हे शिव शम्भू नमस्तुभ्यं,
हे गंगाधर नमस्तुभ्यं,
महाकालम नमस्तुभ्यं,
हे नंदीश्वर नमस्तुभ्यं,
हे शिव शम्भु नमस्तुभ्यं,
हे गंगाधर नमस्तुभ्यं ॥
नमस्ते सुरप्रिया धारम,
नमस्ते युग सृजन हारम,
उमा नाथम नमस्तुभ्यं,
हे बाघेश्वर नमस्तुभ्यं,
हे शिव शम्भु नमस्तुभ्यं,
हे गंगाधर नमस्तुभ्यं ॥
नमस्ते पशुपति नाथम,
त्रयम्बक हे भुजंग धारम,
जटा धारम नमस्तुभ्यं,
हे रामेश्वरम नमस्तुभ्यं,
हे शिव शम्भु नमस्तुभ्यं,
हे गंगाधर नमस्तुभ्यं ॥
नमस्ते नील कंठेश्वर,
नमस्ते ओमकारेश्वर,
‘देवेंद्र कुलदीप’ करे वंदन,
हे करुणाकर नमस्तुभ्यं,
हे शिव शम्भु नमस्तुभ्यं,
हे गंगाधर नमस्तुभ्यं ॥
हे शिव शम्भू नमस्तुभ्यं,
हे गंगाधर नमस्तुभ्यं,
महाकालम नमस्तुभ्यं,
हे नंदीश्वर नमस्तुभ्यं,
हे शिव शम्भु नमस्तुभ्यं,
हे गंगाधर नमस्तुभ्यं ॥
आज मनाई जा रही है गोगा नवमी, संतान सुख की प्राप्ति के लिए पूजे जाते हैं गोगा देव, सर्पभय से मिलती है मुक्ति
सनातन धर्म में हरतालिका तीज को सुहागिनों के सबसे बड़े त्योहार के रूप में मान्यता मिली हुई।
सोमवती अमावस्या की रात घर से क्यों नहीं निकलना चाहिए, जानिए क्या है दान पुण्य की विधि
भाद्रपद शिवरात्री के दिन भगवान शिव की पूजा मे उपयोग करें ये मंत्र, मिलेगी शनि के दुष्प्रभाव से मुक्ति