भक्ति और शक्ति के दाता,
रामचरण से जिनका नाता,
म्हारा बजरंगबली,
म्हारा बजरंगबली ॥
राम बिना जिनको कुछ भी ना ध्यावे,
राम में हरदम जो ध्यान लगावे,
राम करे जो भी बजरंग कराएं – २,
पर ना कभी दिल में अभिमान लाए,
म्हारा बजरंगबली,
म्हारा बजरंगबली ॥
जिसके हो सर प्रभु कर हमेशा,
ऐसा ना सेवक अभी तक है देखा,
प्राण ना प्यारे प्रभु जिनको प्यारे- २,
ऐसे ही है यह पवन के दुलारे,
म्हारा बजरंगबली,
म्हारा बजरंगबली ॥
रावण को ललकारा लंका में जाकर,
लक्ष्मण बचाए थे पर्वत उठाकर,
रामजी जिनको भरत सम बताएं,
काल भी है जिनसे आंख चुराए,
म्हारा बजरंगबली,
म्हारा बजरंगबली ॥
राम की भक्ति का मार्ग बता दो,
बाधा अनेकों इन्हें तुम हटा दो,
राम से कैसे मिलन हो हमारा,
श्याम कहे कर दो कारज हमारा,
म्हारा बजरंगबली,
म्हारा बजरंगबली ॥
भक्ति और शक्ति के दाता,
रामचरण से जिनका नाता,
म्हारा बजरंगबली,
म्हारा बजरंगबली ॥
जनवरी महीने का दूसरा प्रदोष व्रत सोमवार, 27 जनवरी को मनाया जाएगा। माघ मास में आने वाला यह पावन पर्व भगवान शिव के भक्तों के लिए विशेष महत्व रखता है। इस बार का प्रदोष व्रत अनेक शुभ योगों से युक्त होने के कारण भक्तों के जीवन में खुशहाली और समृद्धि लाने वाला सिद्ध होगा।
इस बार माघ महीने का पहला प्रदोष व्रत, 27 जनवरी, सोमवार के दिन पड़ रहा है। चूंकि यह सोमवार के दिन है, इसलिए इसे सोम प्रदोष व्रत के नाम से भी जाना जाता है।
माघ का महीना हिंदू धर्म में बेहद पवित्र माना जाता है, और इस महीने में आने वाला प्रदोष व्रत और भी अधिक महत्वपूर्ण हो जाता है। प्रदोष व्रत हर महीने के कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को मनाया जाता है।
मौनी अमावस्या हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण पर्व है जो माघ माह की अमावस्या को मनाया जाता है। इस दिन पिंडदान, तर्पण, अन्न और धन का दान, पवित्र नदी में स्नान और मौन व्रत किया जाता है।