भगवान विष्णु को सृष्टि के पालनकर्ता के रूप में पूजा जाता है। वे त्रिदेवों में से एक हैं और उनके दशावतारों की गाथा भारतीय धर्म, संस्कृति और इतिहास में अत्यंत महत्वपूर्ण स्थान रखती है। देशभर में फैले विष्णु मंदिर आध्यात्मिक शांति के साथ-साथ वास्तुशिल्प की दृष्टि से भी अद्भुत हैं। आइए जानते हैं भारत के 10 प्रमुख भगवान विष्णु मंदिरों के बारे में:
1. श्री वेंकटेश्वर मंदिर, तिरुमला (आंध्र प्रदेश)
यह मंदिर तिरुपति बालाजी के नाम से विख्यात है और दुनिया के सबसे धनी और व्यस्त मंदिरों में से एक है। दर्शन के लिए प्रतिदिन लाखों श्रद्धालु पहुंचते हैं। मंदिर सुबह 3:00 से रात 1:00 बजे तक खुला रहता है।
2. पद्मनाभस्वामी मंदिर, तिरुवनंतपुरम (केरल)
यह मंदिर भगवान विष्णु के शेषनाग पर लेटे हुए स्वरूप को समर्पित है। इसे दुनिया का सबसे समृद्ध मंदिर भी माना जाता है। मंदिर में केवल हिन्दू श्रद्धालुओं को प्रवेश की अनुमति है। दर्शन समय सुबह 3:30 से 12:00 और शाम 5:00 से 7:30 तक है।
3. बद्रीनाथ मंदिर, उत्तराखंड
चारधामों में शामिल यह मंदिर विष्णु के नर नारायण अवतार को समर्पित है। यह हिमालय की गोद में अलकनंदा नदी के किनारे स्थित है। मंदिर केवल अप्रैल से नवंबर तक खुला रहता है।
4. रणछोड़राय मंदिर, द्वारका (गुजरात)
यह मंदिर भगवान श्रीकृष्ण के रणछोड़ अवतार को समर्पित है। द्वारका में स्थित यह मंदिर इतिहास और भक्तिभाव का अनूठा संगम है। दर्शन का समय सुबह 6:00 से रात 9:30 बजे तक है।
5. श्री रंगनाथस्वामी मंदिर, श्रीरंगम (तमिलनाडु)
यह भारत का सबसे बड़ा कार्यशील मंदिर परिसर है, जो भगवान विष्णु के रंगलनाथ स्वरूप को समर्पित है। मंदिर की गोपुरम और स्थापत्य दक्षिण भारत की विरासत को दर्शाती है। दर्शन समय सुबह 6:00 से रात 9:00 बजे तक है।
6. जगन्नाथ मंदिर, पुरी (ओडिशा)
चारधामों में से एक, यह मंदिर भगवान जगन्नाथ (विष्णु), बलभद्र और सुभद्रा को समर्पित है। इसकी रथयात्रा विश्व प्रसिद्ध है। मंदिर सुबह 6:00 से रात 9:00 बजे तक खुला रहता है।
7. वरदराज पेरुमल मंदिर, कांचीपुरम (तमिलनाडु)
यह मंदिर विष्णु के वरदराज (वर देने वाले) स्वरूप को समर्पित है। इसकी स्थापत्य शैली और स्तंभों की नक्काशी दर्शनीय है। दर्शन का समय सुबह 6:00 से दोपहर 12:00 और शाम 4:00 से रात 9:00 बजे तक है।
8. मुक्तिनाथ मंदिर, नेपाल (भारत-नेपाल सीमा)
यह मंदिर विष्णु भक्तों के लिए मोक्षदायक माना जाता है। यह हिंदू और बौद्ध दोनों धर्मों के लिए पवित्र है। यह मंदिर सालभर तीर्थयात्रियों के लिए खुला रहता है।
9. विष्णु मंदिर, गढ़वल (उत्तराखंड)
यह कम प्रसिद्ध लेकिन अत्यंत प्राचीन मंदिर है। स्थानीय मान्यताओं के अनुसार यह स्थल स्वयंभू विष्णु रूप से जुड़ा है। यह मंदिर ट्रेकिंग मार्ग पर स्थित है और गर्मियों में खुला रहता है।
10. अष्टविनायक विष्णु मंदिर, नागनाथ पर्वत (महाराष्ट्र)
यह मंदिर भगवान विष्णु के अष्टमुख रूप को समर्पित है और दुर्लभ मूर्ति दर्शन का केंद्र है। यह सप्ताहांत और विशेष पर्वों पर भक्तों से भरा रहता है।
हनुमान जी का जन्मोत्सव हर वर्ष चैत्र शुक्ल पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है। उनकी कृपा से व्यक्ति को सभी प्रकार की समस्याओं से छुटकारा मिल जाता है। अभिजीत मुहूर्त में पूजा करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है।
गणेश चतुर्थी को गणपति जी के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है। इस दिन संपूर्ण विधि-विधान के साथ घर में एक दिन, दो दिन, तीन दिन या फिर 9 दिनों के लिए गणेश जी की स्थापना की जाती है।
गणेश चतुर्थी की शुरुआत भाद्रपद महीने के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि से होती है और यह पर्व चतुर्दशी तिथि को समाप्त होता है। यह 10 दिनों तक चलने वाला भव्य उत्सव होता है।
भाद्रपद कृष्ण अष्टमी को श्रीकृष्ण जन्माष्टमी कहते हैं, क्योंकि यह दिन भगवान श्रीकृष्ण के जन्मदिवस के रूप में मनाया जाता है। भगवान कृष्ण ने माता देवकी की आठवीं संतान के रूप में जन्म लिया था।