राम को मांग ले मेरे प्यारे
उम्र भर को सहारा मिलेगा
सिर्फ इनकी शरण ही में
जिंदगी भर गुजारा मिलेगा
राम को मांग ले मेरे प्यारे
कितना दो हाथों से ले सकेगा
देने वाले की है लाख बांहें
इसकी बांह पकड़ कर तो देखो
खुशनुमा सा नजारा मिलेगा
राम को मांग ले मेरे प्यारे
खुद को तन्हा समझता है तू
कण कण में वह समाया है
दुख में आवाज देकर तो देखो
कौशल्या का दुलारा मिलेगा
राम को मांग ले मेरे प्यारे
रुप नैनो में इनको बसा लो
नाम लेते रहो चलते - फिरते
चाहे तूफां हो या भंवर हो
हर सफर में किनारा मिलेगा
राम को मांग ले मेरे प्यारे
उम्र भर को सहारा मिलेगा
भारतवर्ष में मनाए जाने वाले सभी पर्वों में दीपावली का सामाजिक और धार्मिक दोनों दृष्टि से अत्यधिक महत्त्व है। इसे दीपोत्सव भी कहते हैं।
दीपावली के पावन पर्व पर हर व्यक्ति यह चाहता है कि वह मां लक्ष्मी का पूजन इस प्रकार करें कि उसे मनवांछित फल की प्राप्ति हो।
विजय का मतलब होता है जीत। अष्ट लक्ष्मी का एक स्वरूप विजय लक्ष्मी, विजया लक्ष्मी या जया लक्ष्मी का भी है जो जीत का ही प्रतीक माना गया है।
सनातन धर्म में धन की देवी मां महालक्ष्मी सभी सुखों को प्रदान करने वाली मानी जाती हैं। आज के इस आधुनिक दौर में भी हिन्दू धर्म मे माता महालक्ष्मी की पूजा अत्यंत श्रद्धा के साथ की जाती है।