चंदा सिर पर है जिनके शिव (Chanda Sir Par Hai Jinke Shiv)

चंदा सिर पर है जिनके,

कानो में कुण्डल चमके,

सर्पो की माल गले में,

गंगा है जटा में जिनके,

ऐसे तो भोला शंकर है,

शंकर को वंदन है,

ऐसे तो भोला शंकर है,

शंकर को वंदन है ॥


मेरे भोले भंडारी की,

नंदी पे सवारी,

नंदी की सवारी,

लागे हमको प्यारी,

भस्मी रमी है तन पे,

हाथों में डमरू जिनके,

बाघम्बर छाल कमर पे,

त्रिशूल है हाथ में जिनके,

ऐसे तो भोला शंकर है,

शंकर को वंदन है,

ऐसे तो भोला शंकर है,

शंकर को वंदन है ॥


जब जब ये आँखे खोले,

तो धरती अम्बर डोले,

देव तो क्या ब्रम्हांड भी,

जय शिव शंकर बोले,

मुखड़े पर तेज है दमके,

एक नेत्र ललाट पे जिनके,

रुद्राक्ष भुजंग पे धारे,

तिहुँ लोक है चर्चे जिनके,

ऐसे तो भोला शंकर है,

शंकर को वंदन है,

ऐसे तो भोला शंकर है,

शंकर को वंदन है ॥


गौरा शंकर की जोड़ी,

कितनी सुन्दर लागे,

इनके दर्शन से,

भाग्य हमारे जागे,

गुण गाता जग ये जिनके,

हम भी दीवाने उनके,

जो भोले भाले मन के,

हृदय में प्रेम जिनके,

ऐसे तो भोला शंकर है,

शंकर को वंदन है,

ऐसे तो भोला शंकर है,

शंकर को वंदन है ॥


चंदा सिर पर है जिनके,

कानो में कुण्डल चमके,

सर्पो की माल गले में,

गंगा है जटा में जिनके,

ऐसे तो भोला शंकर है,

शंकर को वंदन है,

ऐसे तो भोला शंकर है,

शंकर को वंदन है ॥

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आते हैं हर साल नवराते माता के

हो, चैत महीना और अश्विन में, ओ..
चैत महीना और अश्विन में, आते मां के नवराते।
मुंह मांगा वर उनको मिलता, जो दर पे चलके आते।

बड़ी देर भई, कब लोगे खबर मोरे राम (Badi Der Bhai Kab Loge Khabar More Ram)

बड़ी देर भई, बड़ी देर भई,
कब लोगे खबर मोरे राम,

चंपा षष्ठी की पूजा विधि

भगवान शिव के योद्धा अवतार को समर्पित चम्पा षष्ठी हर साल मार्गशीर्ष माह के शुक्लपक्ष की षष्ठी तिथि को मनाया जाता है। यह त्योहार मुख्य रुप से महाराष्ट्र और कर्नाटक में बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है।

बाँधु जिसपे राखी, वो कलाई चाहिए (Bandhu jispe Rakhi wo Kalai chahiye)

बाँधु जिसपे राखी,
वो कलाई चाहिए,

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