शारदीय नवरात्रि 2024 में इस बार की सभी नौ तिथियों में दो तिथियों के घटने बढ़ने के कारण ऐसा हो रहा है। इस बार तिथि भेद के चलते नवरात्र में पंचमी तिथि दो दिन विद्यमान रहेगी, वहीं अष्टमी और नवमी तिथि एकसाथ होगी।