चंचल मनं
सीताराम सीताराम जपाकर
राम राम राम राम रटा कर
सीताराम सीताराम जपाकर
राम राम राम राम रटा कर
कर चिंतन
सीताराम सीताराम जपाकर
राम राम राम राम रटा कर
सीताराम सीताराम जपाकर
राम राम राम राम रटा कर
चंचल मनं...
जगत देरहा द रश बधाई
अ रपि त कर का मुरत दि खाई
कि स वि द पभूजी कर रि झाई
सबसेउंची पेम सगाई
सि दी सादन धान सम रपण
तन मनं धन अ रपण
सीताराम सीताराम जपाकर
राम राम राम राम रटा कर
सीताराम सीताराम जपाकर
राम राम राम राम रटा कर
कर चिंतन...
सीताराम सीताराम जपाकर
राम राम राम राम रटा कर
सीताराम सीताराम जपाकर
राम राम राम राम रटा कर
चंचल मनं...
मरयादा पुशीतम दाता
रप राम का सबको भाता
जोभी राम दुआरेआता
अरेभाव आगार सेमुकी पाता
दसो दि शायेहई राम मयं
तीनोलोक भजेहर हर..
सीताराम सीताराम जपाकर
राम राम राम राम रटा कर
सीताराम सीताराम जपाकर
राम राम राम राम रटा कर
कर चिंतन..
सीताराम सीताराम जपाकर
राम राम राम राम रटा कर
सीताराम सीताराम जपाकर
राम राम राम राम रटा कर
चंचल मनं...
सीताराम सीताराम सीताराम सीताराम
राम राम राम राम सीताराम.
कर चिंतन...
सीताराम सीताराम सीताराम सीताराम
राम राम राम राम सीताराम.
चंचल मनं...
सीताराम सीताराम सीताराम सीताराम
राम राम राम राम सीताराम.
कर चिंतन...
सीताराम सीताराम सीताराम सीताराम
राम राम राम राम सीताराम.
गंगा दशहरा हिंदू धर्म का एक अत्यंत पुण्य और पावन पर्व है, जिसे ज्येष्ठ मास की शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को मनाया जाता है। यह दिन देवी गंगा के स्वर्ग से पृथ्वी पर अवतरण का प्रतीक है।
गंगा दशहरा का पर्व हिन्दू पंचांग के अनुसार ज्येष्ठ मास की शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को मनाया जाता है।
गंगा दशहरा, जिसे ज्येष्ठ शुक्ल दशमी के दिन मनाया जाता है, हिंदू धर्म का एक अत्यंत पावन और पुण्यदायक पर्व है। इस दिन का महत्व केवल मां गंगा के धरती पर अवतरण के कारण ही नहीं है, बल्कि यह दिन पितरों के मोक्ष और आत्मिक शांति के लिए भी अत्यंत शुभ माना गया है।
गंगा दशहरा, ज्येष्ठ शुक्ल दशमी तिथि को मनाया जाने वाला एक अत्यंत पवित्र पर्व है, जो इस बार 5 जून 2025 को मनाया जाएगा। इस दिन मां गंगा के पृथ्वी पर अवतरण का उत्सव मनाया जाता है।