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जन्मे जन्मे कृष्ण कन्हाई, बधाई दे दे री मैया (Janme Janme Krishna Kanhai Badhai De De Ri Maiya)

जन्मे जन्मे कृष्ण कन्हाई, बधाई दे दे री मैया (Janme Janme Krishna Kanhai Badhai De De Ri Maiya)

जन्मे जन्मे कृष्ण कन्हाई,

बधाई दे दे री मैया,

दे दे री मैया,

बधाई दे दे री मैया,

जन्में जन्में कृष्ण कन्हाई,

बधाई दे दे री मैया ॥


ब्रम्हा आए विष्णु आए,

आए श्री महेश,

रिद्धि सिद्धि लेकर आए,

आए श्री गणेश,

जन्में जन्में कृष्ण कन्हाई,

बधाई दे दे री मैया ॥


लक्ष्मी आई शारदा आई,

आई गौरा मैया,

तेरे लला की नज़र की उतारे,

ले रही मात बलैया,

जन्में जन्में कृष्ण कन्हाई,

बधाई दे दे री मैया ॥


सारे नगर में धूम मची है,

बजे ढोल शहनाई,

नन्द बाबा गोकुल घर घर में,

बांटे आज मिठाई,

जन्में जन्में कृष्ण कन्हाई,

बधाई दे दे री मैया ॥


पाप मिटाने इस धरती पर,

तारणहार है आए,

लिखता है ‘लोकेश प्रजापति’,

‘भावना’ भाव से गाए,

जन्में जन्में कृष्ण कन्हाई,

बधाई दे दे री मैया ॥


जन्मे जन्मे कृष्ण कन्हाई,

बधाई दे दे री मैया,

दे दे री मैया,

बधाई दे दे री मैया,

जन्में जन्में कृष्ण कन्हाई,

बधाई दे दे री मैया ॥

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मार्च 2025 व्रत-त्योहार

मार्च का महीना वसंत ऋतु की ताजगी और खुशबू लेकर आता है। इस समय प्रकृति में नया जीवन और उत्साह का संचार होता है। इस माह में कई महत्वपूर्ण त्योहार मनाए जाते हैं। आपको बता दें, होली मार्च महीने का सबसे प्रमुख त्योहार है।

पितृ पक्ष की पौराणिक कथा

संतान के द्वारा श्राद्धकर्म और पिंडदान आदि करने पर पितरों को तृप्ति मिलती है, और वे अपनी संतानों को धन-धान्य और खुश रहने का आशीर्वाद देते हैं।

घर पर कैसे करें पितरों की पूजा

आश्विन मास के कृष्ण पक्ष में मनाए जाने वाले श्राद्ध को पितृ पक्ष कहते हैं। इस दौरान पूर्वजों का श्राद्ध उनकी तिथि के अनुसार श्रद्धा भाव से विधि-विधानपूर्वक किया जाता है।

शबरी जयंती पर इन चीजों का लगाएं भोग

सनातन धर्म में फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की सप्तमी तिथि पर शबरी जयंती मनाई जाती है। इस दिन व्रत और पूजन का विधान है। इस दिन भगवान राम के साथ माता शबरी का पूजन किया जाता है।

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