तूने जीना सिखाया भोलेनाथ जी (Tune Jeena Sikhaya Bholenath Ji)

तुम्हे दिल में बसाया,

तुम्हे अपना बनाया,

तूने जीना सिखाया भोलेनाथ जी,

तूने जीना सिखाया भोलेंनाथ जी ॥


गाड़ी दिलवाई तूने घर बनवाया,

मैंने उस घर में तेरा मंदिर बनाया,

मन के मंदिर में मैंने तुमको बिठाया,

तुम्हे दिल में बसाया,

तुम्हे अपना बनाया,

तूने जीना सिखाया भोलेंनाथ जी,

तूने जीना सिखाया भोलेंनाथ जी ॥


तेरे ही नाम का तिलक लगाऊं,

तिलक लगाऊं तेरी भक्ति बढ़ाऊं,

शिव शिव रट तेरी अलख जगाऊँ,

तुम्हे दिल में बसाया,

तुम्हे अपना बनाया,

तूने जीना सिखाया भोलेंनाथ जी,

तूने जीना सिखाया भोलेंनाथ जी ॥


यहाँ हर गली में बसता शिवा है,

बच्चा हो बूढ़ा हो सब भजता शिवा है,

डम डम डमरू बजायो रे भोलेबाबा,

तुम्हे दिल में बसाया,

तुम्हे अपना बनाया,

तूने जीना सिखाया भोलेंनाथ जी,

तूने जीना सिखाया भोलेंनाथ जी ॥


तुम्हे दिल में बसाया,

तुम्हे अपना बनाया,

तूने जीना सिखाया भोलेनाथ जी,

तूने जीना सिखाया भोलेंनाथ जी ॥

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बोलो जय जयकारे (Bolo Jay Jaikare)

ऊँचे ऊँचे भवनों बैठी रुप अनेकों धारे,
चरण चाकरी कर लो भैया,

उत्तपन्ना एकादशी 2024, पूजा विधि

मार्गशीर्ष माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को मनाया जाने वाला उत्पन्ना एकादशी का पर्व भगवान विष्णु और देवी एकादशी की आराधना का विशेष दिन है।

सत्यनारायण पूजन विधि (Satyanarayan Puja Vidhi)

व्रत करने वाला पूर्णिमा व संक्रान्ति के दिन सायंकाल को स्नानादि से निवृत होकर पूजा-स्थान में आसन पर बैठ कर श्रद्धा पूर्वक गौरी, गणेश, वरूण, विष्णु आदि सब देवताओं का ध्यान करके पूजन करें और संकल्प करें कि मैं सत्यनारायण स्वामी का पूजन तथा कथा-श्रवण सदैव करूंगा ।

कार्तिक स्नान करने से होते हैं ये फायदे

हिंदू धर्म में समय की गति के साथ-साथ आध्यात्मिक महत्व भी बदलता है। ऐसे ही हिंदू पंचांग के अनुसार, हर महीने का अपना एक विशेष महत्व और उद्देश्य होता है।

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