क्या घर में शिवलिंग स्थापित कर सकते हैं? जानिए सावन के महीने में किन बातों का ध्यान रखना चाहिए
सावन का महीना भगवान शिव की भक्ति और आराधना के लिए सबसे पवित्र समय माना जाता है। मंदिरों में शिवभक्तों की भीड़, जलाभिषेक, रुद्राभिषेक और सोमवार व्रत हर तरफ बस शिव ही शिव नजर आते हैं। ऐसे में कई लोग सोचते हैं कि घर में शिवलिंग स्थापित कर लें, ताकि रोजाना पूजा कर सकें। लेकिन सवाल उठता है, क्या घर में शिवलिंग रखना सही है? यदि हां, तो क्या सावन में ऐसा करना शुभ होता है? और क्या कुछ नियमों का पालन जरूरी है?
क्या घर पर शिवलिंग की स्थापना कर सकते हैं?
उत्तर है, हां, कर सकते हैं, लेकिन कुछ जरूरी शर्तों और सावधानियों के साथ। शिवलिंग कोई साधारण प्रतीक नहीं, वह स्वयं शिव का स्वरूप है। इसलिए उसे स्थापित करना यानी शिव को अपने घर बुलाना। जब ईश्वर घर में हों, तो उनके अनुसार जीवन में अनुशासन भी जरूरी हो जाता है।
क्या सावन में शिवलिंग स्थापित करना उचित है?
सावन शिव की कृपा पाने का समय है। ऐसे में अगर आप इस मास में शिवलिंग की स्थापना करना चाहते हैं, तो वह भी उचित है बशर्ते आप नियमित पूजन, जलाभिषेक और सेवा कर सकें। केवल भावना या फैशन के कारण शिवलिंग लाकर छोड़ देना उचित नहीं, क्योंकि उपेक्षा भगवान शिव को अप्रसन्न कर सकती है।
शिवलिंग स्थापना से पहले किन बातों का रखें ध्यान?
- प्राण प्रतिष्ठा न करें: घर में स्थापित शिवलिंग की प्राण प्रतिष्ठा नहीं की जाती, क्योंकि ऐसा करने से उसकी सेवा मंदिर जैसी करनी पड़ती है।
- दिशा और स्थान: शिवलिंग को उत्तर दिशा की ओर मुख करके साफ, ऊंचे और स्थिर स्थान पर रखें। कोने में या रसोई के पास भूलकर भी न रखें।
- आकार: घर में शिवलिंग का आकार छोटा होना चाहिए, अधिकतम 6 इंच। इससे बड़ा शिवलिंग केवल मंदिरों के लिए होता है।
- साथ में क्या रखें: शिवलिंग के साथ मां पार्वती और भगवान गणेश की मूर्ति भी रखें, ताकि पारिवारिक ऊर्जा संतुलित बनी रहे।
क्या-क्या गलतियां न करें?
- शिवलिंग का बार-बार स्थान न बदलें।
- तुलसी पत्र, सेमल, जूही, केतकी के फूल न चढ़ाएं।
- बिना पात्र के या गर्म दूध शिवलिंग पर न अर्पित करें।
- शिवलिंग पर चढ़ाया गया प्रसाद खुद न खाएं।
- पूजा के बाद जल या पंचामृत अर्पित करना न भूलें।
नियमपूर्वक कैसे करें पूजा?
- हर सुबह स्नान के बाद शिवलिंग पर जल, दूध और बेलपत्र अर्पित करें।
- ‘ॐ नमः शिवाय’ या महामृत्युंजय मंत्र का जाप करें।
- पूजा के बाद अगरबत्ती, दीप और भोग जरूर अर्पित करें।
- विशेष अवसरों पर शिव चालीसा या शिव पुराण का पाठ करें।
राम को देख कर के जनक नंदिनी,
बाग में वो खड़ी की खड़ी रह गयी।
राम को देख कर के जनक नंदिनी,
बाग में वो खड़ी की खड़ी रह गयी ।
राम को मांग ले मेरे प्यारे
उम्र भर को सहारा मिलेगा
राम लक्ष्मण के संग जानकी,
जय बोलो हनुमान की,