अगर माँ ने ममता लुटाई ना होती (Agar Maa Ne Mamta Lutai Na Hoti)

अगर माँ ने ममता लुटाई ना होती,

तो ममतामयी माँ कहाई ना होती ॥


द्वारे पे आए माँ हमको निहारो,

सोई हुई तक़दीर संवारो,

अगर माँ की ज्योति जलाई ना होती,

तो ममतामयी माँ कहाई ना होती,

तो ममतामयी माँ कहाई ना होती,

अगर मां ने ममता ॥


हमें क्या पड़ी है हम तुम्हे मनाए,

हमारा तो हक़ है की हम रूठ जाए,

अगर माँ मनाने तू आई ना होती,

तो ममतामयी माँ कहाई ना होती,

तो ममतामयी माँ कहाई ना होती,

अगर मां ने ममता ॥


फटकार देना माँ दुत्कार देना,

मगर भोली माँ लाल को प्यार देना,

अगर माँ ने बिगड़ी बनाई ना होती,

तो ममतामयी माँ कहाई ना होती,

तो ममतामयी माँ कहाई ना होती,

अगर मां ने ममता ॥


अगर माँ ने ममता लुटाई ना होती,

तो ममतामयी माँ कहाई ना होती ॥

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खरमास की कथा

सनातन धर्म में खरमास को विशेष महत्व बताया गया है। यह एक ऐसा समय होता है जब सूर्य देव धनु या मीन राशि में रहते हैं जिसमें मांगलिक कार्य पर रोक रहती है। इस साल खरमास रविवार, 15 दिसंबर 2024 से शुरू हो रहा है जो 14 जनवरी, 2025 को समाप्त होगा।

षटतिला एकादशी में तुलसी का महत्व

हिंदू धर्म में पूरे साल में आने वाली सभी 24 एकादशियों में से प्रत्येक को विशेष माना जाता है। उन्हीं में से एक षटतिला एकादशी है। माघ महीने के कृष्ण पक्ष की एकादशी को ही षटतिला एकादशी कहते हैं।

माँ तू ही नज़र आये(Maa Tu Hi Nazar Aaye)

मुँह फेर जिधर देखूं माँ तू ही नज़र आये,
माँ छोड़ के दर तेरा कोई और किधर जाये ॥

सात्विक मंत्र क्या है?

हिंदू धर्म और सनातन परंपरा में मंत्रों का विशेष महत्व है। इनके उच्चारण से ना सिर्फ आध्यात्मिक उन्नति होती है। बल्कि, यह मानसिक और शारीरिक शांति भी प्रदान करता है।

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