राम को मांग ले मेरे प्यारे
उम्र भर को सहारा मिलेगा
सिर्फ इनकी शरण ही में
जिंदगी भर गुजारा मिलेगा
राम को मांग ले मेरे प्यारे
कितना दो हाथों से ले सकेगा
देने वाले की है लाख बांहें
इसकी बांह पकड़ कर तो देखो
खुशनुमा सा नजारा मिलेगा
राम को मांग ले मेरे प्यारे
खुद को तन्हा समझता है तू
कण कण में वह समाया है
दुख में आवाज देकर तो देखो
कौशल्या का दुलारा मिलेगा
राम को मांग ले मेरे प्यारे
रुप नैनो में इनको बसा लो
नाम लेते रहो चलते - फिरते
चाहे तूफां हो या भंवर हो
हर सफर में किनारा मिलेगा
राम को मांग ले मेरे प्यारे
उम्र भर को सहारा मिलेगा
श्याम तेरा कीर्तन जो,
मन से कराता है,
आशुतोष शशाँक शेखर,
चन्द्र मौली चिदंबरा,
जटा कटा हसं भ्रमभ्रमन्नि लिम्प निर्झरी,
विलोलवी चिवल्लरी विराजमान मूर्धनि।
शिव उठत, शिव चलत, शिव शाम-भोर है।
शिव बुद्धि, शिव चित्त, शिव मन विभोर है॥ ॐ ॐ ॐ...