भारतीय संस्कृति में परंपराओं और विश्वासों का विशेष महत्व है। इसी कारण, हिंदू धर्म में किसी भी नए कार्य की शुरुआत से पहले पूजा करना शुभ माना जाता है। शेयर बाजार में निवेश करने से पहले भी लोग पूजा करते हैं, क्योंकि इसे सकारात्मक शुरुआत का प्रतीक माना जाता है। ऐसा करने से न केवल आत्मविश्वास बढ़ता है, बल्कि मानसिक शांति भी मिलती है। साथ ही, निवेश से आर्थिक उन्नति के अवसर भी बढ़ते हैं। यदि आप भी शेयर बाजार में निवेश करने वाले हैं, तो इस लेख के माध्यम से पूजा की विधि, इसके लाभ और आध्यात्मिक दृष्टिकोण को समझें।
भारतीय संस्कृति में पूजा का मुख्य उद्देश्य नकारात्मक ऊर्जा को दूर करना और सकारात्मक ऊर्जा को आमंत्रित करना है। पूजा के माध्यम से निवेश को एक शुभ शुरुआत दी जाती है, जिससे आर्थिक उन्नति का मार्ग प्रशस्त होता है। इसके अलावा, पूजा से निवेशकों का आत्मविश्वास बढ़ता है और मनोबल मजबूत होता है। पूजा करने से यह भाव भी आता है कि भगवान हर स्थिति में उनका मार्गदर्शन करेंगे। इसके साथ ही, यह प्रार्थना भी की जाती है कि निवेश सफल हो और समृद्धि प्रदान करे।
दीपोत्सव दिवाली के पांच दिवसीय महोत्सव में गोवर्धन पूजा के अगले दिन भाई दूज का त्योहार मनाया जाता है। भाई-बहन के प्रेम का प्रतीक इस त्योहार के साथ ही दिवाली उत्सव का समापन होता है।
दिवाली के पांच दिवसीय उत्सव के दौरान गोवर्धन पूजा का त्योहार बड़े हर्षोल्लास से मनाया जाता है। गोवर्धन पूजा को अन्नकूट पर्व के नाम से भी जाना जाता है।
गोवर्धन पूजा के दिन भगवान कृष्ण, गोवर्धन पर्वत, गाय और गौवंश की पूजा का विशेष महत्व है। साथ ही इस दिन 56 या 108 तरह के पकवान बनाकर श्रीकृष्ण को उनका भोग लगाने और अन्नकूट महोत्सव का भी विधान है।
दिवाली के पांच दिवसीय उत्सव का प्रमुख त्योहार गोवर्धन पूजा हर साल कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को आता है। इस दिन भगवान श्रीकृष्ण और गोवर्धन पर्वत की प्रतीक स्वरूप पूजा-अर्चना करने का विधान है।