Mahashivratri 2025: महाशिवरात्रि के दिन भोलेनाथ को क्या चढ़ाएं और किन चीजों को चढ़ाने से बचें? यहां जानें
महाशिवरात्रि का व्रत भगवान शिव को समर्पित है। इस दिन भक्त भगवान शिव की विशेष पूजा करते हैं और उनसे आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। ऐसी मान्यता है कि इस दिन व्रत रखने से मनुष्य के सभी पाप नष्ट हो जाते हैं और उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है। इस दिन भगवान शिव की पूजा करने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। महाशिवरात्रि की पूजा से जीवन में सुख, शांति और समृद्धि आती है। अब ऐसे में अगर आप महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव की पूजा कर रहे हैं तो उनकी पूजा में क्या चढ़ाना चाहिए और क्या नहीं। इसके बारे में जानना जरूरी है। आइए भक्त वत्सल के इस लेख में विस्तार से जानते हैं।
भगवान शिव की पूजा में क्या चढ़ाएं?
भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए उनकी पूजा में कई चीजें अर्पित की जाती हैं। यहां विस्तार से पढ़ें।
- जल - शिव पुराण के अनुसार, भगवान शिव स्वयं जल हैं। शिवलिंग पर जल चढ़ाने से चित्त शांत होता है।
- दूध - दूध को शुद्धता का प्रतीक माना जाता है। शिवलिंग पर दूध चढ़ाने से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं।
- दही - दही चढ़ाने से जीवन में स्थिरता और शांति आती है।
- शहद - शहद चढ़ाने से मधुरता और प्रेम बढ़ता है।
- घी - शिवलिंग पर घी अर्पित करने से बल मिलता है।
- चंदन - चंदन का लेप लगाने से शीतलता और शांति मिलती है।
- भस्म - भस्म चढ़ाने से नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है।
- बेलपत्र - बेलपत्र भगवान शिव को अत्यंत प्रिय है। यह चढ़ाने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
- धतूरा - धतूरा चढ़ाने से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं।
- भांग - भांग भी भगवान शिव को अर्पित की जाती है।
- फूल - सफेद फूल जैसे कि आंकड़े के फूल भगवान शिव को प्रिय हैं।
- चावल यानी अक्षत - साबुत चावल चढ़ाने से धन संबंधी समस्याएं दूर होती हैं।
- रुद्राक्ष - रुद्राक्ष भी भगवान शिव को अर्पित किया जाता है।
भगवान शिव की पूजा में किन चीजों को चढ़ाने से बचना चाहिए?
भगवान शिव की पूजा में कुछ ऐसी चीजें हैं जिन्हें चढ़ाने से बचना चाहिए। ऐसा माना जाता है कि इन चीजों को चढ़ाने से भगवान शिव क्रोधित हो सकते हैं। यहां कुछ चीजें दी गई हैं जिन्हें भगवान शिव की पूजा में चढ़ाने से बचना चाहिए।
- तुलसी - तुलसी का पत्ता भगवान विष्णु को प्रिय है, इसलिए इसे भगवान शिव को नहीं चढ़ाना चाहिए।
- हल्दी - हल्दी का उपयोग आमतौर पर महिलाओं की पूजा में किया जाता है, इसलिए इसे भगवान शिव को नहीं चढ़ाना चाहिए।
- कुमकुम - कुमकुम भी महिलाओं द्वारा प्रयोग किया जाने वाला पदार्थ है, इसलिए इसे भगवान शिव को नहीं चढ़ाना चाहिए।
- सिंदूर - सिंदूर भी महिलाओं द्वारा प्रयोग किया जाने वाला पदार्थ है, इसलिए इसे भगवान शिव को नहीं चढ़ाना चाहिए।
- नारियल पानी - नारियल पानी को भगवान विष्णु को चढ़ाया जाता है, इसलिए इसे भगवान शिव को नहीं चढ़ाना चाहिए।
- केतकी के फूल - केतकी के फूल भगवान शिव को नहीं चढ़ाने चाहिए।
- टूटे हुए चावल - भगवान शिव को टूटे हुए चावल नहीं चढ़ाने चाहिए।
- कनेर के फूल - कनेर के फूल भगवान शिव को नहीं चढ़ाने चाहिए।
- लाल रंग के फूल - भगवान शिव को लाल रंग के फूल नहीं चढ़ाने चाहिए।
- कांटेदार पुष्प - भगवान शिव को कांटेदार पुष्प नहीं चढ़ाने चाहिए।
- सूरजमुखी के फूल - भगवान शिव को सूरजमुखी के फूल नहीं चढ़ाने चाहिए।
........................................................................................................हिंदू धर्म में अमावस्या तिथि को स्नान और दान के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण माना गया है। प्रत्येक माह आने वाली अमावस्या को अलग-अलग नामों से जाना जाता है। माघ मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या को मौनी अमावस्या कहते हैं।
मौनी अमावस्या पर महाकुंभ का दूसरा अमृत स्नान होगा। इस बार अमावस्या तिथि को काफी खास माना जा रहा है। बता दें कि महाकुंभ का आयोजन प्रयागराज में 13 जनवरी से शुरू हो चुका है और रोजाना करीब लाखों की संख्या में श्रद्धालु संगम में स्नान करने के लिए पहुंच रहे हैं।
महाकुंभ 2025 में बसंत पंचमी का महत्व विशेष रूप से बढ़ जाता है क्योंकि इस दिन तीसरा अमृत स्नान होना तय हुआ है। यह स्नान त्रिवेणी संगम में होगा जहां देश के कोने-कोने से साधु संत और श्रद्धालु पहुंचे हुए हैं।
ज्योतिष शास्त्र में कुंडली का बहुत महत्व है, और ग्रहों की स्थिति हमारे जीवन के हर पहलू को प्रभावित करती है। गुरु, जिसे बृहस्पति भी कहा जाता है, को देवताओं का गुरु माना जाता है और इसका कुंडली में विशेष महत्व होता है।