भक्ति और शक्ति के दाता, रामचरण से जिनका नाता (Bhakti Aur Shakti Ke Data Ram Charan Se Jinka Nata)

भक्ति और शक्ति के दाता,

रामचरण से जिनका नाता,

म्हारा बजरंगबली,

म्हारा बजरंगबली ॥


राम बिना जिनको कुछ भी ना ध्यावे,

राम में हरदम जो ध्यान लगावे,

राम करे जो भी बजरंग कराएं – २,

पर ना कभी दिल में अभिमान लाए,

म्हारा बजरंगबली,

म्हारा बजरंगबली ॥


जिसके हो सर प्रभु कर हमेशा,

ऐसा ना सेवक अभी तक है देखा,

प्राण ना प्यारे प्रभु जिनको प्यारे- २,

ऐसे ही है यह पवन के दुलारे,

म्हारा बजरंगबली,

म्हारा बजरंगबली ॥


रावण को ललकारा लंका में जाकर,

लक्ष्मण बचाए थे पर्वत उठाकर,

रामजी जिनको भरत सम बताएं,

काल भी है जिनसे आंख चुराए,

म्हारा बजरंगबली,

म्हारा बजरंगबली ॥


राम की भक्ति का मार्ग बता दो,

बाधा अनेकों इन्हें तुम हटा दो,

राम से कैसे मिलन हो हमारा,

श्याम कहे कर दो कारज हमारा,

म्हारा बजरंगबली,

म्हारा बजरंगबली ॥


भक्ति और शक्ति के दाता,

रामचरण से जिनका नाता,

म्हारा बजरंगबली,

म्हारा बजरंगबली ॥

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शनिवार व्रत कथा

शनिदेव को ग्रहों का राजा कहा जाता है। ऐसी मान्यता है कि शनिवार के दिन भगवान शनिदेव की पूजा-अर्चना करनी चाहिए। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन विधिवत शनिदेव की पूजा करने से सभी कष्ट दूर होते हैं और कुंडली में साढ़ेसाती और ढैय्या से मुक्ति मिलती है।

दत्तात्रेय जयंती कब है?

हिंदू धर्म में दत्तात्रेय जयंती का बेहद खास महत्व है। यह दिन भगवान दत्तात्रेय के जन्मदिवस के रूप में मनाया जाता है, जिन्हें त्रिदेवों यानि ब्रह्मा, विष्णु और शिव जी तीनों का अंश माना जाता है। प्रत्येक वर्ष मार्गशीर्ष मास की शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि के दिन भगवान दत्तात्रेय की जयंती मनाई जाती है।

जिसने राग-द्वेष कामादिक(Meri Bawana - Jisne Raag Dwesh Jain Path)

जिसने राग-द्वेष कामादिक,
जीते सब जग जान लिया

आरती भगवान गिरिधारी जी की ( Aarti Bhagwan Giridhari Ji Ki)

जय श्री कृष्ण हरे, प्रभु जय जय गिरधारी।
दानव-दल बलिहारी, गो-द्विज हित कारी॥

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