इस साल की चैत्र नवरात्रि बहुत ही खास होने वाली है, क्योंकि इस साल शुक्र और बृहस्पति का खास संयोग बन रहा है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, धन और भोग विलास के प्रतीक शुक्र, अपने प्रतिकूल गुरु बृहस्पति के नक्षत्र "पूर्वाभाद्रपद" में प्रवेश करने वाले हैं। यह तिथि 1 अप्रैल को सुबह 04:25 मिनट से शुरू होगी और 26 अप्रैल को समाप्त होगी। ऐसा कहा जाता है कि इस स्थिति में शुक्र के प्रवेश से कई राशियों के भाग्य पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
शुक्र ग्रह का गोचर कुंभ राशि के लोगों के लिए महत्वपूर्ण उपलब्धियां और नया अवसर प्रदान करेगा। इस समय आपके द्वारा किये गये सभी कार्यों में सकारात्मकता दिखेगी और सफलता प्राप्त होगी। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, आपके परिवार के सभी सदस्यों के साथ आपके संबंध अच्छे रहेंगे। साथ ही, आपके रिश्तों में भी शांति और सुख बना रहेगा।
मकर राशि के लोगों के लिए यह समय धन लाभ के अवसर लाएगा। यदि आपने पहले कभी निवेश किया है, तो किसी पुराने निवेश से आपको धन-लाभ होने की संभावना है। शुक्र के प्रभाव से आपको एक आरामदायक जीवन की प्राप्ति होगी और घर परिवार में भी सुख-चैन बना रहेगा। अगर आप लंबे समय से वाहन ख़रीदने का सोच रहे हैं, तो यह सबसे उत्तम समय है।
दैत्यों के गुरु शुक्र, वृषभ राशि के भी स्वामी हैं, इसलिए यह आपके लिए अधिक भाग्यशाली समय होगा। शुक्र को विलासिता और प्रेम का प्रतीक माना जाता है, इसलिए यह समय आपके जीवन में धन, प्रेम और आकर्षण लेकर आएगा। यह संयोग कलाकारों और यात्रियों के लिए एक उत्तम अवसर पैदा करेगा।
मान्यताओं के अनुसार, पूर्वाभाद्रपद में शुक्र सभी 12 राशियों पर प्रभाव डालता है, लेकिन ऐसा कहा गया है कि शुक्र विशेष रूप से कुंभ, मकर और वृषभ राशि के लोगों के लिए बहुत शुभ होता है। शुक्र के श्रेष्ठ प्रभाव का आनंद लेने के लिए लोगों को सफेद कपड़े पहनने और देवी लक्ष्मी की पूजा करने की सलाह दी जाती है। इस समय मिठाई और कपड़े दान करना भी सौभाग्यशाली माना जाता है।
कृष्ण घर नन्द के जन्मे,
दुलारा हो तो ऐसा हो,
कृष्ण जिनका नाम है,
गोकुल जिनका धाम है,
विवाह पंचमी एक विशेष हिंदू पर्व है, जो भगवान श्री राम और माता सीता के विवाह के अवसर पर मनाया जाता है। यह दिन विशेष रूप से रामभक्तों के लिए महत्वपूर्ण है।
हिंदू धर्म में देवी-देवताओं के साथ सूर्य, चंद्रमा, नदियों और प्रकृति की पूजा का भी विशेष महत्व है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, अमावस्या के बाद चंद्र दर्शन शुभ और पुण्यदायी माना जाता है।