माँगा है भोलेनाथ से,
वरदान एक ही,
तेरी कृपा बनी रहे,
जब तक है ज़िंदगी,
मांगा है भोलेनाथ से,
वरदान एक ही ॥
जिस पर तुम्हारा हाथ था,
वो पार हो गया,
जो भी शरण में आ गया,
उद्धार हो गया,
जिसने भरोसा कर लिया,
डूबा कभी नहीं,
तेरी कृपा बनी रहे,
जब तक है ज़िंदगी,
मांगा है भोलेनाथ से,
वरदान एक ही ॥
कोई समझ सका नहीं,
माया बड़ी अजीब,
चरणों में जो भी आ गया,
वो तो है खुशनसीब,
इसके तो मर्ज़ी के बिना,
पत्ता हीले नही,
तेरी कृपा बनी रहे,
जब तक है ज़िंदगी,
मांगा है भोलेनाथ से,
वरदान एक ही ॥
ऐसे दयालु बाबा से,
रिश्ता बनाइये,
मिलता रहेगा आपको,
जो कुछ भी चाहिए,
ऐसा करिश्मा होगा जो,
पहले हुआ नहीं,
तेरी कृपा बनी रहे,
जब तक है ज़िंदगी,
मांगा है भोलेनाथ से,
वरदान एक ही ॥
कहते है लोग जिंदगी,
किस्मत की बात है,
किस्मत बनाना भी मगर,
बाबा के हाथ है,
‘बनवारी’ करले तू यकीं,
ज्यादा समय नहीं,
तेरी कृपा बनी रहे,
जब तक है ज़िंदगी,
मांगा है भोलेनाथ से,
वरदान एक ही ॥
माँगा है भोलेनाथ से,
वरदान एक ही,
तेरी कृपा बनी रहे,
जब तक है ज़िंदगी,
मांगा है भोलेनाथ से,
वरदान एक ही ॥
फाल्गुन’ का महीना हिंदू पंचांग का अंतिम महीना होता है। इस मास की पूर्णिमा फाल्गुनी नक्षत्र में होती है। जिस कारण इस महीने का नाम फाल्गुन पड़ा है। इस महीने को आनंद और उल्लास का महीना भी कहा जाता है।
महाशिवरात्रि पर ही मां पार्वती व भगवान शिव विवाह के बंधन में बंधे थे। महाशिवरात्रि फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाई जाती है। महाशिवरात्रि का पर्व भगवान शिव व माता पार्वती को समर्पित है।
प्रत्येक महीने शिवरात्रि का पर्व मनाया जाता है। हालांकि, फाल्गुन माह की शिवरात्रि का विशेष महत्व होता है। इसे महाशिवरात्रि के नाम से जाना जाता है।
सनातन हिंदू धर्म में, महाशिवरात्रि का विशेष महत्व है। हिंदू धर्म में महाशिवरात्रि भगवान शिव की आराधना का सबसे महत्वपूर्ण पर्व माना जाता है। यह पर्व हर वर्ष फाल्गुन मास की कृष्ण चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है। आमतौर पर यह फरवरी या मार्च महीने में आती है।