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गर्भाधान संस्कार मुहूर्त नवंबर 2025 (Garbhadhan Sanskar Muhurat November 2025)

गर्भाधान संस्कार मुहूर्त नवंबर 2025 (Garbhadhan Sanskar Muhurat November 2025)

November 2025 Garbhadhan Muhurat: नवंबर 2025 के लिए उत्तम गर्भाधान संस्कार मुहूर्त, ये तिथि और नक्षत्र माने जाते है सबसे शुभ 

हिंदू धर्म में जीवन की हर महत्वपूर्ण अवस्था को संस्कारों के माध्यम से पवित्र और शुभ बनाने की परंपरा रही है। इन्हीं सोलह प्रमुख संस्कारों की श्रृंखला की शुरुआत होती है — गर्भाधान संस्कार से। इसे केवल एक धार्मिक कर्मकांड नहीं, बल्कि भावी संतान के शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक विकास की नींव माना गया है। गर्भाधान संस्कार का उद्देश्य होता है श्रेष्ठ, संस्कारी और तेजस्वी संतान की प्राप्ति। शास्त्रों के अनुसार, संतान के जन्म से पहले ही माता-पिता यदि निश्चित नियमों, विचारों और शुभ मुहूर्त का पालन करते हैं, तो वह संतान केवल परिवार के लिए नहीं, बल्कि समाज के लिए भी वरदान बन सकती है। यही कारण है कि गर्भाधान केवल एक शारीरिक प्रक्रिया नहीं, बल्कि एक दिव्य आरंभ माना गया है। इस संस्कार के पीछे यह भी मान्यता है कि गर्भस्थ शिशु पर वातावरण, विचार, ग्रहों की स्थिति और नक्षत्रों का गहरा प्रभाव पड़ता है। इसलिए उचित समय और नक्षत्र का चयन गर्भाधान के समय बेहद महत्वपूर्ण होता है।यदि आप नवंबर 2025 में गर्भाधान संस्कार की योजना बना रहे हैं, तो जानिए वह शुभ तिथियां और नक्षत्र, जिन्हें शास्त्रों में श्रेष्ठ माना गया है।

नवंबर 2025 के लिए गर्भाधान संस्कार मुहूर्त

पंचांग के अनुसार, नवंबर माह में गर्भाधान संस्कार के लिए 12 शुभ मुहूर्त है, जो इस प्रकार है-  

