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18 फरवरी 2025 का पंचांग

18 फरवरी 2025 का पंचांग

Aaj Ka Panchang: आज 18 फरवरी 2025 का शुभ मुहूर्त, राहुकाल का समय, आज की तिथि और ग्रह


Aaj Ka Panchang 18 February 2025: पंचांग के अनुसार फाल्गुना माह के कृष्ण पक्ष की षष्ठी तिथि है। वहीं आज मंगलवार का दिन है। इस तिथि पर चित्रा नक्षत्र और वृद्धि योग का संयोग बन रहा है। वहीं आज चंद्रमा वृश्चिक राशि में मौजूद हैं और सूर्य कुंभ राशि में मौजूद हैं। आपको बता दें, आज मंगलवार के दिन अभिजीत मुहूर्त  दोपहर 12 बजकर 18 मिनट से लेकर 01 बजकर 08 मिनट तक है। इस दिन राहुकाल दोपहर 03 बजकर 24 मिनट से लेकर दोपहर 04 बजकर 48 मिनट तक है। आज तिथि के हिसाब से आप मंगलवार का व्रत रख सकते हैं। इस दिन हनुमान जी की पूजा विधिवत रूप से करने का विधान है। साथ ही आज यशोदा जयंती भी है। इस दिन माता यशोदा की पूजा पूजा-अर्चना करने का विधान है। आइए भक्त वत्सल के इस लेख में हम विस्तार से आपको आज मंगलवार के पंचांग के बारे में बताएंगे कि आज आपके लिए शुभ मुहूर्त क्या है। किस समय कार्य करने से भाग्योदय हो सकता है। साथ ही आज किन उपायों को करने से लाभ हो सकता है और आज के दिन किन मंत्रों का जाप करने से लाभ हो सकता है। 


आज का पंचांग 18 फरवरी 2025


  • तिथि - फाल्गुन माह की षष्ठी तिथि
  • नक्षत्र - चित्रा नक्षत्र
  • दिन/वार - मंगलवार
  • योग - वृद्धि योग
  • करण - गर और वणिज


सूर्य-चंद्र गोचर 18 फरवरी 2025


  • आज 18 फरवरी 2025 को ग्रहों का कोई विशेष गोचर नहीं होने वाला है।


सूर्य और चंद्रमा का समय


  • सूर्योदय - सुबह 07 बजकर 00 मिनट से लेकर
  • सूर्यास्त - शाम 06 बजकर 20 मिनट तक
  • चंद्रोदय - 18 फरवरी को शाम 05 बजकर 11 मिनट से लेकर
  • चंद्रास्त - 19 फरवरी को सुबह 10 बजकर 35 मिनट तक


आज का शुभ मुहूर्त और योग 18 फरवरी 2025


  • सर्वार्थ सिद्धि योग - नहीं है।
  • ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 05 बजकर 24 मिनट से लेकर सुबह 06 बजकर 12  मिनट तक।
  • अमृत काल - देर रात 01 बजकर 04 मिनट से लेकर रात 02 बजकर 52 मिनट तक।
  • अभिजीत मुहूर्त - दोपहर 12 बजकर 18 मिनट से लेकर दोपहर 01 बजकर 03 मिनट तक।
  • विजय मुहूर्त -  देर रात 02 बजकर 10  मिनट से लेकर दोपहर 03 बजकर 04 मिनट तक।
  • गोधूलि मुहूर्त - शाम 06 बजकर 10 मिनट से लेकर शाम 06 बजकर 36 मिनट तक।
  • निशिता मुहूर्त - रात 12 बजकर 01 मिनट से लेकर रात 01 बजकर 37 मिनट तक।
  • संध्या मुहूर्त - शाम 6 बजकर 13 मिनट से लेकर शाम 7 बजकर 29 मिनट तक।


आज का अशुभ मुहूर्त 18 फरवरी 2025   


  • राहु काल - दोपहर 03 बजकर 24 मिनट से लेकर दोपहर 04 बजकर 48 मिनट तक
  • गुलिक काल - दोपहर 12 बजकर 40 मिनट से लेकर दोपहर 02 बजकर 05 मिनट तक।
  • यमगंड -  सुबह 09 बजकर 50 मिनट से लेकर सुबह 11 बजकर 15 मिनट तक।
  • दिशाशूल - उत्तर दिशा, दिशाशूल में इस दिशा में यात्रा करने से बचना चाहिए।
  • दुर्मुहूर्त  - सुबह 09 बजकर 16 मिनट से लेकर सुबह 10 बजकर 02 मिनट तक।


पर्व और त्योहार 18 फरवरी 2025


  • 18 फरवरी 2025 व्रत - मंगलवार व्रत, यशोदा जयंती 


आज का उपाय 18 फरवरी 2025


18  फरवरी को चित्रा और वृद्धि योग का दिव्य संयोग है। इस दिन चंद्रमा वृश्चिक राशि और सूर्य कुंभ राशि में गोचर करते हुए शुभ योग बना रहे हैं। आज मंगलवार के दिन हनुमान जी की पूजा विधिवत रूप से करें। साथ ही आज यशोदा जयंती भी है, जो यशोदा माता को समर्पित है। इस दिन माता की पूजा-अर्चना करने से दांपत्ति को संतान सुख की प्राप्ति हो सकती है। इस दिन जरूरतमंदों को दान-पुण्य करने का भी विशेष महत्व है। 


18 फरवरी 2025 आज के पंचांग का महत्व


आज चित्रा नक्षत्र है, जो कि बहुत ही शुभ नक्षत्र माना जाता है। आज मंगलवार है, जो हनुमान जी को समर्पित है। आज फाल्गुन कृष्ण पक्ष की षष्ठी तिथि है, जो भगवान कार्तिकेय को समर्पित है। साथ ही आज यशोदा जयंती भी है। जो माता यशोदा को समर्पित है। इस दिन माता यशोदा की पूजा-अर्चना करने से संतान सुख की प्राप्ति हो सकती है। आपको बता दें, षष्ठी तिथि शुभ और मंगलकारी मानी जाती है।स्वाती नक्षत्र को 'स्वतंत्रता का नक्षत्र' कहा जाता है। यह नक्षत्र व्यापार, यात्रा और नए कार्यों के लिए शुभ माना जाता है। वणिज करण को व्यापार और वाणिज्य के लिए शुभ माना जाता है। किसी भी शुभ कार्य को करने के लिए राहुकाल से पहले का समय शुभ होता है। राहुकाल में किसी भी शुभ कार्य को करने से बचना चाहिए।


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तूने अजब रचा भगवान खिलौना माटी का (Tune Ajab Racha Bhagwan Khilona Mati Ka)

तूने अजब रचा भगवान खिलौना माटी का,
माटी का रे, माटी का,

तूने जीना सिखाया भोलेनाथ जी (Tune Jeena Sikhaya Bholenath Ji)

तुम्हे दिल में बसाया,
तुम्हे अपना बनाया,

तूने सिर पे धरा जो मेरे हाथ के अब तेरा साथ नहीं छूटे (Tune Sir Pe Dhara Jo Mere Hath Ke Ab Tera Sath Nahi Chute)

तूने सिर पे धरा जो मेरे हाथ,
के अब तेरा साथ नहीं छूटे,

टूटी झोपड़िया मेरी माँ (Tuti Jhupdiya Meri Maa Garib Ghar Aajana)

टूटी झोपड़िया मेरी माँ,
गरीब घर आ जाना ।

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