नवीनतम लेख
नित नयो लागे साँवरो,
इकि लेवा नज़र उतार,
नजर ना लग जावै,
एकी लेवा नज़र उतार,
नज़र ना लग जावे ।
सोने के सिंघासन पर,
बैठयो म्हारों श्याम धणी,
तन केसरियो बागों है,
सोभा अपरम्पार घणी,
धीरे धीरे मुळक रह्यो,
धीरे धीरे मुलक रह्यो,
नैना से छलके प्यार,
नज़र ना लग जावै,
एकी लेवा नजर उतार,
नज़र ना लग जावे ।
भाँति भाँति के फूला का,
लाम्बा लाम्बा गजरा है,
ऊपर से इतर छिड़के,
घणा श्याम का नख़रा है,
इके आगे फ़ीका है,
इके आगे फ़ीका है,
दुनिया का राजकुमार,
नज़र ना लग जावै,
एकी लेवा नजर उतार,
नज़र ना लग जावे ।
सजधज कर के श्याम धणी,
निज दरबार लगावे है,
एक बार जो देखे है,
नज़र हटा न पावे है,
बच के रहियों साँवरा,
बच के रहियों साँवरा,
बिन्नू का ये उदगार,
नज़र ना लग जावै,
एकी लेवा नजर उतार,
नज़र ना लग जावे ।
नित नयों लागे साँवरो,
इकि लेवा नज़र उतार,
नजर ना लग जावै,
एकी लेवा नज़र उतार,
नज़र ना लग जावे ।
........................................................................................................'इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।