  • 3 नवंबर 2025, सोमवार, गर्भाधान संस्कार शुभ मुहूर्त: 09:59 ए एम से12:03 पी एम तक, नक्षत्र: उत्तरभाद्रपद
  • 7 नवंबर 2025, शुक्रवार, गर्भाधान संस्कार शुभ मुहूर्त: 06:56 पी एम से 07:52 पी एम तक, नक्षत्र: रोहिणी
  • 7 नवंबर 2025, शुक्रवार, गर्भाधान संस्कार शुभ मुहूर्त: 07:52 पी एम से 09:16 पी एम तक, नक्षत्र: रोहिणी
  • 20 नवंबर 2025, गुरूवार, गर्भाधान संस्कार शुभ मुहूर्त: 01:54 ए एम से 04:10 ए एम तक, नक्षत्र: अनुराधा
  • 20 नवंबर 2025, गुरूवार, गर्भाधान संस्कार शुभ मुहूर्त: 04:10 ए एम से 06:29 ए एम तक, नक्षत्र: अनुराधा
  • 21 नवंबर 2025, शुक्रवार, गर्भाधान संस्कार शुभ मुहूर्त: 08:48 ए एम से 10:47 ए एम तक, नक्षत्र: अनुराधा
  • 21 नवंबर 2025, शुक्रवार, गर्भाधान संस्कार शुभ मुहूर्त: 10:47 ए एम से 10:52 ए एम तक, नक्षत्र: अनुराधा
  • 24 नवंबर 2025, सोमवार, गर्भाधान संस्कार शुभ मुहूर्त: 09:53 पी एम से 11:21 पी एम तक, नक्षत्र: उत्तराषाढा
  • 24 नवंबर 2025, सोमवार, गर्भाधान संस्कार शुभ मुहूर्त: 01:38 ए एम से 03:54 ए एम तक, नक्षत्र: उत्तराषाढा
  • 24 नवंबर 2025, सोमवार, गर्भाधान संस्कार शुभ मुहूर्त: 03:54 ए एम से 04:27 ए एम तक, नक्षत्र: उत्तराषाढा
  • 24 नवंबर 2025, सोमवार, गर्भाधान संस्कार शुभ मुहूर्त: 04:27 ए एम से 06:14 ए एम तक, नक्षत्र: उत्तराषाढा
  • 27 नवंबर 2025, गुरूवार, गर्भाधान संस्कार शुभ मुहूर्त: 01:30 ए एम से 03:46 ए एम तक, नक्षत्र: श्रवण
  • 27 नवंबर 2025, गुरूवार, गर्भाधान संस्कार शुभ मुहूर्त: 03:46 ए एम से 06:06 ए एम तक, नक्षत्र: धनिष्ठा 
  • 27 नवंबर 2025, गुरूवार, गर्भाधान संस्कार शुभ मुहूर्त: 08:24 ए एम से 10:28 ए एम तक, नक्षत्र: धनिष्ठा 
  • 27 नवंबर 2025, गुरूवार, गर्भाधान संस्कार शुभ मुहूर्त: 04:38 पी एम से 06:34 पी एम तक, नक्षत्र: धनिष्ठा 
  • 27 नवंबर 2025, गुरूवार, गर्भाधान संस्कार शुभ मुहूर्त: 06:34 पी एम से 08:49 पी एम तक, नक्षत्र: धनिष्ठा 
  • 27 नवंबर 2025, गुरूवार, गर्भाधान संस्कार शुभ मुहूर्त: 08:49 पी एम से 11:09 पी एम तक, नक्षत्र: धनिष्ठा 

गर्भाधान संस्कार के लिए शुभ नक्षत्र

गर्भाधान संस्कार के लिए कई नक्षत्र शुभ माने जाते हैं, जिनमें कुछ प्रमुख नक्षत्र है- रोहिणी (4), उत्तराफाल्गुनी (12), उत्तराषाढा (21), उत्तर भाद्रपद (26), चल नक्षत्र, स्वाती (15), श्रवण (22), धनिष्ठा (23), शतभिषा (24), सौम्य और मैत्रीपूर्ण नक्षत्र, मृगशिरा (5), अनुराधा (17) और लघु नक्षत्र, हस्त (13) गर्भाधान के लिये शुभ माने जाते हैं। बता दें कि गर्भाधान के लिये अश्विनी (1), पुष्य (8), पुनर्वसु (7) और चित्रा (14) नक्षत्रों को मध्यम माना जाता है।

गर्भाधान संस्कार के लिए शुभ दिन 

गर्भाधान संस्कार के लिये सोमवार, बुधवार, गुरुवार और शुक्रवार को शुभ माना जाता है।

गर्भाधान संस्कार के लिए शुभ तिथि 

गर्भाधान संस्कार के लिए कई तिथियां शुभ मानी जाती है, जिनमें शुक्ल प्रतिपदा (1), शुक्ल द्वितीया (2), शुक्ल तृतीया (3), शुक्ल पञ्चमी (5), शुक्ल सप्तमी (7), शुक्ल दशमी (10), शुक्ल द्वादशी (12), शुक्ल त्रयोदशी (13), कृष्ण प्रतिपदा (16), कृष्ण द्वितीया (17), कृष्ण तृतीया (18), कृष्ण पञ्चमी (20), कृष्ण सप्तमी (22), कृष्ण दशमी (25), कृष्ण द्वादशी (27), कृष्ण त्रयोदशी (28) तिथियां शामिल है। 

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