हिंदू पंचांग के अनुसार, हर महीने की शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को मासिक दुर्गाष्टमी मनाई जाती है। यह दिन मां दुर्गा के विभिन्न रूपों की आराधना का विशेष अवसर होता है। जो भक्त नियमित रूप से इस दिन व्रत रखते हैं और विधिपूर्वक मां दुर्गा की पूजा करते हैं, उन्हें जीवन में सुख, शांति और समृद्धि की प्राप्ति होती है। जुलाई 2025 में यह व्रत विशेष रूप से फलदायी माना जा रहा है क्योंकि इस दिन कई शुभ योगों का संयोग बन रहा है।
जुलाई महीने में मासिक दुर्गाष्टमी 18 जुलाई, शुक्रवार को पड़ रही है। यह तिथि देवी आराधना के लिए अत्यंत शुभ मानी जाती है। अष्टमी तिथि का प्रारंभ 18 जुलाई को सुबह 06:47 बजे से होगा और 19 जुलाई को सुबह 05:33 बजे अष्टमी तिथि समाप्त होगा। पंचांग के अनुसार, इस अवधि के बीच मां दुर्गा की पूजा और व्रत करना अत्यंत फलदायक है।
18 जुलाई को मासिक दुर्गाष्टमी के दिन वज्र योग, सिद्धि योग, रवि योग, और शिववास योग जैसे अत्यंत शुभ योगों का निर्माण हो रहा है। इन सभी योगों के संयोग में की गई पूजा विशेष फल प्रदान करती है।
श्री गुरु गणनायक सिमर, शारदा का आधार।
कहूँ सुयश श्रीनाथ का, निज मति के अनुसार।
बन्दौ चरण सरोज निज जनक लली सुख धाम,
राम प्रिय किरपा करें सुमिरौं आठों धाम ॥
श्री गणपति पद नाय सिर , धरि हिय शारदा ध्यान ।
सन्तोषी मां की करूँ , कीरति सकल बखान ।
शारदीय नवरात्रि का आरंभ होने जा रहा है। नौ दिन तक चलने वाले इस महापर्व में मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा-अर्चना की जाती है। नवरात्रि का पहला दिन बेहद खास माना जाता है, क्योंकि इस दिन घटस्थापना करने का विधान है।