Logo

म्हारे सर पर है मैया जी रो हाथ(Mhare Sar Pe Hai Maiyaji Ro Hath)

म्हारे सर पर है मैया जी रो हाथ(Mhare Sar Pe Hai Maiyaji Ro Hath)

म्हारे सर पर है मैया जी रो हाथ,

कोई तो म्हारो कई करसी ॥


जे कोई म्हारी मैया जी ने,

साँचे मन से ध्यावे,

काल कपाल भी मैया जी के,

भगता से घबरावे,

जे कोई पकड़्यो है,

मैया जी रो हाथ,

विको तो कोई काई करसी,

म्हारे सिर पर है मैया जी रो हाथ,

कोई तो म्हारो कई करसी ॥


जो माँ पे बिस्वास करे वो,

खूंटी ताण के सोवे,

बठे प्रवेश करे ना कोई,

बाल ना बांको होवे,

जाके मन में नहीं है विस्वास,

बीको तो मैया कई करसी,

म्हारे सिर पर है मैया जी रो हाथ,

कोई तो म्हारो कई करसी ॥


कलयुग माहि मैया म्हारी,

साँची नाम कमाई,

जद जद भीड़ पड़ी भगता पर,

दौड़ी दौड़ी आई,

या तो घट घट की जाणे सारी बात,

कोई तो म्हारो कई करसी,

म्हारे सिर पर है मैया जी रो हाथ,

कोई तो म्हारो कई करसी ॥


म्हारे सर पर है मैया जी रो हाथ,

कोई तो म्हारो कई करसी ॥

........................................................................................................
मोहिनी एकादशी के उपाय

हिंदू धर्म में एकादशी व्रत का बहुत महत्व है, खासकर जब बात भगवान विष्णु को समर्पित व्रत की हो। साल भर में 24 एकादशियां आती हैं, लेकिन वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी को मोहिनी एकादशी कहा जाता है।

मोहिनी एकादशी कथा

हिंदू धर्म में हर एकादशी का खास महत्व होता है, लेकिन मोहिनी एकादशी का स्थान विशेष है। यह एकादशी भगवान विष्णु के मोहिनी रूप की स्मृति में मनाई जाती है। मान्यता है कि इस दिन व्रत रखने से मनुष्य के सारे पाप नष्ट हो जाते हैं और उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है।

नरसिंह जयंती की तिथि-मुहूर्त

हिंदू धर्म में भगवान विष्णु के प्रत्येक अवतार का धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व होता है। उन्हीं में से एक है भगवान नरसिंह का अवतार, जिसे विष्णुजी का चौथा अवतार माना गया है।

भगवान विष्णु ने नरसिंह अवतार क्यों लिया था

हिंदू धर्म में भगवान विष्णु के दश अवतारों का धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व है। इन दस अवतारों में चौथा अवतार नरसिंह अवतार है, जो भक्त और भगवान के बीच की अटूट आस्था और प्रेम का प्रतीक है।

यह भी जाने

संबंधित लेख

HomeBook PoojaBook PoojaTempleTempleKundliKundliPanchangPanchang