राधा को नाम अनमोल बोलो राधे राधे।
श्यामा को नाम अनमोल बोलो राधे राधे॥
ब्रह्मा भी बोले राधे, विष्णु भी बोले राधे।
शंकर के डमरू से आवाज आवे राधे राधे॥
गंगा भी बोले राधे, यमुना भी बोले राधे।
सरयू की धार से आवाज आवे राधे राधे॥
चंदा भी बोले राधे, सूरज भी बोले राधे।
तारो के मंडल से आवाज आवे राधे राधे॥
गैया भी बोले राधे, बछड़ा भी बोले राधे।
ढूध की धार से आवाज आवे राधे राधे॥
गोपी भी बोले राधे, ग्वाले भी बोले राधे।
बृज की सब गालिओ से आवाज आवे राधे राधे॥
राधा को नाम अनमोल बोलो राधे राधे।
श्यामा को नाम अनमोल बोलो राधे राधे॥
हिंदू धर्म में पौष मास की कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को रुक्मिणी अष्टमी के रूप में मनाया जाता है। यह पर्व भगवान श्री कृष्ण की पत्नी देवी रुक्मिणी को समर्पित है, जिन्हें माता लक्ष्मी का अवतार माना जाता है। मान्यताओं के अनुसार, रुक्मिणी अष्टमी पर ही द्वापर युग में विदर्भ के महाराज भीष्मक के यहां देवी रुक्मिणी जन्मी थीं।
हिंदू पंचांग के अनुसार पौष माह साल का 10 वां, महीना होता है जो मार्गशीर्ष पूर्णिमा के बाद शुरू होता है। वैदिक पंचाग के अनुसार इस साल पौष माह 16 दिसंबर से प्रारंभ हो चुकी है।
हिंदू पंचांग में दसवें माह को पौष कहते हैं। इस बार पौष मास की शुरुआत 16 दिसंबर से हो गई है जो 13 जनवरी तक रहेगी। इस मास में हेमंत ऋतु का प्रभाव रहता है।
पंचांग के अनुसार, मार्गशीर्ष के बाद पौष का महीना आता है। ये हिंदू कैलेंडर का 10वां महीना होता है। पौष के महीने में सूर्य देव की पूजा का विशेष महत्व बताया गया है।