कृष्ण की कृपा प्राप्त करने के लिए मासिक जन्माष्टमी का व्रत बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है। यह व्रत न केवल श्रीकृष्ण की कृपा प्राप्त करने में मदद करता है बल्कि यह व्यक्ति के जीवन में सुख-समृद्धि भी लाता है। हिंदू धर्म में मासिक कृष्ण जन्माष्टमी का दिन बहुत ही विशेष और पवित्र माना जाता है जो भगवान श्रीकृष्ण के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है।
इस दिन भगवान कृष्ण की विधिवत पूजा-अर्चना करने से व्यक्ति के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन आते हैं और उन्हें अपने जीवन के लक्ष्यों को प्राप्त करने में मदद मिलती है। मासिक कृष्ण जन्माष्टमी का व्रत रखने से व्यक्ति को श्रीकृष्ण की विशेष कृपा प्राप्त होती है जिससे उनके जीवन में सुख-समृद्धि और शांति बनी रहती है। इस दिन भगवान कृष्ण को लड्डू का भोग लगाने से विशेष फल प्राप्त होता है। आइए जानते हैं साल 2025 मासिक कृष्ण जन्माष्टमी में कब-कब पड़ रही है? और कैसे आप इस दिन श्रीकृष्ण की कृपा प्राप्त कर सकते हैं।
हिंदू धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, मासिक कृष्ण जन्माष्टमी एक अत्यंत पवित्र और महत्वपूर्ण दिन है। जो भगवान श्री कृष्ण के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है। इस दिन जो भी व्रत और पूजन करता है उसे यश, कीर्ति, धन और वैभव प्राप्त होता है। साथ ही इस दिन व्रत और भगवान श्री कृष्ण के पूजन से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं और व्यक्ति के जीवन में सुख-समृद्धि और शांति बनी रहती है। इस दिन की पूजा और व्रत का विशेष महत्व है क्योंकि यह भगवान श्री कृष्ण के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है। भगवान श्री कृष्ण की पूजा और व्रत करने से व्यक्ति को उनकी विशेष कृपा प्राप्त होती है और उनके जीवन में सकारात्मक परिवर्तन आते हैं।
पंचांग के अनुसार फाल्गुना माह के कृष्ण पक्ष की षष्ठी तिथि है। वहीं आज मंगलवार का दिन है। इस तिथि पर चित्रा नक्षत्र और वृद्धि योग का संयोग बन रहा है। वहीं आज चंद्रमा वृश्चिक राशि में मौजूद हैं और सूर्य कुंभ राशि में मौजूद हैं।
हिंदू मान्यताओं के अनुसार, पितृ पक्ष में पितरों के निमित्त श्राद्ध, तर्पण और पिंडदान करने से उनकी आत्मा को शांति मिलती है। हर साल भाद्रपद पूर्णिमा से पितृ पक्ष की शुरुआत होती है और आश्विन अमावस्या तक चलता है।
गर्भाधान संस्कार एक महत्वपूर्ण हिन्दू संस्कार है, जो एक सौभाग्यशाली और गुणवान संतान की प्राप्ति के लिए किया जाता है। यह संस्कार हिन्दू शास्त्रों में वर्णित सोलह महत्वपूर्ण संस्कारों में प्रथम स्थान पर आता है और गर्भ-धारण के लिए शुभ समय पर किया जाता है।
सोना खरीदना एक महत्वपूर्ण निर्णय होता है, और इसके लिए शुभ मुहूर्त का चयन करना भी उतना ही आवश्यक माना जाता है। हिंदू धर्म में सोना खरीदने के शुभ मुहूर्त का विशेष महत्व है। ऐसा माना जाता है कि शुभ मुहूर्त में सोना खरीदने से जीवन में समृद्धि और सौभाग्य आता है।