Aaj Ka Panchang 23 March 2025: आज 23 मार्च 2025 चैत्र माह का सातवां दिन है और आज इस पंचांग के अनुसार चैत्र माह के कृष्ण पक्ष तिथि नवमी है। वहीं आज रविवार का दिन है। इस तिथि पर शाम 5 बजकर 58 मिनट तक वरीयान योग रहेगा, इसके बाद परिघ योग रहेगा। वहीं चंद्रमा धनु राशि पर संचार करेगा। आपको बता दें, आज रविवार के दिन अभिजीत मुहूर्त दोपहर 12 बजकर 03 मिनट से दोपहर 12 बजकर 52 मिनट तक रहेगा। इस दिन राहुकाल शाम 05 बजकर 02 मिनट से शाम 06 बजकर 34 मिनट तक रहेगा। आज तिथि के हिसाब से आप रविवार का व्रत रख सकते हैं। यह व्रत सूर्य देव को समर्पित है। साथ ही आज सर्वार्थ सिद्धि योग भी बन रहा है। नवमी तिथि 24 मार्च को प्रात:काल 5 बजकर 38 मिनट तक जारी रहेगी। आइए भक्त वत्सल के इस लेख में हम विस्तार से आपको आज के पंचांग के बारे में बताएंगे कि आज आपके लिए शुभ मुहूर्त क्या है। किस समय कार्य करने से शुभ परिणाम की प्राप्ति हो सकती है। साथ ही आज किन उपायों को करने से लाभ हो सकता है और आज के दिन किन मंत्रों का जाप करने से लाभ हो सकता है।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार चंद्रमा का हमारे जीवन पर खास प्रभाव पड़ता है, क्योंकि ये हमारी मानसिक स्थिति, भावनाओं और विचारों का प्रतीक है। 23 मार्च 2025 को चंद्रमा धनु राशि में संचार करेगें, वहीं सूर्य देव मीन राशि में रहेंगे।
23 मार्च को वरियान और परिघ योग बन रहा है। वरीयान योग को अधिकांश कार्यों को श्रेष्ठ माना जाता है, तो वहीं परिघ के पूर्वार्ध को सभी अच्छे कार्यों के लिये अशुभ माना जाता है। इसीलिये पूर्वार्ध का समय अच्छे मुहूर्त में वर्जित है। इस दिन कुछ विशेष उपाय करने से आपको अपने जीवन में सफलता, समृद्धि, और सुख की प्राप्ति हो सकती है। आज के दिन दान-पुण्य करने से आपको पुण्य मिलेगा और आपके जीवन में सकारात्मक परिवर्तन आएंगे। वहीं आज रविवार का दिन है। आप आज सूर्य देव की पूजा विधवत रूप से करें। साथ ही लाल वस्त्र, गुड़, लाल फूल, जौ और तांबे की चीजें दान करें।
आज पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र है, जो कि बहुत ही शुभ नक्षत्र माना जाता है। साथ ही चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की नवमी तिथि है। आज रविवार का दिन है। इस दिन सूर्यदेव की पूजा करें।
सीताराम सीताराम जपाकर
राम राम राम राम रटा कर
सीता राम जी के आरती उतारूँ ए सखी
केकरा के राम बबुआ केकरा के लछुमन
भारत में अन्वाधान का अपना एक अलग स्थान है। अन्वाधान कृषि चक्र और आध्यात्मिक उन्नति से जुड़ा पर्व है। इन्हें जीवन को पोषित करने वाली दिव्य शक्तियों के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करने हेतु मनाया जाता है।
सिया जी से पूछ रहे अंजनी के लाला,
मांग में सिंदूर मैया किस लिए डाला,