हिंदू धर्म में किसी भी शुभ कार्य या मांगलिक कार्य को शुरू करने से पहले मुहूर्त का ध्यान रखा जाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि हर महीने में एक ऐसा समय आता है जो अशुभ माना जाता है? जी हां, हम बात कर रहे हैं पंचक काल के बारे में, जो हर महीने में आता है। इसकी अवधि 5 दिनों की होती है, जिसमें कोई शुभ कार्य नहीं किया जाना चाहिए।
मार्च के महीने में पंचक काल कब से शुरू हो रहा है, यह जानना बहुत जरूरी है ताकि आप अपने शुभ कार्यों को सही समय पर कर सकें। तो आइए जानते हैं मार्च 2025 में पंचक काल की तिथि और इस दौरान क्या नहीं करना चाहिए।
मार्च माह में पंचक के दो महत्वपूर्ण चरण होंगे। आइए जानते हैं कि कब से पंचक शुरू होगा और कब तक चलेगा:
पहला पंचक:
दूसरा पंचक:
पंचक के दौरान कुछ विशेष बातों का ध्यान रखना आवश्यक है। आइए जानते हैं कि पंचक में क्या नहीं करना चाहिए:
ज्योतिषशास्त्र के अनुसार, पंचक एक अशुभ समय माना जाता है जो पांच नक्षत्रों के समूह से बनता है। ये पांच नक्षत्र हैं - धनिष्ठा, शतभिषा, पूर्वाभाद्रपद, उत्तराभाद्रपद और रेवती। जब चंद्रदेव इन नक्षत्रों में भ्रमण करते हैं, तो यह पूरा चक्र लगभग 5 दिनों में पूरा होता है, जिसे पंचक कहा जाता है।
हिंदू धर्म में नवरात्रि का त्योहार देवी माँ के विभिन्न रूपों की पूजा करने हेतु मनाया जाता है। यहां, नवरात्रि शब्द में 'नव' का अर्थ नौ और 'रात्रि' का अर्थ है रातें। इन नौ रातों में देवी मां के विभिन्न स्वरूपों की पूजा की जाती है। हालांकि, 4 नवरात्रियों में से एक माघी नवरात्रि गृहस्थ लोगों के लिए नहीं होती है।
मौनी अमावस्या पर लोग अपने पूर्वजों का तर्पण और पिंडदान करते हैं। धार्मिक मान्यता है कि इससे पितरों को मोक्ष की प्राप्ति होती है। पंचांग के अनुसार, इस बार मौनी अमावस्या का पर्व 29 जनवरी को मनाया जाएगा। धार्मिक मान्यता के अनुसार मौनी अमावस्या के दिन पवित्र नदी में स्नान करने से पापों से छुटकारा मिलता है।
सनातन धर्म में साल में आने वाली चारों नवरात्रि का बहुत खास महत्व है। हर साल चार बार नवरात्रि आती है, जिनमें से माघ गुप्त नवरात्रि भी शामिल हैं।
साल में आने वाली चारों नवरात्रि का सनातन धर्म के लोगों के लिए खास महत्व है। 30 जनवरी से माघ गुप्त नवरात्रि की शुरुआत हो रही है। जिसका समापन अगले महीने 7 फरवरी 2025 को होगा।