Sawan Somwar 2025: सावन का महीना भगवान शिव की आराधना के लिए सबसे शुभ समय माना जाता है। इस पवित्र माह में श्रद्धापूर्वक की गई भक्ति शीघ्र फल देती है। भोलेनाथ और माता पार्वती की कृपा पाने, उत्तम जीवनसाथी की कामना, दांपत्य सुख, मानसिक संतुलन, रोगों से मुक्ति और आध्यात्मिक प्रगति के लिए भक्त सावन के प्रत्येक सोमवार को व्रत रखते हैं। यदि आप इस व्रत को पहली बार कर रहे हैं, तो कुछ नियमों का पालन करना बेहद जरूरी है, जिससे व्रत का संपूर्ण फल प्राप्त हो सके। ऐसे में आइए जानते हैं इन नियमों के बारे में...
सोमवार की संध्या के समय शिव-पार्वती की विधिवत आरती करें और व्रत कथा का श्रद्धापूर्वक पाठ या श्रवण करें। पूजन के बाद फल, खीर या फलाहार शिवजी को अर्पित कर उसे प्रसाद रूप में स्वीकार करें। व्रत का पारण अगले दिन ब्रह्ममुहूर्त या सूर्योदय के पश्चात सात्त्विक भोजन ग्रहण करें।
प्रदोष व्रत हिंदू धर्म में अत्यंत पवित्र और फलदायी माना गया है। यह व्रत भगवान शिव को समर्पित होता है और हर माह के शुक्ल तथा कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को रखा जाता है। विशेष रूप से जब यह व्रत सोमवार के दिन आता है, तब इसे ‘सोम प्रदोष व्रत’ कहा जाता है, जिसका महत्व और अधिक बढ़ जाता है।
हिंदू पंचांग के अनुसार, आज 25 जून को आषाढ़ माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि के साथ बुधवार का दिन है। इसके साथ ही आज अश्विनी नक्षत्र के साथ अतिगण्ड योग का निर्माण हो रहा है। चंद्रमा की बात करें मेष राशि में विराजमान रहेंगे। साथ ही, आज योगिनी एकादशी का व्रत रखा जाएगा।
हिंदू पंचांग के अनुसार, आज 26 जून को आषाढ़ माह के कृष्ण पक्ष की द्वादशी तिथि के साथ गुरुवार का दिन है। इसके साथ ही आज भरणी नक्षत्र के साथ सुकर्मा और धृति योग का निर्माण हो रहा है। चंद्रमा की बात करें वृषभ राशि में विराजमान रहेंगे।
आज 1 जुलाई 2025 को आषाढ़ माह का 21वां दिन है। साथ ही आज पंचांग के अनुसार, आषाढ़ माह के कृष्ण पक्ष तिथि षष्ठी है। आज मंगलवार का दिन है। सूर्य मिथुन में रहेंगे। चंद्र देव सिंह राशि से कन्या राशि में करेंगे।